राज्य सरकार के पूर्व मंत्री सह अररिया लोकसभा के पूर्व सांसद सरफराज आलम ने अररिया व्यवहार न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया है। इनपर आधा दर्जन संगीन मामले दर्ज हैं। पूर्व मंत्री सह पूर्व सांसद के कांड में गैर जमानती धारा होने के कारण न्यायालय ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया है।
न्यायालय के आदेश पर पूर्व सांसद को पुलिस अभिरक्षा में जेल भेजा गया। इस मामले की सुनवायी अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम सह स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने की। इस मामले को लेकर बुधवार को पूर्व सांसद के अधिवक्ता ने जमानत की अर्जी दाखिल की थी।
इसमें आत्मसमर्पण करते ही सिविल कोर्ट अररिया के एसीजेएम -01 सह एमपी – एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश शैलेंद्र कुमार सिंह ने पुलिस अधीक्षक से आपराधिक इतिहास मांगा व पुनः जेल भेजने का आदेश दिया। साथ ही पूर्व सांसद पर दर्ज सभी मुकदमों में प्रोडक्शन वारंट जारी करने का निर्देश ऑफिस क्लर्क को दिया गया।
वर्ष 1996 में दर्ज हुआ था अपहरण का मामला
अररिया जिला के पूर्व सांसद सरफराज आलम पर वर्ष 1996 में अपहरण का एक मामला दर्ज हुआ था। मामले में वह 26 साल से फरार थे। न्यायालय से उनके खिलाफ वारंट भी निर्गत हुआ था। इसके बावजूद वह न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए, इसके बाद उनके खिलाफ कुर्की जब्ती का आदेश जारी हुआ था। ज्ञात हो कि भरगामा प्रखंड के सिरसिया कला निवासी शंकर कुमार झा उर्फ सकल झा ने सरफराज आलम सहित चार – पांच अज्ञात लोगों के खिलाफ अपहरण करने का मामला अररिया नगर थाना में दर्ज कराया था।
दर्ज प्राथमिकी कांड संख्या 175/96 में सकल झा ने कहा था कि 15 मई 1996 को वह स्वयं पथ प्रमंडल अररिया के इंजीनियर नवीन कुमार सिंह के जिला मुख्यालय के एडीबी चौक स्थित आवास पर सोये हुए थे। नवीन कुमार सिंह पूर्णिया गये थे व उनकी पत्नी – बच्चे आवास में अकेले थे। इसलिए वह उनके घर में मौजूद थे। इसी दौरान सरफराज आलम चार – पांच लोगों के साथ बाइक से आ धमके व धक्का – मुक्की व गाली – गलौज मारपीट करते हुए उन्हें बाइक पर बिठाकर उनका अपहरण कर लिया।
इसके बाद वे लोग उन्हें बाइक से चरघरिया नदी के पास ले गये। बाद में उन्हें बाइक पर बिठाकर टाउन हॉल के पास छोड़ दिया था। इसमें बताया जाता है कि इस मामले में सरफराज आलम ने दो बार जिला जज के न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दाखिल की थी। लेकिन, दोनों ही बार उनकी जमानत अर्जी को खारिज कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने अग्रिम जमानत के लिए माननीय उच्च न्यायालय में अर्जी दाखिल की है। जो फिलहाल लंबित है।
पूर्व सांसद के खिलाफ कई अन्य मामले भी हैं लंबित पूर्व सांसद सरफराज आलम के खिलाफ 26 साल पुराने अपहरण के मामले के साथ – साथ चार अन्य मामले भी अलग – अलग थानों में दर्ज है। ये सारे मामले भी न्यायालय में लंबित हैं। पूर्व में हुए विभिन्न चुनाव के दौरान मतदान केंद्र पर बवाल करने , पब्लिक मूवमेंट बनाने, बूथ कब्जा करने का प्रयास सहित अन्य मामले भी न्यायालय में लंबित हैं।
इन मामलों में रानीगंज थाना कांड संख्या 84/18, जोकीहाट महलगांव थाना कांड संख्या 154/19, रानीगंज थाना कांड संख्या 53/18 व जोकीहाट थाना कांड संख्या 402/20 व 405/20 शामिल है। इधर, पूर्व सांसद सरफराज आलम के अधिवक्ता कश्यप कौशल ने बताया कि सरफराज आलम न्यायिक सुरक्षा में अररिया जेल में बंद हैं। इनका रेगुलर बेल पेटिशन नियमानुसार जिला व सत्र न्यायाधीश पीयूष कमल दीक्षित के न्यायालय में दाखिल किया जायेगा।
सारस न्यूज, अररिया।
राज्य सरकार के पूर्व मंत्री सह अररिया लोकसभा के पूर्व सांसद सरफराज आलम ने अररिया व्यवहार न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया है। इनपर आधा दर्जन संगीन मामले दर्ज हैं। पूर्व मंत्री सह पूर्व सांसद के कांड में गैर जमानती धारा होने के कारण न्यायालय ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया है।
न्यायालय के आदेश पर पूर्व सांसद को पुलिस अभिरक्षा में जेल भेजा गया। इस मामले की सुनवायी अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम सह स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने की। इस मामले को लेकर बुधवार को पूर्व सांसद के अधिवक्ता ने जमानत की अर्जी दाखिल की थी।
इसमें आत्मसमर्पण करते ही सिविल कोर्ट अररिया के एसीजेएम -01 सह एमपी – एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश शैलेंद्र कुमार सिंह ने पुलिस अधीक्षक से आपराधिक इतिहास मांगा व पुनः जेल भेजने का आदेश दिया। साथ ही पूर्व सांसद पर दर्ज सभी मुकदमों में प्रोडक्शन वारंट जारी करने का निर्देश ऑफिस क्लर्क को दिया गया।
वर्ष 1996 में दर्ज हुआ था अपहरण का मामला
अररिया जिला के पूर्व सांसद सरफराज आलम पर वर्ष 1996 में अपहरण का एक मामला दर्ज हुआ था। मामले में वह 26 साल से फरार थे। न्यायालय से उनके खिलाफ वारंट भी निर्गत हुआ था। इसके बावजूद वह न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए, इसके बाद उनके खिलाफ कुर्की जब्ती का आदेश जारी हुआ था। ज्ञात हो कि भरगामा प्रखंड के सिरसिया कला निवासी शंकर कुमार झा उर्फ सकल झा ने सरफराज आलम सहित चार – पांच अज्ञात लोगों के खिलाफ अपहरण करने का मामला अररिया नगर थाना में दर्ज कराया था।
दर्ज प्राथमिकी कांड संख्या 175/96 में सकल झा ने कहा था कि 15 मई 1996 को वह स्वयं पथ प्रमंडल अररिया के इंजीनियर नवीन कुमार सिंह के जिला मुख्यालय के एडीबी चौक स्थित आवास पर सोये हुए थे। नवीन कुमार सिंह पूर्णिया गये थे व उनकी पत्नी – बच्चे आवास में अकेले थे। इसलिए वह उनके घर में मौजूद थे। इसी दौरान सरफराज आलम चार – पांच लोगों के साथ बाइक से आ धमके व धक्का – मुक्की व गाली – गलौज मारपीट करते हुए उन्हें बाइक पर बिठाकर उनका अपहरण कर लिया।
इसके बाद वे लोग उन्हें बाइक से चरघरिया नदी के पास ले गये। बाद में उन्हें बाइक पर बिठाकर टाउन हॉल के पास छोड़ दिया था। इसमें बताया जाता है कि इस मामले में सरफराज आलम ने दो बार जिला जज के न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दाखिल की थी। लेकिन, दोनों ही बार उनकी जमानत अर्जी को खारिज कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने अग्रिम जमानत के लिए माननीय उच्च न्यायालय में अर्जी दाखिल की है। जो फिलहाल लंबित है।
पूर्व सांसद के खिलाफ कई अन्य मामले भी हैं लंबित पूर्व सांसद सरफराज आलम के खिलाफ 26 साल पुराने अपहरण के मामले के साथ – साथ चार अन्य मामले भी अलग – अलग थानों में दर्ज है। ये सारे मामले भी न्यायालय में लंबित हैं। पूर्व में हुए विभिन्न चुनाव के दौरान मतदान केंद्र पर बवाल करने , पब्लिक मूवमेंट बनाने, बूथ कब्जा करने का प्रयास सहित अन्य मामले भी न्यायालय में लंबित हैं।
इन मामलों में रानीगंज थाना कांड संख्या 84/18, जोकीहाट महलगांव थाना कांड संख्या 154/19, रानीगंज थाना कांड संख्या 53/18 व जोकीहाट थाना कांड संख्या 402/20 व 405/20 शामिल है। इधर, पूर्व सांसद सरफराज आलम के अधिवक्ता कश्यप कौशल ने बताया कि सरफराज आलम न्यायिक सुरक्षा में अररिया जेल में बंद हैं। इनका रेगुलर बेल पेटिशन नियमानुसार जिला व सत्र न्यायाधीश पीयूष कमल दीक्षित के न्यायालय में दाखिल किया जायेगा।
Leave a Reply