नई दिल्ली: भारत की उभरती हुई शतरंज सितारा दिव्या देशमुख ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए FIDE महिला शतरंज विश्व कप फाइनल जीत लिया है। इस उपलब्धि के साथ ही वह भारत की 88वीं ग्रैंडमास्टर भी बन गई हैं। उनकी इस शानदार सफलता पर भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी.आर. गवई ने उन्हें सम्मानित किया।
सम्मान समारोह के दौरान मुख्य न्यायाधीश गवई ने दिव्या देशमुख की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने न केवल शतरंज जगत में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित किया है। उन्होंने कहा, “दिव्या देशमुख ने यह सिद्ध कर दिया है कि भारत की बेटियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं।”
दिव्या की इस ऐतिहासिक जीत ने भारतीय शतरंज को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है और देश के युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा दी है। उनके इस सम्मान को खेल जगत और देशभर के लोगों द्वारा खूब सराहा जा रहा है।
दिव्या देशमुख की इस उपलब्धि ने एक बार फिर यह साबित किया है कि समर्पण, मेहनत और लगन से कोई भी मंजिल हासिल की जा सकती है।
सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
नई दिल्ली: भारत की उभरती हुई शतरंज सितारा दिव्या देशमुख ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए FIDE महिला शतरंज विश्व कप फाइनल जीत लिया है। इस उपलब्धि के साथ ही वह भारत की 88वीं ग्रैंडमास्टर भी बन गई हैं। उनकी इस शानदार सफलता पर भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी.आर. गवई ने उन्हें सम्मानित किया।
सम्मान समारोह के दौरान मुख्य न्यायाधीश गवई ने दिव्या देशमुख की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने न केवल शतरंज जगत में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित किया है। उन्होंने कहा, “दिव्या देशमुख ने यह सिद्ध कर दिया है कि भारत की बेटियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं।”
दिव्या की इस ऐतिहासिक जीत ने भारतीय शतरंज को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है और देश के युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा दी है। उनके इस सम्मान को खेल जगत और देशभर के लोगों द्वारा खूब सराहा जा रहा है।
दिव्या देशमुख की इस उपलब्धि ने एक बार फिर यह साबित किया है कि समर्पण, मेहनत और लगन से कोई भी मंजिल हासिल की जा सकती है।
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