बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस के इस्तीफे की अटकलें तेज़ हो गई हैं। कई मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यूनुस ने अपने करीबी सहयोगियों को संकेत दिया है कि यदि सभी प्रमुख राजनीतिक दलों का समर्थन नहीं मिला, तो वह पद छोड़ने पर गंभीरता से विचार कर सकते हैं।
बीबीसी बांग्ला की रिपोर्ट के अनुसार, छात्र संगठन ‘नेशनल सिटीजन पार्टी (एनसीपी)’ के संयोजक नाहिद इस्लाम ने गुरुवार रात यूनुस से मुलाकात की। इस्लाम ने बताया कि “हम सुबह से ही उनके इस्तीफे की चर्चा सुन रहे थे, इसलिए हम उनसे मिलने गए। उन्होंने कहा कि वे इस पर सोच रहे हैं क्योंकि मौजूदा माहौल में काम करना मुश्किल होता जा रहा है।”
गौरतलब है कि एनसीपी वही संगठन है, जिसने पिछले साल पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ छात्र आंदोलन की अगुवाई की थी। इस आंदोलन के बाद ही यूनुस को सत्ता में लाया गया था।
राजनीतिक समर्थन न मिलने से चिंतित यूनुस
नाहिद इस्लाम के अनुसार, यूनुस ने कहा कि यदि सभी राजनीतिक दल किसी साझा रास्ते पर नहीं आते हैं, तो उनके लिए काम करना संभव नहीं होगा। “मैं तब तक काम नहीं कर सकता जब तक सभी पार्टियों का भरोसा और सहयोग न मिले,” यूनुस ने कथित रूप से कहा।
हालांकि, इस्लाम ने उन्हें इस कठिन समय में डटे रहने की सलाह दी। “मैंने उनसे कहा कि देश की स्थिरता और जनता की उम्मीदों के लिए उन्हें मजबूत रहना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सभी पार्टियां अंततः यूनुस के साथ सहयोग करेंगी।
बीएनपी का विरोध और मांगें
यूनुस के संभावित इस्तीफे की खबर ऐसे समय आई है जब बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने ढाका में सरकार के खिलाफ विशाल विरोध प्रदर्शन किया। बीएनपी ने चुनाव की स्पष्ट तारीख की मांग के साथ-साथ दो मंत्रियों और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को हटाने की भी मांग की है। बीएनपी का आरोप है कि ये लोग एनसीपी के प्रभाव में हैं, जिससे सरकार की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं।
बीएनपी नेता खंदकार मोशर्रफ हुसैन ने कहा, “यदि सरकार जन अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतरती, तो बीएनपी का समर्थन जारी रखना मुश्किल होगा। सबसे ज़रूरी है कि चुनाव को लेकर स्पष्ट रोडमैप घोषित किया जाए।”
सेना के साथ संबंधों में तनाव
एक और बड़ी चिंता की बात यह है कि यूनुस के सेना के साथ रिश्ते भी तनावपूर्ण होते जा रहे हैं। रिपोर्टों के मुताबिक, सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज़-ज़मां ने हाल ही में कहा कि चुनाव दिसंबर तक कराए जाने चाहिए। उन्होंने कहा, “देश बेहद कठिन समय से गुजर रहा है। नागरिक प्रशासन और कानून व्यवस्था की स्थिति चरमरा गई है।”
कैबिनेट ने रोका इस्तीफा
यूनुस के कार्यालय के एक सूत्र ने बताया कि यूनुस इस्तीफा देने का मन बना चुके थे, लेकिन उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगियों ने उन्हें ऐसा करने से रोका। 84 वर्षीय यूनुस ने पहले कहा था कि चुनाव जून 2026 तक कराए जाएंगे, लेकिन मौजूदा राजनीतिक दबाव और आपसी मतभेद उनकी स्थिति को चुनौतीपूर्ण बना रहे हैं।
यदि यूनुस इस्तीफा देते हैं, तो बांग्लादेश की अंतरिम सरकार और लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर बड़ा असर पड़ सकता है। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि राजनीतिक दलों और सेना के बीच कोई समझौता होता है या राजनीतिक अस्थिरता और गहराती है।
सारस न्यूज, वेब डेस्क।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस के इस्तीफे की अटकलें तेज़ हो गई हैं। कई मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यूनुस ने अपने करीबी सहयोगियों को संकेत दिया है कि यदि सभी प्रमुख राजनीतिक दलों का समर्थन नहीं मिला, तो वह पद छोड़ने पर गंभीरता से विचार कर सकते हैं।
बीबीसी बांग्ला की रिपोर्ट के अनुसार, छात्र संगठन ‘नेशनल सिटीजन पार्टी (एनसीपी)’ के संयोजक नाहिद इस्लाम ने गुरुवार रात यूनुस से मुलाकात की। इस्लाम ने बताया कि “हम सुबह से ही उनके इस्तीफे की चर्चा सुन रहे थे, इसलिए हम उनसे मिलने गए। उन्होंने कहा कि वे इस पर सोच रहे हैं क्योंकि मौजूदा माहौल में काम करना मुश्किल होता जा रहा है।”
गौरतलब है कि एनसीपी वही संगठन है, जिसने पिछले साल पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ छात्र आंदोलन की अगुवाई की थी। इस आंदोलन के बाद ही यूनुस को सत्ता में लाया गया था।
राजनीतिक समर्थन न मिलने से चिंतित यूनुस
नाहिद इस्लाम के अनुसार, यूनुस ने कहा कि यदि सभी राजनीतिक दल किसी साझा रास्ते पर नहीं आते हैं, तो उनके लिए काम करना संभव नहीं होगा। “मैं तब तक काम नहीं कर सकता जब तक सभी पार्टियों का भरोसा और सहयोग न मिले,” यूनुस ने कथित रूप से कहा।
हालांकि, इस्लाम ने उन्हें इस कठिन समय में डटे रहने की सलाह दी। “मैंने उनसे कहा कि देश की स्थिरता और जनता की उम्मीदों के लिए उन्हें मजबूत रहना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सभी पार्टियां अंततः यूनुस के साथ सहयोग करेंगी।
बीएनपी का विरोध और मांगें
यूनुस के संभावित इस्तीफे की खबर ऐसे समय आई है जब बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने ढाका में सरकार के खिलाफ विशाल विरोध प्रदर्शन किया। बीएनपी ने चुनाव की स्पष्ट तारीख की मांग के साथ-साथ दो मंत्रियों और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को हटाने की भी मांग की है। बीएनपी का आरोप है कि ये लोग एनसीपी के प्रभाव में हैं, जिससे सरकार की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं।
बीएनपी नेता खंदकार मोशर्रफ हुसैन ने कहा, “यदि सरकार जन अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतरती, तो बीएनपी का समर्थन जारी रखना मुश्किल होगा। सबसे ज़रूरी है कि चुनाव को लेकर स्पष्ट रोडमैप घोषित किया जाए।”
सेना के साथ संबंधों में तनाव
एक और बड़ी चिंता की बात यह है कि यूनुस के सेना के साथ रिश्ते भी तनावपूर्ण होते जा रहे हैं। रिपोर्टों के मुताबिक, सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज़-ज़मां ने हाल ही में कहा कि चुनाव दिसंबर तक कराए जाने चाहिए। उन्होंने कहा, “देश बेहद कठिन समय से गुजर रहा है। नागरिक प्रशासन और कानून व्यवस्था की स्थिति चरमरा गई है।”
कैबिनेट ने रोका इस्तीफा
यूनुस के कार्यालय के एक सूत्र ने बताया कि यूनुस इस्तीफा देने का मन बना चुके थे, लेकिन उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगियों ने उन्हें ऐसा करने से रोका। 84 वर्षीय यूनुस ने पहले कहा था कि चुनाव जून 2026 तक कराए जाएंगे, लेकिन मौजूदा राजनीतिक दबाव और आपसी मतभेद उनकी स्थिति को चुनौतीपूर्ण बना रहे हैं।
यदि यूनुस इस्तीफा देते हैं, तो बांग्लादेश की अंतरिम सरकार और लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर बड़ा असर पड़ सकता है। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि राजनीतिक दलों और सेना के बीच कोई समझौता होता है या राजनीतिक अस्थिरता और गहराती है।
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