तमिलनाडु के करूर जिले में बॉलीवुड अभिनेता से राजनेता बने विजय की चुनावी रैली में भीड़ नियंत्रण विफल रहने से भयावह भगदड़ मच गई। इस हादसे में अब तक कम-से-कम 39 लोगों की मौत हो गई है और 150 से अधिक घायल बताए जा रहे हैं। अधिकांश घायलों को करूर व त्रिची के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
कैसे मची भगदड़?
घटना की शुरुआत तब हुई, जब रैली के दृश्य वाहक गाड़ी के पीछे भारी भीड़ जमा थी और कई समर्थक ऊँची जगहों पर जैसे पेड़ों पर चढ़ गए थे।
पेड़ की शाखाएँ टूटने के कारण नीचे गिरने वाले लोग भीड़ के बीच में आ गए, जिससे अचानक अफरा-तफरी मच गई और लोग कुचले गए।
यह घटना शाम करीब 7:30 बजे हुई, उसी समय जब विजय मंच से भाषण दे रहे थे।
रेस्क्यू और प्रतिक्रिया
रैली जारी थी, लेकिन जैसे ही स्थिति गंभीर हुई, विजय को मंच से हटाया गया और वह रात में चेन्नई लौट गए।
तमिलनाडु सरकार ने मृतकों के लिए ₹10 लाख मुआवज़े की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया और निजी विमान से त्रिची रवाना हो गए।
राज्य सरकार ने एक सदस्यीय जांच आयोग स्थापित करने का निर्णय लिया है, जिसमें सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय की न्यायाधीश अरुना जगदीशेशान को जिम्मा दिया गया है।
केंद्र ने भी घटना का संज्ञान लिया है। गृह मंत्रालय ने तमिलनाडु सरकार को रिपोर्ट भेजने को कहा है, और केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री से बात की है।
चिंताएँ और सवाल
आयोजकों को रैली का समय 3 बजे से अनुमति दी गई थी, जबकि सोशल मीडिया पोस्ट्स में विजय की सभा का समय 12:45 बजे बताया गया था। इससे लोग बहुत पहले इकट्ठा होने लगे।
ऐसे आयोजनों में भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्थाओं की भारी कमी सामने आई है।
राजनीतिक नेताओं और जनता दोनों ने इस हादसे को लोकतंत्र के लिए “सबसे बुरी घटनाओं में से एक” करार दिया है।
सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
तमिलनाडु के करूर जिले में बॉलीवुड अभिनेता से राजनेता बने विजय की चुनावी रैली में भीड़ नियंत्रण विफल रहने से भयावह भगदड़ मच गई। इस हादसे में अब तक कम-से-कम 39 लोगों की मौत हो गई है और 150 से अधिक घायल बताए जा रहे हैं। अधिकांश घायलों को करूर व त्रिची के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
कैसे मची भगदड़?
घटना की शुरुआत तब हुई, जब रैली के दृश्य वाहक गाड़ी के पीछे भारी भीड़ जमा थी और कई समर्थक ऊँची जगहों पर जैसे पेड़ों पर चढ़ गए थे।
पेड़ की शाखाएँ टूटने के कारण नीचे गिरने वाले लोग भीड़ के बीच में आ गए, जिससे अचानक अफरा-तफरी मच गई और लोग कुचले गए।
यह घटना शाम करीब 7:30 बजे हुई, उसी समय जब विजय मंच से भाषण दे रहे थे।
रेस्क्यू और प्रतिक्रिया
रैली जारी थी, लेकिन जैसे ही स्थिति गंभीर हुई, विजय को मंच से हटाया गया और वह रात में चेन्नई लौट गए।
तमिलनाडु सरकार ने मृतकों के लिए ₹10 लाख मुआवज़े की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया और निजी विमान से त्रिची रवाना हो गए।
राज्य सरकार ने एक सदस्यीय जांच आयोग स्थापित करने का निर्णय लिया है, जिसमें सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय की न्यायाधीश अरुना जगदीशेशान को जिम्मा दिया गया है।
केंद्र ने भी घटना का संज्ञान लिया है। गृह मंत्रालय ने तमिलनाडु सरकार को रिपोर्ट भेजने को कहा है, और केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री से बात की है।
चिंताएँ और सवाल
आयोजकों को रैली का समय 3 बजे से अनुमति दी गई थी, जबकि सोशल मीडिया पोस्ट्स में विजय की सभा का समय 12:45 बजे बताया गया था। इससे लोग बहुत पहले इकट्ठा होने लगे।
ऐसे आयोजनों में भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्थाओं की भारी कमी सामने आई है।
राजनीतिक नेताओं और जनता दोनों ने इस हादसे को लोकतंत्र के लिए “सबसे बुरी घटनाओं में से एक” करार दिया है।
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