दुबई एयर शो में शुक्रवार को एक बेहद दुखद घटना सामने आई, जहां भारतीय वायुसेना का तेजस लड़ाकू विमान अपने एरियल डिस्प्ले के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में पायलट की मौत हो गई, जिससे पूरे रक्षा समुदाय में शोक की लहर है।
भारतीय वायुसेना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर पोस्ट करते हुए घटना की पुष्टि की। बयान में कहा गया— “आईएएफ का तेजस विमान आज दुबई एयर शो में प्रदर्शन के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। पायलट को गंभीर चोटें आईं, जिससे उनकी मृत्यु हो गई। इस दुखद क्षति पर वायुसेना शोक व्यक्त करती है और शहीद पायलट के परिवार के साथ खड़ी है।”
An IAF Tejas aircraft met with an accident during an aerial display at Dubai Air Show, today. The pilot sustained fatal injuries in the accident.
IAF deeply regrets the loss of life and stands firmly with the bereaved family in this time of grief.
वायुसेना ने यह भी स्पष्ट किया कि हादसे के वास्तविक कारणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी बैठाई जाएगी।
एयर शो में अफरा-तफरी
दुर्घटना उस समय हुई जब दुनिया भर की एयरफोर्स और एयरोस्पेस कंपनियां इस प्रतिष्ठित शो में अपने अत्याधुनिक विमान और तकनीक का प्रदर्शन कर रही थीं। दुबई एयर शो को वैश्विक स्तर पर सबसे प्रमुख एविएशन इवेंट्स में गिना जाता है।
तेजस विमान पहले भी एक बार दुर्घटनाग्रस्त हो चुका है। मार्च 2024 में राजस्थान के जैसलमेर के पास हुए हादसे में पायलट ने समय रहते इजेक्ट कर अपनी जान बचा ली थी। बाद में प्रारंभिक जांच में बताया गया था कि दुर्घटना का कारण तेल पंप में खराबी से इंजन फेल होना था।
LCA Tejas क्या है?
तेजस एक 4.5-जनरेशन, मल्टी-रोल, ऑल-वेदर हल्का लड़ाकू विमान है, जिसे भारत ने पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से डिजाइन और विकसित किया है। यह विमान हवाई हमलों, नज़दीकी लड़ाई, ज़मीनी लक्ष्य भेदन और समुद्री मिशनों जैसी कई अहम भूमिकाओं में सक्षम है।
HAL और जर्मन कंपनी HENSOLDT का नया रक्षा सहयोग
तेजस को इस एयर शो में प्रदर्शित करना भारत के लिए महत्वपूर्ण था, खासकर इसलिए क्योंकि इसी सप्ताह हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और जर्मनी की HENSOLDT के बीच एक अहम समझौता हुआ है। दोनों कंपनियों ने मिलकर भारतीय सैन्य हेलीकॉप्टरों के लिए LiDAR-आधारित ऑब्स्टेकल अवॉइडेंस सिस्टम बनाने पर सहमति जताई है। यह साझेदारी लगभग तीन दशक बाद भारत–जर्मनी की उन्नत रक्षा तकनीक में दोबारा प्रवेश का संकेत देती है।
इस प्रोजेक्ट को वैश्विक रक्षा उद्योगों में काफी सराहना मिल रही है, जो भारत की तेज़ी से बढ़ती रक्षा नवाचार क्षमता को दर्शाता है।
सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
दुबई एयर शो में शुक्रवार को एक बेहद दुखद घटना सामने आई, जहां भारतीय वायुसेना का तेजस लड़ाकू विमान अपने एरियल डिस्प्ले के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में पायलट की मौत हो गई, जिससे पूरे रक्षा समुदाय में शोक की लहर है।
भारतीय वायुसेना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर पोस्ट करते हुए घटना की पुष्टि की। बयान में कहा गया— “आईएएफ का तेजस विमान आज दुबई एयर शो में प्रदर्शन के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। पायलट को गंभीर चोटें आईं, जिससे उनकी मृत्यु हो गई। इस दुखद क्षति पर वायुसेना शोक व्यक्त करती है और शहीद पायलट के परिवार के साथ खड़ी है।”
An IAF Tejas aircraft met with an accident during an aerial display at Dubai Air Show, today. The pilot sustained fatal injuries in the accident.
IAF deeply regrets the loss of life and stands firmly with the bereaved family in this time of grief.
वायुसेना ने यह भी स्पष्ट किया कि हादसे के वास्तविक कारणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी बैठाई जाएगी।
एयर शो में अफरा-तफरी
दुर्घटना उस समय हुई जब दुनिया भर की एयरफोर्स और एयरोस्पेस कंपनियां इस प्रतिष्ठित शो में अपने अत्याधुनिक विमान और तकनीक का प्रदर्शन कर रही थीं। दुबई एयर शो को वैश्विक स्तर पर सबसे प्रमुख एविएशन इवेंट्स में गिना जाता है।
तेजस विमान पहले भी एक बार दुर्घटनाग्रस्त हो चुका है। मार्च 2024 में राजस्थान के जैसलमेर के पास हुए हादसे में पायलट ने समय रहते इजेक्ट कर अपनी जान बचा ली थी। बाद में प्रारंभिक जांच में बताया गया था कि दुर्घटना का कारण तेल पंप में खराबी से इंजन फेल होना था।
LCA Tejas क्या है?
तेजस एक 4.5-जनरेशन, मल्टी-रोल, ऑल-वेदर हल्का लड़ाकू विमान है, जिसे भारत ने पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से डिजाइन और विकसित किया है। यह विमान हवाई हमलों, नज़दीकी लड़ाई, ज़मीनी लक्ष्य भेदन और समुद्री मिशनों जैसी कई अहम भूमिकाओं में सक्षम है।
HAL और जर्मन कंपनी HENSOLDT का नया रक्षा सहयोग
तेजस को इस एयर शो में प्रदर्शित करना भारत के लिए महत्वपूर्ण था, खासकर इसलिए क्योंकि इसी सप्ताह हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और जर्मनी की HENSOLDT के बीच एक अहम समझौता हुआ है। दोनों कंपनियों ने मिलकर भारतीय सैन्य हेलीकॉप्टरों के लिए LiDAR-आधारित ऑब्स्टेकल अवॉइडेंस सिस्टम बनाने पर सहमति जताई है। यह साझेदारी लगभग तीन दशक बाद भारत–जर्मनी की उन्नत रक्षा तकनीक में दोबारा प्रवेश का संकेत देती है।
इस प्रोजेक्ट को वैश्विक रक्षा उद्योगों में काफी सराहना मिल रही है, जो भारत की तेज़ी से बढ़ती रक्षा नवाचार क्षमता को दर्शाता है।
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