सारस न्यूज, किशनगंज।
किशनगंज जिले में कुष्ठ रोगियों की खोज के लिये सोमवार से विशेष अभियान चलाया जाएगा जो 19 अक्टूबर तक जारी रहेगा। आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को इसकी जिम्मेदारी दी गयी है। जिले में अभी कुष्ठ रोगियों की संख्या 520 है।इस संबंध में एसीएमओ डॉक्टर सुरेश प्रसाद ने बताया कि अभियान की सफलता को लेकर सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी व अस्पताल उपाधीक्षक को जरूरी दिशा निर्देश दिये गये हैं। अभियान के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा सभी प्रखंडों के दो वर्ष से ऊपर के लोगों का शारीरिक परीक्षण किया जायेगा।
शरीर पर उभर रहे दाग-धब्बों की जांच की जायेगी। एसीएमओ ने बताया कि कुष्ठ के कारण मरीज के शरीर पर सफेद निशान पड़ने लगते हैं। ये निशान सुन्न होते हैं । इनमें किसी तरह का सेंसेशन नहीं होता है। इस जगह पर कोई नुकीली वस्तु चुभोने से भी दर्द का अहसास नहीं होगा। प्रभावित अंगों में चोट लगने, जलने या कटने का भी पता नहीं चलता है। जिससे यह बीमारी अधिक भयानक रूप लेने लगती हैं और शरीर को गलाने लगती है।
सरकारी अस्पताल में निःशुल्क जांच :
एसीएमओ ने बताया कि कुष्ठ रोग एक साधारण बीमारी है। कुष्ठ से पीड़ित मरीजों के लिए सभी सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क जांच व इलाज की सुविधा है। समय से पहचान होने और छह से 12 महीने तक लगातार दवा खाने से यह पूर्णत: ठीक हो सकता है। उन्होंने बताया कि कुष्ठ दो प्रकार के होते हैं। इसमें टाइप टू खतरनाक माना जाता है।
छुआछूत नहीं, हवा में फैले बैक्टीरिया से होता है कुष्ठ:
एसीएमओ सह जिला कुष्ठ विभाग के प्रभारी पदाधिकारी डॉक्टर सुरेश प्रसाद ने कहा कि कुष्ठ रोग छुआछूत नहीं है। कुष्ठ हवा में मौजूद बैक्टीरिया के जरिए फैलती है। हवा में ये बैक्टीरिया किसी बीमार व्यक्ति से ही आते हैं। इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति से हाथ मिलाने या उसे छूने से नहीं फैलता है। लेकिन मरीज के खांसने, छींकने से लेप्रै बैक्टीरिया हवा में मिलकर सांस के माध्यम से दूसरे लोगों में प्रवेश कर सकता है।