सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
केवन पारेख बनेंगे Apple के CFO
प्रमुख टेक कंपनी Apple ने हाल ही में घोषणा की है कि भारतीय मूल के केवन पारेख कंपनी के नए चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) बनेंगे। वे 1 जनवरी 2025 से इस पद को संभालेंगे और एक्जीक्यूटिव टीम का हिस्सा होंगे। वर्तमान में, केवन कंपनी में वीपी (फाइनेंशियल प्लानिंग एंड एनालिसिस) के रूप में कार्यरत हैं।
वैभव तनेजा: Tesla के CFO
दुनिया के सबसे धनी उद्योगपतियों में से एक, एलन मस्क की कार निर्माता कंपनी Tesla के CFO का पदभार भारतीय मूल के वैभव तनेजा संभाल रहे हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से स्नातक की पढ़ाई की और इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया से अकाउंटेंसी की पढ़ाई पूरी की। वैभव तनेजा लंबे समय से Tesla के साथ जुड़े हैं और 2023 में उन्हें CFO नियुक्त किया गया था।
अरविंद कृष्ण: IBM के CEO
भारतीय मूल के अरविंद कृष्ण अमेरिका की दिग्गज आईटी कंपनी IBM के CEO हैं। उन्होंने 2020 में यह पद संभाला था और 1990 से IBM के साथ जुड़े हुए हैं। अरविंद कृष्ण ने IIT कानपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया और इलिनोइस विश्वविद्यालय, अर्थाना-शैम्पेन से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी की है।
सुंदर पिचाई: गूगल के CEO
भारतीय मूल के सुंदर पिचाई गूगल की बागडोर संभाल रहे हैं, जो दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है। टिम कुक के बाद 2015 में उन्हें गूगल का CEO नियुक्त किया गया था। उन्होंने IIT खड़गपुर से बीटेक किया और गूगल के साथ उनका 20 से अधिक वर्षों का जुड़ाव है।
सत्या नडेला: माइक्रोसॉफ्ट के CEO
सत्या नडेला, जो भारतीय मूल के हैं, 2014 से माइक्रोसॉफ्ट के CEO के रूप में कार्यरत हैं। हैदराबाद में जन्मे नडेला ने अपनी स्नातक की पढ़ाई मनिपाल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से की।
शांतनु नारायण: एडोब के चेयरमैन और CEO
फोटोशॉप बनाने वाली कंपनी एडोब के चेयरमैन और CEO भारतीय मूल के शांतनु नारायण हैं। 1998 में एडोब से जुड़े शांतनु को 2005 में COO बनाया गया था और 2007 में उन्होंने CEO का पदभार ग्रहण किया। 2017 में वे कंपनी के चेयरमैन भी बने।
लीना नायर: Chanel की ग्लोबल CEO
महाराष्ट्र में जन्मी लीना नायर फ्रांस के लग्ज़री फैशन ब्रांड Chanel की ग्लोबल CEO हैं। 2021 में इस पद को संभालने वाली वे पहली महिला बनीं। इससे पहले, वे FMCG क्षेत्र की दिग्गज कंपनी यूनिलीवर में सीनियर पद पर कार्यरत थीं।
इन प्रमुख भारतीयों की सफलता यह साबित करती है कि वे दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में भी अपने कौशल और नेतृत्व क्षमता के बल पर छाप छोड़ने में सक्षम हैं।