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यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा जासूसी के आरोप में गिरफ्तार, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी से संबंध का खुलासा।

सारस न्यूज़, वेब डेस्क।

हरियाणा के हिसार की रहने वाली और यूट्यूब चैनल ‘Travel with JO’ चलाने वाली ज्योति मल्होत्रा को पुलिस ने जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया है। उन्हें नई अग्रसेन एक्सटेंशन से पकड़ा गया और कोर्ट में पेशी के बाद पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है।

पुलिस के मुताबिक, ज्योति पर आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। बताया गया है कि ज्योति पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात एक अधिकारी के संपर्क में थी, जिसे भारत सरकार ने 13 मई को जासूसी के आरोप में देश से निष्कासित किया था।

पाकिस्तान दौरे और संदिग्ध मुलाकातें

एफआईआर के अनुसार, वर्ष 2023 में ज्योति मल्होत्रा पाकिस्तान का वीजा लेने दिल्ली स्थित पाक उच्चायोग पहुंची थीं, जहां उनकी मुलाकात एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश से हुई। यही मुलाकात बाद में जासूसी कड़ी में तब्दील हो गई। दानिश के जरिए ही उनकी पहचान अली अहवान नामक शख्स से हुई, जिसने पाकिस्तान दौरे के दौरान उनकी मेहमानदारी की और सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों से मुलाकात करवाई।

एफआईआर में यह भी दर्ज है कि ज्योति की मुलाकात पाक खुफिया एजेंसी से जुड़े शाकिर और राणा शाहबाज नामक व्यक्तियों से हुई। उन्होंने शाहबाज का नाम ‘Jatt Randhawa’ के नाम से सेव किया था, ताकि संदेह न हो। व्हाट्सएप, टेलीग्राम और स्नैपचैट जैसे माध्यमों से वह संवेदनशील जानकारियां साझा करती रही थीं।

पाक से जुड़े नेटवर्क का खुलासा

ज्योति की गिरफ्तारी से एक दिन पहले कैथल जिले के गुहला क्षेत्र से देवेंद्र सिंह नामक युवक को भी गिरफ्तार किया गया था, जो पोस्ट-ग्रेजुएशन का छात्र है और उस पर भी पाक खुफिया एजेंसी से जुड़े होने का संदेह है। वहीं, इससे कुछ दिन पहले पानीपत से नऊमान इलाही नामक युवक को गुप्त सूचनाएं पाकिस्तान पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

पंजाब के मलेरकोटला से भी दो लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है, जिन पर पाक उच्चायोग में तैनात अधिकारी के साथ संपर्क में रहकर जासूसी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है।

यूट्यूब चैनल के जरिए पहचान

ज्योति मल्होत्रा के यूट्यूब चैनल ‘Travel with JO’ के करीब 3.77 लाख सब्सक्राइबर्स हैं। वह ट्रैवल वीडियो के जरिए सोशल मीडिया पर सक्रिय थीं और यही लोकप्रियता अब जांच एजेंसियों के रडार पर आ गई है।

जांच एजेंसियां अब इस बात की तफ्तीश कर रही हैं कि ज्योति के जरिए किन-किन सूचनाओं का आदान-प्रदान हुआ और इस नेटवर्क में और कौन-कौन लोग शामिल हैं।


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