• Sat. Dec 13th, 2025

Saaras News - सारस न्यूज़ - चुन - चुन के हर खबर, ताकि आप न रहें बेखबर

आख़िरकार भारत की पकड़ में आया तहव्वुर राणा: 26/11 हमले का बड़ा साज़िशकर्ता।

सारस न्यूज़, वेब डेस्क।


गोपनीयता के साये में भारत पहुंचा तहव्वुर राणा, पूछताछ से मिल सकती हैं 26/11 हमले से जुड़ी अहम जानकारियां

2008 के मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद भारत लाया गया। उसकी भारत में आगमन की पूरी प्रक्रिया को बेहद गोपनीय रखा गया था। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि वह दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा। सूत्रों के मुताबिक, उसकी फ्लाइट शाम 6:25 बजे दिल्ली पहुंची।

आधिकारिक रूप से जारी की गई एकमात्र तस्वीर में एक सफेद बालों और दाढ़ी वाला व्यक्ति दिख रहा है, जिसे NIA के दो अधिकारियों ने मजबूती से पकड़ रखा है।

करीब 17 वर्षों से जारी इस मामले की जांच में यह प्रत्यर्पण एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है। गौरतलब है कि 2008 में लश्कर-ए-तैयबा के 10 पाकिस्तानी आतंकियों ने मुंबई के कई इलाकों में 60 घंटे तक आतंक फैलाया था, जिसमें 166 लोगों की जान गई थी और भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालात बन गए थे।

NIA के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राणा की पूछताछ से पाकिस्तान की भूमिका, हमले की योजना और फंडिंग समेत कई अनजाने पहलुओं पर रोशनी पड़ सकती है। “उससे लश्कर-ए-तैयबा और पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों के बीच की कड़ियों को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी मिलने की उम्मीद है,” अधिकारी ने कहा।

राणा को बुलेटप्रूफ वाहनों के काफिले में सशस्त्र कमांडोज की सुरक्षा में NIA मुख्यालय लाया गया, जहां विशेष पूछताछ कक्ष तैयार किया गया था। रात को उसे NIA कोर्ट में पेश किया गया, जहां एजेंसी ने उसकी 20 दिन की कस्टडी मांगी। कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है।

राणा के खिलाफ देशद्रोह, आपराधिक साजिश, हत्या और जालसाजी जैसे गंभीर आरोपों के तहत मुकदमा चलाया जाएगा। भारत सरकार ने अमेरिका को प्रत्यर्पण संधि के तहत भरोसा दिलाया है कि राणा को यातना नहीं दी जाएगी और उसे उचित सुरक्षा दी जाएगी।

सुनवाई बंद कमरे में होगी। दिल्ली के जिला न्यायाधीश विमल कुमार यादव को मुंबई से 26/11 केस की फाइल भेजी गई है। बुधवार रात गृहमंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने राणा की सुरक्षा और पूछताछ से जुड़े बिंदुओं पर अहम बैठक की।

NIA के अनुसार, राणा ने प्रत्यर्पण को रोकने के लिए अमेरिका की अदालतों में कई याचिकाएं दायर कीं, लेकिन सभी खारिज कर दी गईं। वह अमेरिका में 2009 से हिरासत में था।

वह अमेरिका के नागरिक डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी के साथ मिलकर मुंबई हमलों की साजिश में शामिल था। हेडली ने हमलों से पहले भारत के कई स्थानों की रेकी की थी और राणा ने ही उसकी भारत यात्राओं के लिए मदद और लॉजिस्टिक सपोर्ट दिया था।

सूत्रों के मुताबिक, राणा खुद भी मुंबई आया था और ताज होटल में अपनी पत्नी के साथ रुका था — वही होटल जो हमलों का एक बड़ा निशाना बना था।

एफबीआई ने राणा को अक्टूबर 2009 में शिकागो से गिरफ्तार किया था। हालांकि अमेरिका की अदालत में उसे 26/11 हमले के लिए दोषी नहीं ठहराया गया था, लेकिन कोपेनहेगन में अखबार के पत्रकारों की हत्या की साजिश और लश्कर-ए-तैयबा को सहयोग देने के आरोप साबित हुए।

जांच में यह सामने आया कि राणा समेत कई वरिष्ठ लश्कर और हिजबुल आतंकियों की साजिश में भूमिका थी, जैसे — हाफिज सईद, ज़की-उर-रहमान लखवी, सज्जिद मजीद, इलियास कश्मीरी और अब्दुर रहमान हाशिम सईद उर्फ मेजर अब्दुर्रहमान उर्फ पाशा।

इन आतंकियों को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के अधिकारियों, जैसे मेजर इकबाल उर्फ मेजर अली और मेजर समीउल्लाह उर्फ मेजर समीर की भी मदद मिली थी।

NIA के मुताबिक, राणा को लॉस एंजेलेस से एक विशेष विमान में लाया गया, जिसमें एनएसजी और एनआईए के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। विमान से उतरते ही कानूनी प्रक्रिया पूरी कर राणा को हिरासत में लिया गया।

NIA ने अमेरिका के न्याय विभाग और स्काय मार्शल का धन्यवाद देते हुए कहा कि भारत के गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय ने समन्वय करते हुए इस प्रक्रिया को सफल अंजाम तक पहुंचाया।


By Hasrat

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed