युवराज सिंह का जन्म 12 दिसम्बर, 1981 को चंडीगढ़ में एक पंजाबी परिवार में हुआ था। इनके पिता योगराज सिंह है जो कि एक पूर्व भारतीय क्रिकेटर रह चुके है साथ ही ये पंजाबी फ़िल्म के अभिनेता भी हैं। युवराज सिंह की माता शबनम सिंह है। इनके भाई जोरावर सिंह है। युवराज सिंह को बचपन में टेनिस और रोलर स्केटिंग जैसे खेलों में रुचि थी और वे इसमें काफी अच्छे भी थे।
इन्होंने नेशनल अंडर 14 रोलर स्केटिंग चैंपियनशिप भी जीती थी। इन्हें इन खेलों में ज्यादा रूचि थी किन्तु इनके पिता यह नहीं चाहते थे। युवराज को क्रिकेट खेलने के लिए कहा करते थे। वे युवराज को इसके लिए रोज ट्रेनिंग भी देते थे।
इनके पिता चाहते थे कि युवराज उनकी ही तरह एक फ़ास्ट गेंदबाज बने किन्तु युवराज स्केटर बनना चाहते थे। युवराज सिंह ने अपनी पढ़ाई चंडीगढ़ के ही देव पब्लिक स्कूल से की। इन्होंने चाइल्ड स्टार के रूप में दो फ़िल्मों ‘मेहंदी सगण दी’ एवं ‘पट सरदार’ में भी काम किया। कुछ सालों बाद माता–पिता का तलाक हो गया और युवराज सिंह अपनी माता शबनम सिंह के साथ रहने लगे। इस तरह इनका शुरूआती जीवन बीता।
युवराज सिंह बाएँ हाथ से खेलने वाले बल्लेबाज हैं। और स्लो लेफ्ट आर्म ऑर्थोडॉक्स बोलिंग करते हैं। इसके जरिये वे अपने कैरियर में आगे बढ़े। स्पिन बोलर की तुलना में वे तेज बोलर द्वारा की बॉल्स को अच्छे से खेलते हैं। सन 2005 के इंडियन ऑइल कप युवराज के कैरियर का टर्निंग पॉइंट था। युवराज बहुत ही अच्छे फील्डर हैं और इनका फील्डिंग के दौरान स्टंप पर लक्ष्य बहुत अच्छा है। युवराज एक आक्रामक तेज बल्लेबाज हैं।
जिनका स्ट्राइक रेट T– 20 में 150 से ज्यादा का और 90 के आस – पास का ODI’s में है। इन्हें विस्फोटक बल्लेबाज भी कहा जाता है। जब युवराज सिंह फॉर्म में आते है तब उनका मैच देखते ही बनता है क्योंकि उस वक्त वे बहुत ही आसानी से चौकें और छक्के लगा देते है। कहा जाता है कि युवराज ने सन 1999 के बाद से सबसे ज्यादा रन आउट किये हैं। इस तरह युवराज के खेलने का तरीका है जिसे लोग बहुत पसंद करते है।
सारस न्यूज, वेब डेस्क।
युवराज सिंह का जन्म 12 दिसम्बर, 1981 को चंडीगढ़ में एक पंजाबी परिवार में हुआ था। इनके पिता योगराज सिंह है जो कि एक पूर्व भारतीय क्रिकेटर रह चुके है साथ ही ये पंजाबी फ़िल्म के अभिनेता भी हैं। युवराज सिंह की माता शबनम सिंह है। इनके भाई जोरावर सिंह है। युवराज सिंह को बचपन में टेनिस और रोलर स्केटिंग जैसे खेलों में रुचि थी और वे इसमें काफी अच्छे भी थे।
इन्होंने नेशनल अंडर 14 रोलर स्केटिंग चैंपियनशिप भी जीती थी। इन्हें इन खेलों में ज्यादा रूचि थी किन्तु इनके पिता यह नहीं चाहते थे। युवराज को क्रिकेट खेलने के लिए कहा करते थे। वे युवराज को इसके लिए रोज ट्रेनिंग भी देते थे।
इनके पिता चाहते थे कि युवराज उनकी ही तरह एक फ़ास्ट गेंदबाज बने किन्तु युवराज स्केटर बनना चाहते थे। युवराज सिंह ने अपनी पढ़ाई चंडीगढ़ के ही देव पब्लिक स्कूल से की। इन्होंने चाइल्ड स्टार के रूप में दो फ़िल्मों ‘मेहंदी सगण दी’ एवं ‘पट सरदार’ में भी काम किया। कुछ सालों बाद माता–पिता का तलाक हो गया और युवराज सिंह अपनी माता शबनम सिंह के साथ रहने लगे। इस तरह इनका शुरूआती जीवन बीता।
युवराज सिंह बाएँ हाथ से खेलने वाले बल्लेबाज हैं। और स्लो लेफ्ट आर्म ऑर्थोडॉक्स बोलिंग करते हैं। इसके जरिये वे अपने कैरियर में आगे बढ़े। स्पिन बोलर की तुलना में वे तेज बोलर द्वारा की बॉल्स को अच्छे से खेलते हैं। सन 2005 के इंडियन ऑइल कप युवराज के कैरियर का टर्निंग पॉइंट था। युवराज बहुत ही अच्छे फील्डर हैं और इनका फील्डिंग के दौरान स्टंप पर लक्ष्य बहुत अच्छा है। युवराज एक आक्रामक तेज बल्लेबाज हैं।
जिनका स्ट्राइक रेट T– 20 में 150 से ज्यादा का और 90 के आस – पास का ODI’s में है। इन्हें विस्फोटक बल्लेबाज भी कहा जाता है। जब युवराज सिंह फॉर्म में आते है तब उनका मैच देखते ही बनता है क्योंकि उस वक्त वे बहुत ही आसानी से चौकें और छक्के लगा देते है। कहा जाता है कि युवराज ने सन 1999 के बाद से सबसे ज्यादा रन आउट किये हैं। इस तरह युवराज के खेलने का तरीका है जिसे लोग बहुत पसंद करते है।
Leave a Reply