केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत रॉय के प्रश्न का उत्तर देते हुए कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि देश का कोई भी राज्य पश्चिम बंगाल का मॉडल अपनाना नहीं चाहेगा। रॉय ने प्रश्नकाल के दौरान वामपंथी उग्रवाद के खात्मे का हवाला देते हुए पूछा था कि क्या केंद्र सरकार इस मॉडल को अन्य राज्यों में लागू करेगी।
अमित शाह ने जवाब में कहा, ‘अगर कोई राज्य अच्छा काम करता है, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को उसके उदाहरण को अपनाने में कोई समस्या नहीं है। लेकिन कोई राज्य नहीं चाहेगा कि पश्चिम बंगाल का मॉडल उसके यहां लागू हो।’
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने वामपंथी उग्रवाद की घटनाओं में 53 प्रतिशत की कमी के बारे में बताते हुए कहा कि पिछले 10 सालों में सुरक्षा बलों की मौत के मामलों में भी 72 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद में शामिल लोग संविधान और लोकतंत्र में विश्वास नहीं करते और वे हथियार के माध्यम से सत्ता हथियाना चाहते हैं।
राय ने यह भी बताया कि 2010 में 96 जिले वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित थे, लेकिन मोदी सरकार के प्रयासों के कारण 2023 में यह संख्या घटकर 42 जिलों तक सिमट गई है। उन्होंने कहा कि 10 सालों में किए गए प्रयासों का प्रभाव स्पष्ट दिखता है और आने वाले दिनों में वामपंथी उग्रवाद को पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा।
सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत रॉय के प्रश्न का उत्तर देते हुए कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि देश का कोई भी राज्य पश्चिम बंगाल का मॉडल अपनाना नहीं चाहेगा। रॉय ने प्रश्नकाल के दौरान वामपंथी उग्रवाद के खात्मे का हवाला देते हुए पूछा था कि क्या केंद्र सरकार इस मॉडल को अन्य राज्यों में लागू करेगी।
अमित शाह ने जवाब में कहा, ‘अगर कोई राज्य अच्छा काम करता है, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को उसके उदाहरण को अपनाने में कोई समस्या नहीं है। लेकिन कोई राज्य नहीं चाहेगा कि पश्चिम बंगाल का मॉडल उसके यहां लागू हो।’
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने वामपंथी उग्रवाद की घटनाओं में 53 प्रतिशत की कमी के बारे में बताते हुए कहा कि पिछले 10 सालों में सुरक्षा बलों की मौत के मामलों में भी 72 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद में शामिल लोग संविधान और लोकतंत्र में विश्वास नहीं करते और वे हथियार के माध्यम से सत्ता हथियाना चाहते हैं।
राय ने यह भी बताया कि 2010 में 96 जिले वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित थे, लेकिन मोदी सरकार के प्रयासों के कारण 2023 में यह संख्या घटकर 42 जिलों तक सिमट गई है। उन्होंने कहा कि 10 सालों में किए गए प्रयासों का प्रभाव स्पष्ट दिखता है और आने वाले दिनों में वामपंथी उग्रवाद को पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा।
Leave a Reply