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बिना बैग के स्कूल चले हम: NCERT की बैगलेस 10 डेज की सिफारिश और शिक्षा मंत्रालय का प्लान

सारस न्यूज़, वेब डेस्क।

हाल ही में, NCERT (नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग) ने एक नई सिफारिश की है, जिसमें 10 दिनों के लिए बैगलेस स्कूल कार्यक्रम की बात की गई है। यह पहल न केवल विद्यार्थियों की भलाई के लिए है, बल्कि शिक्षा प्रणाली में सुधार के उद्देश्य से भी की गई है। आइए समझते हैं इस योजना के पीछे का मकसद और शिक्षा मंत्रालय का क्या प्लान है:

NCERT की सिफारिश का उद्देश्य

  1. छात्रों पर मानसिक दबाव कम करना:
  • भारी बैग्स और पाठ्यक्रम की भरमार छात्रों पर मानसिक और शारीरिक दबाव डालती है। बैगलेस दिनों के दौरान, छात्रों को बिना बैग के स्कूल जाने की सुविधा मिलेगी, जिससे वे तनावमुक्त रह सकें।
  1. सर्वांगीण विकास को प्रोत्साहन:
  • यह योजना कक्षा में व्यावहारिक गतिविधियों, खेल-कूद, और सामाजिक कौशल विकास को प्राथमिकता देती है। छात्र इस दौरान शैक्षणिक गतिविधियों के अलावा अन्य गुणों को भी विकसित कर सकेंगे।
  1. स्वास्थ्य को प्राथमिकता:
  • भारी बैग्स से छात्रों के शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। बैगलेस दिन इस समस्या को कम करने में मदद करेंगे और छात्रों के शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाएंगे।

10 दिन क्या करेंगे बच्चे?

  • 10 बैगलेस डे यानी बिना बैग के 10 दिनों में बच्चे स्कूल में क्लास के बाहर की दुनिया का अनुभव हासिल करेंगे.
  • इस दौरान बच्चों को चिड़ियों, पौधों, पानी और मिट्टी से रूबरू करवाया जाएगा.
  • 10 दिनों में बच्चों को लकड़ी का काम, मिट्टी के बर्तन बनाने काम काम, कागज से कई तरह की चीजें बनाने का काम सिखाया जाएगा.
  • बच्चों को बागवानी के बारे में बताया जाएगा. तरह-तरह के फूलों के बारे में समझाया जाएगा.
  • बच्चों को सोलर एनर्जी, बायो गैस प्लांट दिखाए जाएंगे. उन्हें ग्रीन एनर्जी और रिन्यूएबल एनर्जी के बारे में बताया जाएगा.
  • बच्चों को पोस्ट ऑफिस, बैंक, नेशनल पार्क, एजुकेशनल टूर, फील्ड विजिट, महिला पुलिस स्टेशन, सरकारी दफ्तर, यूनिवर्सिटी- कॉलेज समेत कई जगहों पर फील्ड विजिट पर ले जाया सकता है.
  • बच्चों को म्यूजियम और आर्कियोलॉजिकल साइट, मल्टी आर्ट सेंटर, कंस्ट्रक्शन साइट, चैरिटी विजिट पर भी ले जाया जा सकता है.
  • नेशनल एक्सप्लोरेशन के लिए बच्चों को हाईकिंग, बर्ड वॉचिंग, माउंटेन बाइकिंग कराई जाएगी.
  • आर्ट एंड क्राफ्ट के तहत बच्चों को बेस्ट आउट ऑफ वेस्ट यानी कचरे से सामान बनाना, डूडलिंग करना, स्क्रैपबुक बनाना, बंबू क्राफ्टिंग करना सिखाया जाएगा.
  • बच्चे एजुकेशनल गेम्स खेलेंगे या क्विज में हिस्सा लेंगे. उन्हें म्यूजिक और कल्चरल एक्टिविटी भी सिखाई जाएगी.
  • बच्चों को रोबोटिक्स, AI और नेटवर्किंग के बारे में बताया जाएगा

शिक्षा मंत्रालय का प्लान

  1. संपर्क और समन्वय:
  • शिक्षा मंत्रालय ने सभी स्कूलों से संपर्क कर इस योजना के कार्यान्वयन के लिए निर्देश जारी किए हैं। विद्यालयों को इस कार्यक्रम की योजना और तैयारी करने के लिए आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा।
  1. विशेष कक्षाएं और गतिविधियाँ:
  • बैगलेस दिनों के दौरान, स्कूलों को विशेष कक्षाएं और गतिविधियाँ आयोजित करने की अनुमति दी जाएगी, जो कि छात्रों के सर्वांगीण विकास में सहायक होंगी।
  1. प्रस्तावित शेड्यूल:
  • यह योजना विशेष रूप से परीक्षा और अन्य दबाव भरे समय से बाहर, छुट्टियों के दौरान या विशेष कार्यक्रमों के समय लागू की जा सकती है। इससे छात्रों को एक नई और ताजगी भरी शुरुआत मिल सके।
  1. शिक्षकों की प्रशिक्षण:
  • शिक्षकों को इस योजना के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे छात्रों को नई गतिविधियों में शामिल करने और शैक्षिक अनुभव को रोचक बनाने में सक्षम हों।

अंतिम विचार

NCERT की बैगलेस स्कूल योजना एक सकारात्मक पहल है, जिसका उद्देश्य छात्रों की मानसिक और शारीरिक भलाई को बढ़ावा देना है। इस पहल के माध्यम से, शिक्षा प्रणाली को छात्रों के समग्र विकास और स्वस्थ जीवनशैली को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा सकता है। यह एक नई शुरुआत है, जो भारतीय शिक्षा प्रणाली को अधिक समावेशी और छात्र केंद्रित बनाने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।

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