लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा को लेकर पूरे क्षेत्र में जोर-शोर से तैयारियाँ शुरू हो गई हैं। शुक्रवार को भरगामा प्रखंड मुख्यालय समेत आसपास के बाजारों में बांस से निर्मित छिट्टा, दउरा, सूप और कोनिया जैसी पूजन सामग्रियों की जबरदस्त बिक्री देखने को मिली।
बढ़ती मांग को देखते हुए बांस शिल्प से जुड़े कारीगर दिन-रात एक कर छठ पूजा में प्रयुक्त सामग्रियाँ तैयार करने में जुटे हैं। हर घर-आँगन से बांस की खटखटाहट और हथौड़े की आवाज़ें इस बात की गवाही दे रही हैं कि छठ का रंग धीरे-धीरे पूरे क्षेत्र पर चढ़ने लगा है।
कारीगरों का कहना है कि छठ पर्व उनके लिए न केवल आस्था का पर्व है, बल्कि रोज़गार का भी अवसर लेकर आता है। बाजारों में ग्राहकों की बढ़ती भीड़ से लोगों में उल्लास और श्रद्धा दोनों का माहौल देखने को मिल रहा है।
सारस न्यूज, वेब डेस्क।
लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा को लेकर पूरे क्षेत्र में जोर-शोर से तैयारियाँ शुरू हो गई हैं। शुक्रवार को भरगामा प्रखंड मुख्यालय समेत आसपास के बाजारों में बांस से निर्मित छिट्टा, दउरा, सूप और कोनिया जैसी पूजन सामग्रियों की जबरदस्त बिक्री देखने को मिली।
बढ़ती मांग को देखते हुए बांस शिल्प से जुड़े कारीगर दिन-रात एक कर छठ पूजा में प्रयुक्त सामग्रियाँ तैयार करने में जुटे हैं। हर घर-आँगन से बांस की खटखटाहट और हथौड़े की आवाज़ें इस बात की गवाही दे रही हैं कि छठ का रंग धीरे-धीरे पूरे क्षेत्र पर चढ़ने लगा है।
कारीगरों का कहना है कि छठ पर्व उनके लिए न केवल आस्था का पर्व है, बल्कि रोज़गार का भी अवसर लेकर आता है। बाजारों में ग्राहकों की बढ़ती भीड़ से लोगों में उल्लास और श्रद्धा दोनों का माहौल देखने को मिल रहा है।
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