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बिहार-यूपी में मौसम ने ली करवट: दोपहर में छाया अंधेरा, किसानों की उम्मीदों पर फिरा पानी।

ByHoor Fatma

Apr 10, 2025 #मौसम

सारस न्यूज़, वेब डेस्क।

बक्सर/पटना/वाराणसी:
गुरुवार दोपहर अचानक मौसम का मिजाज ऐसा बदला कि बिहार और उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अफरा-तफरी मच गई। बक्सर में करीब एक बजे आसमान में घने काले बादल छा गए और देखते ही देखते तेज़ आंधी के साथ बारिश शुरू हो गई। दोपहर का समय होते हुए भी सड़कों पर अंधेरा इस कदर घिर गया कि वाहन चालकों को लाइट जलाकर भी मुश्किल से रास्ता नजर आया।

मौसम की इस अचानक करवट ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया। तेज़ हवाओं के साथ आई धूलभरी आंधी ने कई जगह पेड़-पौधों को झुका दिया और खेतों में खड़ी फसलें भी इस बवंडर की चपेट में आ गईं।

मौसम विभाग का अलर्ट साबित हुआ सटीक
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के पटना केंद्र ने गुरुवार सुबह ही बक्सर, कैमूर समेत दक्षिण-पश्चिम बिहार के जिलों के लिए खराब मौसम का अलर्ट जारी किया था। दोपहर तक यह चेतावनी हकीकत में बदल गई और पूरे इलाके में गरज-तड़क के साथ बारिश होने लगी।

यूपी के इन जिलों में भी बिगड़े हालात
बक्सर से सटे उत्तर प्रदेश के बलिया, गाजीपुर और वाराणसी जिलों में भी मौसम ने कहर बरपाया। आसमान से बरसी बारिश और तूफानी हवाओं ने इन क्षेत्रों में भी जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे तक ऐसे ही हालात बने रहने की संभावना जताई है।

किसानों को बड़ा झटका, रबी की फसल पर मंडराया संकट
मौसम की इस मार से सबसे ज्यादा मायूस किसान हैं। रबी सीजन की फसलें—खासतौर पर गेहूं—इस वक्त कटाई के लिए पूरी तरह तैयार हैं। इलाके में गेहूं की कटनी जोरों पर चल रही थी, लेकिन अब बारिश और नमी के कारण यह प्रक्रिया पूरी तरह रुक गई है।

अब तेज धूप का इंतजार
किसानों को अब दो से तीन दिन तक मौसम खुलने और तेज धूप निकलने का इंतजार करना पड़ेगा ताकि खेतों में फिर से काम शुरू किया जा सके। फिलहाल खेतों में नमी और कीचड़ के कारण फसल काटना मुश्किल हो गया है।

12 अप्रैल से सुधरने के आसार, लेकिन पूर्वी बिहार में लंबा असर
मौसम विभाग का अनुमान है कि इलाके में 12 अप्रैल से मौसम साफ होना शुरू होगा। हालांकि पूर्वी बिहार के जिलों में इसका असर थोड़ी देर तक बना रह सकता है, जिससे वहां के किसानों को और अधिक इंतजार करना पड़ सकता है।

निष्कर्ष:
जहां एक ओर यह बदला मौसम गर्मी से राहत लेकर आया है, वहीं दूसरी ओर किसानों के लिए यह चिंता की घड़ी बन गया है। आसमान से बरसती बारिश ने उन फसलों को खतरे में डाल दिया है, जिन पर पूरे साल की मेहनत टिकी थी।

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