बिहार में इन दिनों ‘इंडिया गठबंधन’ की ओर से निकाली जा रही वॉटर अधिकार यात्रा ने राजनीतिक हलकों में नई सरगर्मियां पैदा कर दी हैं। जल अधिकारों और जल प्रबंधन से जुड़ी जन-चेतना को लेकर आयोजित इस यात्रा में महागठबंधन के सभी प्रमुख दलों के नेता एकजुट होकर प्रदेश के विभिन्न जिलों में पहुंच रहे हैं।
यात्रा के तहत कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी बिहार में अपनी सक्रिय भागीदारी दर्ज कराई। राहुल की मौजूदगी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नया जोश भर दिया और पूरे कार्यक्रम को खासा ऊर्जा प्रदान की। उन्होंने यात्रा के दौरान जनता से संवाद स्थापित करते हुए जल संकट, किसान मुद्दे और जलवायु परिवर्तन से संबंधित चुनौतियों पर चर्चा की।
राहुल गांधी ने अपने संबोधन में कहा,
महागठबंधन के अन्य प्रमुख दल जैसे राजद, जद(एस), भाकपा(माले) आदि के नेता भी यात्रा के अलग-अलग पड़ावों में सक्रिय रूप से शामिल हो रहे हैं। स्थानीय जनता की भागीदारी और समर्थन से यह यात्रा राज्यभर में चर्चा का विषय बन चुकी है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह यात्रा आने वाले विधानसभा चुनावों से पहले जनता से जुड़ने का एक बड़ा मंच साबित हो सकती है, विशेषकर ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में जहां जल संकट एक गंभीर मुद्दा है।
यात्रा का उद्देश्य:
जल संरक्षण व वितरण में समानता की मांग
किसानों को सिंचाई सुविधा में प्राथमिकता
भूजल स्तर की निगरानी और पुनर्भरण योजनाएं
जल नीति में आम जनता की भागीदारी
बिहार की धरती पर पानी जैसे मौलिक मुद्दे पर हो रही यह यात्रा न केवल राजनीतिक बल्कि सामाजिक चेतना का भी संकेत बनती जा रही है।
सारस न्यूज, वेब डेस्क।
बिहार में इन दिनों ‘इंडिया गठबंधन’ की ओर से निकाली जा रही वॉटर अधिकार यात्रा ने राजनीतिक हलकों में नई सरगर्मियां पैदा कर दी हैं। जल अधिकारों और जल प्रबंधन से जुड़ी जन-चेतना को लेकर आयोजित इस यात्रा में महागठबंधन के सभी प्रमुख दलों के नेता एकजुट होकर प्रदेश के विभिन्न जिलों में पहुंच रहे हैं।
यात्रा के तहत कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी बिहार में अपनी सक्रिय भागीदारी दर्ज कराई। राहुल की मौजूदगी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नया जोश भर दिया और पूरे कार्यक्रम को खासा ऊर्जा प्रदान की। उन्होंने यात्रा के दौरान जनता से संवाद स्थापित करते हुए जल संकट, किसान मुद्दे और जलवायु परिवर्तन से संबंधित चुनौतियों पर चर्चा की।
राहुल गांधी ने अपने संबोधन में कहा,
महागठबंधन के अन्य प्रमुख दल जैसे राजद, जद(एस), भाकपा(माले) आदि के नेता भी यात्रा के अलग-अलग पड़ावों में सक्रिय रूप से शामिल हो रहे हैं। स्थानीय जनता की भागीदारी और समर्थन से यह यात्रा राज्यभर में चर्चा का विषय बन चुकी है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह यात्रा आने वाले विधानसभा चुनावों से पहले जनता से जुड़ने का एक बड़ा मंच साबित हो सकती है, विशेषकर ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में जहां जल संकट एक गंभीर मुद्दा है।
यात्रा का उद्देश्य:
जल संरक्षण व वितरण में समानता की मांग
किसानों को सिंचाई सुविधा में प्राथमिकता
भूजल स्तर की निगरानी और पुनर्भरण योजनाएं
जल नीति में आम जनता की भागीदारी
बिहार की धरती पर पानी जैसे मौलिक मुद्दे पर हो रही यह यात्रा न केवल राजनीतिक बल्कि सामाजिक चेतना का भी संकेत बनती जा रही है।
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