President Donald Trump speaks before signing an executive order in the Oval Office of the White House, Monday, Feb. 3, 2025, in Washington. (AP Photo/Evan Vucci)
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सारस न्यूज़ टीम, वेब डेस्क, सारस न्यूज़।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि ईरान और इज़राइल एक युद्धविराम (ceasefire) पर सहमत हो गए हैं। ट्रंप ने इसे “12 दिन के युद्ध” का अंत बताया और कहा कि यह युद्धविराम अगले 24 घंटों में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
यह घोषणा उस समय आई जब ईरान ने कतर स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकाने पर मिसाइलों से हमला किया। इस हमले के बाद स्थिति और अधिक तनावपूर्ण हो गई थी, लेकिन अब शांति की ओर एक बड़ा कदम उठाया गया है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू से सीधी बातचीत की और इसराइल ने इस बात पर सहमति जताई कि जब तक ईरान कोई हमला नहीं करता है, वे युद्धविराम पर कायम रहेंगे। और वरिष्ठ ईरानी अधिकारियों ने भी पुष्टि की है कि ईरान युद्धविराम पर सहमत हो गया है।
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, विदेश मंत्री मार्को रुबियो और विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने ईरानी अधिकारियों से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों माध्यमों से बातचीत की, जिसके बाद युद्धविराम संभव हो पाया। प्रतिनिधि सभा में रिपब्लिकन स्पीकर माइक जॉनसन ने ट्रंप की युद्धविराम घोषणा पर प्रतिक्रिया दी है। जॉनसन ने एक्स पर लिखा, “शक्ति के माध्यम से शांति.” ।
युद्धविराम पर ट्रंप के दावे के बाद सवाल बरकरार – विशेषज्ञ बोले: “तेहरान पर बमबारी अब भी जारी”
वॉशिंगटन डी.सी. से अमेरिकी विदेश नीति विश्लेषक और पूर्व पेंटागन अधिकारी एडम क्लेमेंट्स ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ईरान-इज़राइल युद्धविराम की घोषणा पर सावधानी जताई है। उनका कहना है कि इस्राइली सेनाएं अब भी तेहरान पर हमले कर रही हैं, जबकि युद्धविराम की कोई औपचारिक सार्वजनिक सहमति सामने नहीं आई है।
क्लेमेंट्स ने कहा –“यह सब भरोसे पर टिका है, जो फिलहाल बेहद निचले स्तर पर है। अगर कूटनीतिक अवसर मिलता भी है, तो ट्रंप प्रशासन उसे लागू कैसे करेगा? युद्धविराम को लागू कराने की प्रक्रिया क्या होगी?”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि तेहरान में अब भी हमले हो रहे हैं और ऐसे में यह युद्धविराम कितना प्रभावी होगा, यह बड़ा सवाल है।क्लेमेंट्स ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर भी चिंता जताई और कहा -“अगर युद्धविराम लागू भी होता है, तो क्या ईरान अब अपने परमाणु कार्यक्रम को गुप्त तरीके से आगे बढ़ाएगा? अमेरिका ने इसे कुछ महीनों के लिए रोक दिया है, लेकिन क्या यह अस्थायी राहत है?”
ईरान का खंडन: अभी तक किसी युद्धविराम पर कोई सहमति नहीं — विदेश मंत्री आराग़ची का बयान
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास आराग़ची ने राष्ट्रपति ट्रंप के युद्धविराम दावे को स्पष्ट रूप से खारिज करते हुए कहा है कि फिलहाल किसी भी युद्धविराम या सैन्य कार्रवाई रोकने पर कोई सहमति नहीं हुई है।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा: “अगर इज़रायली शासन ईरानी जनता पर अपना अवैध आक्रमण तेहरान समय अनुसार सुबह 4 बजे तक नहीं रोकता, तो हम अपनी जवाबी कार्रवाई जारी रखेंगे। हालांकि, उसके बाद हमारी ओर से प्रतिक्रिया जारी रखने का कोई इरादा नहीं है।”
उन्होंने यह भी कहा कि – “हमारी सैन्य कार्रवाई को रोकने का अंतिम निर्णय बाद में लिया जाएगा।”
इस बयान से यह स्पष्ट है कि ईरान ने अभी तक किसी औपचारिक युद्धविराम को मंजूरी नहीं दी है, और हालात पूरी तरह से नियंत्रण में नहीं हैं।
ट्रंप का यह बयान और फैसला क्यों लिया गया है यह तो आने वाले वक्त में पता चलेगा लेकिन युद्ध एक अभिशाप है एक एक लोगों की जान अमूल्य है। ऐसे में यह खबर स्वागत योग्य है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि ईरान और इज़राइल एक युद्धविराम (ceasefire) पर सहमत हो गए हैं। ट्रंप ने इसे “12 दिन के युद्ध” का अंत बताया और कहा कि यह युद्धविराम अगले 24 घंटों में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
यह घोषणा उस समय आई जब ईरान ने कतर स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकाने पर मिसाइलों से हमला किया। इस हमले के बाद स्थिति और अधिक तनावपूर्ण हो गई थी, लेकिन अब शांति की ओर एक बड़ा कदम उठाया गया है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू से सीधी बातचीत की और इसराइल ने इस बात पर सहमति जताई कि जब तक ईरान कोई हमला नहीं करता है, वे युद्धविराम पर कायम रहेंगे। और वरिष्ठ ईरानी अधिकारियों ने भी पुष्टि की है कि ईरान युद्धविराम पर सहमत हो गया है।
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, विदेश मंत्री मार्को रुबियो और विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने ईरानी अधिकारियों से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों माध्यमों से बातचीत की, जिसके बाद युद्धविराम संभव हो पाया। प्रतिनिधि सभा में रिपब्लिकन स्पीकर माइक जॉनसन ने ट्रंप की युद्धविराम घोषणा पर प्रतिक्रिया दी है। जॉनसन ने एक्स पर लिखा, “शक्ति के माध्यम से शांति.” ।
युद्धविराम पर ट्रंप के दावे के बाद सवाल बरकरार – विशेषज्ञ बोले: “तेहरान पर बमबारी अब भी जारी”
वॉशिंगटन डी.सी. से अमेरिकी विदेश नीति विश्लेषक और पूर्व पेंटागन अधिकारी एडम क्लेमेंट्स ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ईरान-इज़राइल युद्धविराम की घोषणा पर सावधानी जताई है। उनका कहना है कि इस्राइली सेनाएं अब भी तेहरान पर हमले कर रही हैं, जबकि युद्धविराम की कोई औपचारिक सार्वजनिक सहमति सामने नहीं आई है।
क्लेमेंट्स ने कहा –“यह सब भरोसे पर टिका है, जो फिलहाल बेहद निचले स्तर पर है। अगर कूटनीतिक अवसर मिलता भी है, तो ट्रंप प्रशासन उसे लागू कैसे करेगा? युद्धविराम को लागू कराने की प्रक्रिया क्या होगी?”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि तेहरान में अब भी हमले हो रहे हैं और ऐसे में यह युद्धविराम कितना प्रभावी होगा, यह बड़ा सवाल है।क्लेमेंट्स ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर भी चिंता जताई और कहा -“अगर युद्धविराम लागू भी होता है, तो क्या ईरान अब अपने परमाणु कार्यक्रम को गुप्त तरीके से आगे बढ़ाएगा? अमेरिका ने इसे कुछ महीनों के लिए रोक दिया है, लेकिन क्या यह अस्थायी राहत है?”
ईरान का खंडन: अभी तक किसी युद्धविराम पर कोई सहमति नहीं — विदेश मंत्री आराग़ची का बयान
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास आराग़ची ने राष्ट्रपति ट्रंप के युद्धविराम दावे को स्पष्ट रूप से खारिज करते हुए कहा है कि फिलहाल किसी भी युद्धविराम या सैन्य कार्रवाई रोकने पर कोई सहमति नहीं हुई है।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा: “अगर इज़रायली शासन ईरानी जनता पर अपना अवैध आक्रमण तेहरान समय अनुसार सुबह 4 बजे तक नहीं रोकता, तो हम अपनी जवाबी कार्रवाई जारी रखेंगे। हालांकि, उसके बाद हमारी ओर से प्रतिक्रिया जारी रखने का कोई इरादा नहीं है।”
उन्होंने यह भी कहा कि – “हमारी सैन्य कार्रवाई को रोकने का अंतिम निर्णय बाद में लिया जाएगा।”
इस बयान से यह स्पष्ट है कि ईरान ने अभी तक किसी औपचारिक युद्धविराम को मंजूरी नहीं दी है, और हालात पूरी तरह से नियंत्रण में नहीं हैं।
ट्रंप का यह बयान और फैसला क्यों लिया गया है यह तो आने वाले वक्त में पता चलेगा लेकिन युद्ध एक अभिशाप है एक एक लोगों की जान अमूल्य है। ऐसे में यह खबर स्वागत योग्य है।