जन सुराज के सूत्रधार और राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने एक बार फिर तेज़ हमले करते हुए बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। अपने बिहार बदलाव यात्रा के दौरान शनिवार को मुजफ्फरपुर और सीतामढ़ी के दौरे पर पहुँचे पीके ने औराई प्रखंड में जनसभा को संबोधित करने के बाद पत्रकारों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव पर डॉ. भीमराव अंबेडकर का कथित अपमान करने को लेकर कड़ा प्रहार किया।
प्रशांत किशोर ने कहा कि लालू यादव पिछले 30 वर्षों से सामाजिक न्याय का नारा देकर सिर्फ अपने परिवार और बच्चों का राजनीतिक और आर्थिक उत्थान कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि लालू यादव का असली एजेंडा समाज का भला करना नहीं, बल्कि जातिगत राजनीति के जरिए सत्ता में बने रहना है। पीके ने कहा, अगर लालू जी ने वाकई बाबा साहेब की तस्वीर पर पैर रखा है, तो यह बेहद अपमानजनक और निंदनीय है। यह सिर्फ अंबेडकर जी का ही नहीं, बल्कि संविधान और समूचे दलित समाज का अपमान है। प्रशांत किशोर ने इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को भी घेरा। उन्होंने कहा, जो राहुल गांधी हर जगह संविधान की प्रति लेकर घूमते हैं, क्या उनमें साहस है कि वो अपने सहयोगी द्वारा अंबेडकर जी के अपमान पर कोई टिप्पणी करें? क्या वो इसके खिलाफ एक शब्द भी बोलेंगे?” पीके ने यह भी कहा कि लालू यादव और उनके परिवार ने बिहार में पिछले तीन दशकों में सिर्फ भ्रष्टाचार और बेरोजगारी को बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा कि आज बिहार की स्थिति यह है कि पूरा राज्य मजदूरों की फैक्ट्री बन गया है, जहाँ से लोग रोज़गार के लिए पलायन करने को मजबूर हैं। प्रशांत किशोर ने साफ किया कि उनका मकसद केवल राजनीति करना नहीं, बल्कि बिहार में वास्तविक बदलाव लाना है।
सारस न्यूज, किशनगंज।
जन सुराज के सूत्रधार और राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने एक बार फिर तेज़ हमले करते हुए बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। अपने बिहार बदलाव यात्रा के दौरान शनिवार को मुजफ्फरपुर और सीतामढ़ी के दौरे पर पहुँचे पीके ने औराई प्रखंड में जनसभा को संबोधित करने के बाद पत्रकारों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव पर डॉ. भीमराव अंबेडकर का कथित अपमान करने को लेकर कड़ा प्रहार किया।
प्रशांत किशोर ने कहा कि लालू यादव पिछले 30 वर्षों से सामाजिक न्याय का नारा देकर सिर्फ अपने परिवार और बच्चों का राजनीतिक और आर्थिक उत्थान कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि लालू यादव का असली एजेंडा समाज का भला करना नहीं, बल्कि जातिगत राजनीति के जरिए सत्ता में बने रहना है। पीके ने कहा, अगर लालू जी ने वाकई बाबा साहेब की तस्वीर पर पैर रखा है, तो यह बेहद अपमानजनक और निंदनीय है। यह सिर्फ अंबेडकर जी का ही नहीं, बल्कि संविधान और समूचे दलित समाज का अपमान है। प्रशांत किशोर ने इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को भी घेरा। उन्होंने कहा, जो राहुल गांधी हर जगह संविधान की प्रति लेकर घूमते हैं, क्या उनमें साहस है कि वो अपने सहयोगी द्वारा अंबेडकर जी के अपमान पर कोई टिप्पणी करें? क्या वो इसके खिलाफ एक शब्द भी बोलेंगे?” पीके ने यह भी कहा कि लालू यादव और उनके परिवार ने बिहार में पिछले तीन दशकों में सिर्फ भ्रष्टाचार और बेरोजगारी को बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा कि आज बिहार की स्थिति यह है कि पूरा राज्य मजदूरों की फैक्ट्री बन गया है, जहाँ से लोग रोज़गार के लिए पलायन करने को मजबूर हैं। प्रशांत किशोर ने साफ किया कि उनका मकसद केवल राजनीति करना नहीं, बल्कि बिहार में वास्तविक बदलाव लाना है।
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