दुबई एयर शो में तेजस लड़ाकू विमान हादसे में शहीद हुए भारतीय वायुसेना के बहादुर पायलट विंग कमांडर नामांश स्याल का पार्थिव शरीर रविवार को कोयम्बटूर स्थित सुलूर एयर बेस पहुंचा, जहाँ वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों और जवानों ने उन्हें सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी।
विंग कमांडर स्याल तेजस विमान उड़ाने वाले चुनिंदा अनुभवी पायलटों में शामिल थे। वे कई अहम मिशनों का नेतृत्व कर चुके थे और सुलूर एयर फोर्स स्टेशन पर ही तैनात थे, जहाँ से तेजस की दो प्रमुख स्क्वाड्रन — 45 स्क्वाड्रन ‘फ्लाइंग डैगर्स’ और 18 स्क्वाड्रन ‘फ्लाइंग बुलेट्स’ संचालित होती हैं। भारतीय वायुसेना ने कहा कि “विंग कमांडर स्याल की वीरता, धैर्य और सेवा भावना को हमेशा याद रखा जाएगा।”
विंग कमांडर नमंश स्याल को शत–शत नमन 🇮🇳
दुबई एयर शो के दौरान LCA तेजस क्रैश में शहीद हुए विंग कमांडर नमंश स्याल के पार्थिव शरीर को कोयम्बटूर के सुलूर एयर बेस लाया गया।
भारतीय वायुसेना के इस वीर सपूत को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए पूरा देश शोक में है।
वायुसेना के प्रोटोकॉल के अनुसार, किसी भी शहीद या दिवंगत अधिकारी को अंतिम संस्कार से पहले उनकी यूनिट या बेस पर लाया जाता है। इसका उद्देश्य यह होता है कि उनके साथी एयरमैन और अधिकारी उन्हें अंतिम सम्मान दे सकें। इसके बाद पार्थिव शरीर को उनके पैतृक स्थान ले जाया जाता है जहाँ अंतिम संस्कार सम्पन्न होता है।
दुबई एयर शो में हुआ था तेजस का हादसा
यह दर्दनाक घटना 21 नवंबर 2025 को दुबई एयर शो के अंतिम दिन हुई। अल मकतूम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर HAL तेजस Mk-1A फाइटर जेट प्रदर्शन के दौरान अचानक नियंत्रण खो बैठा। रिपोर्टों के अनुसार, तेजस ने कई सफल प्रदर्शन किए थे, लेकिन लो-लेवल मैन्यूवर के दौरान विमान असंतुलित होकर पीछे की ओर घूम गया और नोज़डाइव में जमीन से टकरा गया। टक्कर के बाद विमान में आग लग गई और पायलट विंग कमांडर स्याल की मौके पर ही मृत्यु हो गई।
यह हादसा भारतीय वायुसेना और देश के लिए गहरा आघात है। पूरे राष्ट्र ने इस वीर पायलट को श्रद्धांजलि दी है, जिनकी बहादुरी सदैव स्मरणीय रहेगी।
सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
दुबई एयर शो में तेजस लड़ाकू विमान हादसे में शहीद हुए भारतीय वायुसेना के बहादुर पायलट विंग कमांडर नामांश स्याल का पार्थिव शरीर रविवार को कोयम्बटूर स्थित सुलूर एयर बेस पहुंचा, जहाँ वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों और जवानों ने उन्हें सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी।
विंग कमांडर स्याल तेजस विमान उड़ाने वाले चुनिंदा अनुभवी पायलटों में शामिल थे। वे कई अहम मिशनों का नेतृत्व कर चुके थे और सुलूर एयर फोर्स स्टेशन पर ही तैनात थे, जहाँ से तेजस की दो प्रमुख स्क्वाड्रन — 45 स्क्वाड्रन ‘फ्लाइंग डैगर्स’ और 18 स्क्वाड्रन ‘फ्लाइंग बुलेट्स’ संचालित होती हैं। भारतीय वायुसेना ने कहा कि “विंग कमांडर स्याल की वीरता, धैर्य और सेवा भावना को हमेशा याद रखा जाएगा।”
विंग कमांडर नमंश स्याल को शत–शत नमन 🇮🇳
दुबई एयर शो के दौरान LCA तेजस क्रैश में शहीद हुए विंग कमांडर नमंश स्याल के पार्थिव शरीर को कोयम्बटूर के सुलूर एयर बेस लाया गया।
भारतीय वायुसेना के इस वीर सपूत को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए पूरा देश शोक में है।
वायुसेना के प्रोटोकॉल के अनुसार, किसी भी शहीद या दिवंगत अधिकारी को अंतिम संस्कार से पहले उनकी यूनिट या बेस पर लाया जाता है। इसका उद्देश्य यह होता है कि उनके साथी एयरमैन और अधिकारी उन्हें अंतिम सम्मान दे सकें। इसके बाद पार्थिव शरीर को उनके पैतृक स्थान ले जाया जाता है जहाँ अंतिम संस्कार सम्पन्न होता है।
दुबई एयर शो में हुआ था तेजस का हादसा
यह दर्दनाक घटना 21 नवंबर 2025 को दुबई एयर शो के अंतिम दिन हुई। अल मकतूम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर HAL तेजस Mk-1A फाइटर जेट प्रदर्शन के दौरान अचानक नियंत्रण खो बैठा। रिपोर्टों के अनुसार, तेजस ने कई सफल प्रदर्शन किए थे, लेकिन लो-लेवल मैन्यूवर के दौरान विमान असंतुलित होकर पीछे की ओर घूम गया और नोज़डाइव में जमीन से टकरा गया। टक्कर के बाद विमान में आग लग गई और पायलट विंग कमांडर स्याल की मौके पर ही मृत्यु हो गई।
यह हादसा भारतीय वायुसेना और देश के लिए गहरा आघात है। पूरे राष्ट्र ने इस वीर पायलट को श्रद्धांजलि दी है, जिनकी बहादुरी सदैव स्मरणीय रहेगी।
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