सारस न्यूज, किशनगंज।
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने सिवान में प्रेस वार्ता के दौरान बिहार की राजनीति और सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने बताया कि 20 मई से सिताब दियारा से शुरू की गई ‘बिहार बदलाव यात्रा’ का उद्देश्य लोकनायक जयप्रकाश नारायण (जेपी) के अधूरे सपनों को साकार करना है। उन्होंने कहा कि जेपी आंदोलन से सत्ता बदली, लेकिन बिहार की स्थिति नहीं बदली। इसलिए अब जरूरी है कि बिहार में व्यवस्था परिवर्तन हो।
बिहार को ‘मजदूरों की फैक्ट्री’ बना दिया गया है-
प्रशांत किशोर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगामी बिहार दौरे पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, मोदी जी बिहार में श्रमिक ट्रेनों की घोषणा करते हैं और गुजरात में फैक्ट्रियों की। बिहार को गरीबों की आपूर्ति केंद्र बना दिया गया है।” उन्होंने सवाल उठाया कि जब 2015 में पीएम ने बिहार के लिए 1.25 लाख करोड़ रुपए के विशेष पैकेज की घोषणा की थी, तो उसका क्या हुआ? अगर राशि भेजी गई, तो कहां गई? और अगर नहीं भेजी गई, तो घोषणा क्यों की? उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार की जदयू-भाजपा सरकार ने उस राशि को लूट लिया।
अब ट्रेन नहीं, रोजगार और शिक्षा चाहिए-
प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार को अब केवल ट्रेनों की नहीं, बल्कि बेहतर शिक्षा व्यवस्था और स्थायी रोजगार की जरूरत है। उन्होंने मांग की कि बंद पड़ी चीनी मिलें फिर से शुरू की जाएं और युवाओं को स्थानीय रोजगार मिले।
बिहार में बढ़ता अपराध, भ्रष्टाचार चरम पर-
बढ़ते अपराध को लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की क्षमता पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की मानसिक स्थिति अब निर्णय लेने लायक नहीं है और राज्य की बागडोर कुछ भ्रष्ट मंत्री और अधिकारी संभाल रहे हैं, जिससे कानून व्यवस्था चरमरा गई है।
‘बदलाव का हस्ताक्षर’ अभियान-
उन्होंने बताया कि जन सुराज राज्यभर में ‘बदलाव का हस्ताक्षर’ अभियान चला रहा है, जिसमें कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर सरकार के तीन प्रमुख वादों पर जनता से सवाल कर रहे हैं। पीके ने कहा, बिहार को बदलने के लिए सत्ता नहीं, व्यवस्था बदलनी होगी और यही इस यात्रा का उद्देश्य है।