फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर विदेशी चिकित्सा स्नातकों का राज्य चिकित्सा परिषदों में रजिस्ट्रेशन कराने को लेकर कथित अनियमितताओं की जांच सीबीआई ने गुरुवार को देश भर के विभिन्न राज्यों में 91 स्थानों पर की। सीबीआई की आधिकारिक सूचना के मुताबिक यह जांच बिहार की राजधानी पटना सहित सूबे के आठ जिलों मुंगेर, भागलपुर, चंपारण, बेगूसराय, हाजीपुर, वैशाली और नालंदा में भी की गयी। इस दौरान कुछ चिकित्सा परिषद के साथ साथ विदेशी चिकित्सा स्नातकों (एफएमजी) के परिसरों को भी खंगाला गया। जिसमें एफएमजी परीक्षा के फर्जी पास प्रमाण पत्र सहित कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए। बिहार मेडिकल रजिस्ट्रेशन काउंसिल के रजिस्ट्रार डॉ सहजानंद प्रसाद ने बताया कि यह दस साल पुराना मामला है। बिहार में अभी ऐसा कोई मामला प्रकाश में नहीं है।
देश के इन शहरों में भी हुई सीबीआई की जांच
सीबीआई के मुताबिक यह जांच दिल्ली, चंडीगढ़, अमृतसर, गुरदासपुर, भटिंडा, खन्ना, करनाल, सवाईमाधोपुर, नरवाना, हमीरपुर, शिमला, जम्मू, श्रीनगर, देहरादून, गाजियाबाद, गुवाहाटी, तेजपुर, इंफाल, सिक्किम, राजपुर, मुंबई, जयपुर, सीकर, विजयवाड़ा, वारंगल, तिरुनेलवेली, मदुरै, भोपाल, नागपुर, बुलढाणा, पुणे, जलगांव, बोकारो, विजाग सहित लगभग 91 स्थानों पर की गयी है।
योग्यता परीक्षा फेल करनेवाले भी रजिस्टर्ड
सीबीआई के मुताबिक मामला प्रकाश में आया है कि अनिवार्य योग्यता परीक्षा उत्तीर्ण करने में विफल रहने वाले 73 विदेशी चिकित्सा स्नातक कई राज्यों में चिकित्सा परिषदों के साथ खुद को रजिस्टर्ड (पंजीकृत) कराने में कामयाब रहे चिकित्सा विज्ञान में राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा उतीर्ण करने के फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर डॉक्टर बने यह अभ्यर्थी देश भर के अस्पतालों में प्रैक्टिस या नौकरी कर रहे हैं। मामले की शिकायत पर सीबीआई ने 21 दिसंबर 2022 को राज्य चिकित्सा परिषदों और एमसीआई के अज्ञात लोक सेवकों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।
सारस न्यूज, किशनगंज।
फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर विदेशी चिकित्सा स्नातकों का राज्य चिकित्सा परिषदों में रजिस्ट्रेशन कराने को लेकर कथित अनियमितताओं की जांच सीबीआई ने गुरुवार को देश भर के विभिन्न राज्यों में 91 स्थानों पर की। सीबीआई की आधिकारिक सूचना के मुताबिक यह जांच बिहार की राजधानी पटना सहित सूबे के आठ जिलों मुंगेर, भागलपुर, चंपारण, बेगूसराय, हाजीपुर, वैशाली और नालंदा में भी की गयी। इस दौरान कुछ चिकित्सा परिषद के साथ साथ विदेशी चिकित्सा स्नातकों (एफएमजी) के परिसरों को भी खंगाला गया। जिसमें एफएमजी परीक्षा के फर्जी पास प्रमाण पत्र सहित कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए। बिहार मेडिकल रजिस्ट्रेशन काउंसिल के रजिस्ट्रार डॉ सहजानंद प्रसाद ने बताया कि यह दस साल पुराना मामला है। बिहार में अभी ऐसा कोई मामला प्रकाश में नहीं है।
देश के इन शहरों में भी हुई सीबीआई की जांच
सीबीआई के मुताबिक यह जांच दिल्ली, चंडीगढ़, अमृतसर, गुरदासपुर, भटिंडा, खन्ना, करनाल, सवाईमाधोपुर, नरवाना, हमीरपुर, शिमला, जम्मू, श्रीनगर, देहरादून, गाजियाबाद, गुवाहाटी, तेजपुर, इंफाल, सिक्किम, राजपुर, मुंबई, जयपुर, सीकर, विजयवाड़ा, वारंगल, तिरुनेलवेली, मदुरै, भोपाल, नागपुर, बुलढाणा, पुणे, जलगांव, बोकारो, विजाग सहित लगभग 91 स्थानों पर की गयी है।
योग्यता परीक्षा फेल करनेवाले भी रजिस्टर्ड
सीबीआई के मुताबिक मामला प्रकाश में आया है कि अनिवार्य योग्यता परीक्षा उत्तीर्ण करने में विफल रहने वाले 73 विदेशी चिकित्सा स्नातक कई राज्यों में चिकित्सा परिषदों के साथ खुद को रजिस्टर्ड (पंजीकृत) कराने में कामयाब रहे चिकित्सा विज्ञान में राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा उतीर्ण करने के फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर डॉक्टर बने यह अभ्यर्थी देश भर के अस्पतालों में प्रैक्टिस या नौकरी कर रहे हैं। मामले की शिकायत पर सीबीआई ने 21 दिसंबर 2022 को राज्य चिकित्सा परिषदों और एमसीआई के अज्ञात लोक सेवकों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।