गोवा के अर्पोरा स्थित एक क्लब में शनिवार देर रात लगी भीषण आग ने कम से कम 25 लोगों की जान ले ली, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। इस हादसे ने क्लब में वर्षों से चली आ रही अनियमितताओं तथा सरकारी निगरानी की ढिलाई को उजागर कर दिया है।
राज्य सरकार के अनुसार, आग में मारे गए सभी लोगों की पहचान कर ली गई है। मृतकों में 20 कर्मचारी शामिल हैं, जबकि पांच पर्यटक दिल्ली और कर्नाटक के निवासी थे।
आग कैसे लगी?
घटना के तुरंत बाद पुलिस की प्रारंभिक रिपोर्ट में सिलेंडर विस्फोट की आशंका जताई गई थी, लेकिन मौके पर मौजूद कई प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया कि डांस परफॉर्मेंस के दौरान इस्तेमाल किए गए कोल्ड पायरो उपकरण से आग भड़की।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, करीब 200 लोग क्लब के अंदर मौजूद थे जब छत—जो बांस, फाइबर और पुआल जैसे ज्वलनशील सामग्री से बनी थी—पर आतिशबाज़ी की चिंगारी गिरी और कुछ ही मिनटों में पूरा परिसर आग की लपटों में घिर गया।
एक चश्मदीद ने बताया, “बेली डांस चल रहा था। कलाकारों ने कोल्ड पायरो स्टिक जलाई और उसकी चिंगारी सीधा छत से टकराई। कुछ सेकंड में धुआं उठने लगा और थोड़ी ही देर में पूरा हॉल जलने लगा।”
क्लब की अवैधता भी उजागर
हादसे के बाद यह भी सामने आया कि “Birch by Romeo Lane” नामक यह नाइटक्लब बिना आधिकारिक अनुमति के संचालित हो रहा था।
साथ ही क्लब में निकास द्वारों की संख्या बेहद कम थी और प्रवेश–निकास के लिए बनी संकरी गलियाँ आग लगने के बाद लोगों के लिए जानलेवा साबित हुईं।
आग बुझाने वाली गाड़ियां भी क्लब तक नहीं पहुंच सकीं और करीब 400 मीटर दूर रोकनी पड़ीं, जिससे रेस्क्यू कार्य में भारी देरी हुई।
चार लोग गिरफ्तार, जांच कमेटी गठित
घटना के सिलसिले में पुलिस ने क्लब के चीफ जनरल मैनेजर राजीव मोडक (49), गेट मैनेजर प्रियांशु ठाकुर (32), बार मैनेजर राजवीर सिंगानिया (32) और जनरल मैनेजर विवेक सिंह (27) को गिरफ्तार किया है।
राज्य सरकार ने एक तीन-सदस्यीय जांच समिति बनाई है, जिसमें दक्षिण गोवा कलेक्टर, फायर एवं इमरजेंसी सर्विसेज के डिप्टी डायरेक्टर और फॉरेंसिक लैब के डायरेक्टर शामिल हैं। समिति को एक सप्ताह में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को ₹5 लाख तथा घायलों को ₹50,000 की सहायता राशि देने की घोषणा की है।
सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
गोवा के अर्पोरा स्थित एक क्लब में शनिवार देर रात लगी भीषण आग ने कम से कम 25 लोगों की जान ले ली, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। इस हादसे ने क्लब में वर्षों से चली आ रही अनियमितताओं तथा सरकारी निगरानी की ढिलाई को उजागर कर दिया है।
राज्य सरकार के अनुसार, आग में मारे गए सभी लोगों की पहचान कर ली गई है। मृतकों में 20 कर्मचारी शामिल हैं, जबकि पांच पर्यटक दिल्ली और कर्नाटक के निवासी थे।
आग कैसे लगी?
घटना के तुरंत बाद पुलिस की प्रारंभिक रिपोर्ट में सिलेंडर विस्फोट की आशंका जताई गई थी, लेकिन मौके पर मौजूद कई प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया कि डांस परफॉर्मेंस के दौरान इस्तेमाल किए गए कोल्ड पायरो उपकरण से आग भड़की।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, करीब 200 लोग क्लब के अंदर मौजूद थे जब छत—जो बांस, फाइबर और पुआल जैसे ज्वलनशील सामग्री से बनी थी—पर आतिशबाज़ी की चिंगारी गिरी और कुछ ही मिनटों में पूरा परिसर आग की लपटों में घिर गया।
एक चश्मदीद ने बताया, “बेली डांस चल रहा था। कलाकारों ने कोल्ड पायरो स्टिक जलाई और उसकी चिंगारी सीधा छत से टकराई। कुछ सेकंड में धुआं उठने लगा और थोड़ी ही देर में पूरा हॉल जलने लगा।”
क्लब की अवैधता भी उजागर
हादसे के बाद यह भी सामने आया कि “Birch by Romeo Lane” नामक यह नाइटक्लब बिना आधिकारिक अनुमति के संचालित हो रहा था।
साथ ही क्लब में निकास द्वारों की संख्या बेहद कम थी और प्रवेश–निकास के लिए बनी संकरी गलियाँ आग लगने के बाद लोगों के लिए जानलेवा साबित हुईं।
आग बुझाने वाली गाड़ियां भी क्लब तक नहीं पहुंच सकीं और करीब 400 मीटर दूर रोकनी पड़ीं, जिससे रेस्क्यू कार्य में भारी देरी हुई।
चार लोग गिरफ्तार, जांच कमेटी गठित
घटना के सिलसिले में पुलिस ने क्लब के चीफ जनरल मैनेजर राजीव मोडक (49), गेट मैनेजर प्रियांशु ठाकुर (32), बार मैनेजर राजवीर सिंगानिया (32) और जनरल मैनेजर विवेक सिंह (27) को गिरफ्तार किया है।
राज्य सरकार ने एक तीन-सदस्यीय जांच समिति बनाई है, जिसमें दक्षिण गोवा कलेक्टर, फायर एवं इमरजेंसी सर्विसेज के डिप्टी डायरेक्टर और फॉरेंसिक लैब के डायरेक्टर शामिल हैं। समिति को एक सप्ताह में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को ₹5 लाख तथा घायलों को ₹50,000 की सहायता राशि देने की घोषणा की है।