आज 15 अगस्त, भारत के लिए केवल एक तारीख नहीं, बल्कि इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज वह दिन है जब हमारे देश ने ब्रिटिश हुकूमत की बेड़ियों को तोड़कर स्वतंत्रता की सांस ली। 1947 में आज ही के दिन भारत एक आज़ाद राष्ट्र के रूप में उभरा, और तिरंगे ने पहली बार लाल किले की प्राचीर पर गर्व से लहराया।
स्वतंत्रता दिवस हमें उन अनगिनत वीरों के बलिदान की याद दिलाता है, जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना मातृभूमि की रक्षा के लिए संघर्ष किया। महात्मा गांधी, भगत सिंह, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सरदार पटेल, पंडित नेहरू और अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग के बिना यह आज़ादी संभव नहीं थी।
आज देशभर में तिरंगा फहराया जा रहा है, सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं और हर गली-मोहल्ला देशभक्ति के रंग में रंगा हुआ है। स्कूल, कॉलेज, सरकारी संस्थान और समाज के हर वर्ग के लोग इस दिन को उत्साह और गर्व के साथ मना रहे हैं।
लाल किले से प्रधानमंत्री देश को संबोधित करते हैं, जहां देश की उपलब्धियों, चुनौतियों और भविष्य की दिशा पर प्रकाश डाला जाता है। यह दिन न केवल स्वतंत्रता का उत्सव है, बल्कि यह संकल्प लेने का अवसर भी है कि हम अपने देश को और मजबूत, सुरक्षित और समृद्ध बनाएंगे।
स्वतंत्रता दिवस हमें याद दिलाता है कि आज़ादी केवल एक उपहार नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी भी है। हमें अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए एक बेहतर भारत के निर्माण में योगदान देना चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ियां भी गर्व से कह सकें— “सारे जहाँ से अच्छा, हिंदुस्तां हमारा।”
सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
आज 15 अगस्त, भारत के लिए केवल एक तारीख नहीं, बल्कि इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज वह दिन है जब हमारे देश ने ब्रिटिश हुकूमत की बेड़ियों को तोड़कर स्वतंत्रता की सांस ली। 1947 में आज ही के दिन भारत एक आज़ाद राष्ट्र के रूप में उभरा, और तिरंगे ने पहली बार लाल किले की प्राचीर पर गर्व से लहराया।
स्वतंत्रता दिवस हमें उन अनगिनत वीरों के बलिदान की याद दिलाता है, जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना मातृभूमि की रक्षा के लिए संघर्ष किया। महात्मा गांधी, भगत सिंह, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सरदार पटेल, पंडित नेहरू और अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग के बिना यह आज़ादी संभव नहीं थी।
आज देशभर में तिरंगा फहराया जा रहा है, सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं और हर गली-मोहल्ला देशभक्ति के रंग में रंगा हुआ है। स्कूल, कॉलेज, सरकारी संस्थान और समाज के हर वर्ग के लोग इस दिन को उत्साह और गर्व के साथ मना रहे हैं।
लाल किले से प्रधानमंत्री देश को संबोधित करते हैं, जहां देश की उपलब्धियों, चुनौतियों और भविष्य की दिशा पर प्रकाश डाला जाता है। यह दिन न केवल स्वतंत्रता का उत्सव है, बल्कि यह संकल्प लेने का अवसर भी है कि हम अपने देश को और मजबूत, सुरक्षित और समृद्ध बनाएंगे।
स्वतंत्रता दिवस हमें याद दिलाता है कि आज़ादी केवल एक उपहार नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी भी है। हमें अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए एक बेहतर भारत के निर्माण में योगदान देना चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ियां भी गर्व से कह सकें— “सारे जहाँ से अच्छा, हिंदुस्तां हमारा।”
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