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आजाद इंडिया फाउंडेशन के द्वारा संचालित चैंपियन फॉर गर्ल्स एडुकेशन प्रोग्राम के तहत मुख्यमंत्री को भेजा गया पोस्टकार्ड।

सारस न्यूज, किशनगंज।

मंगलवार को राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर आजाद इंडिया फाउंडेशन के द्वारा चल रहे चैंपियन फॉर गर्ल्स एडुकेशन प्रोग्राम के तहत अध्ययनरत किशोरियों द्वारा राज्य के मुख्यमंत्री को पोस्टकार्ड  लिख कर किशोरियों की भलाई के कई महत्वपूर्ण मांग रखी गई है।

इस संबंध में प्रोजेक्ट के सुपरवाइजर ललित नारायण सिंह ने बताया कि प्रखंड ठाकुरगंज के विभिन्न डाकघरों में जाकर करीब 1500 किशोर बालिकाओं ने पोस्टकार्ड भेजकर लड़कियों द्वारा सामना की जाने वाली असमानताओं, बालिकाओं के अधिकारों और महिला शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण आदि के संबंध में जरूरी सुधार की मांग उठाई गई है। उन्होंने बताया कि किशोरियों ने मुख्यमत्री के समक्ष यह मांग रखी है कि किशोरियों की कम उम्र में शादी तथा काम मे लगाने की जगह हमे 12 वर्ष की भेदभाव रहित निःशुल्क अनिवार्य एवं गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा दी जाय। विद्यालय में शिक्षकों की कमी दूर की जाय। विद्यालय में किशोरियों के लिये कार्यात्मक शौचालय की व्यवस्था की जाय। विद्यालय के अंदर और बाहर सुरक्षित माहौल की व्यवस्था की जाय। किशोरियों के लिये छात्रवृत्ति की प्रक्रिया को सरल किया जाय तथा साथ ही हमे और भी जरूरी चीजें – जैसे यूनिफॉर्म, किताबें, साइकिल आदि भी समय पर दिया जाय। ग्राम पंचायतों में पुस्तकालय की व्यवस्था की जाय। इन्ही मांगो के साथ सरकार से किशोरियों द्वारा अपील की गई की कि आप हमारी मांगो को स्वीकार कर शिक्षा के अधिकार कानून को और ऐसी सभी योजनाओं को जैसे – बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ को और मजबूती से लागू करेंगे।

प्रोजेक्ट के कोऑर्डिनेटर मो शाहजहाँ ने बताया कि राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने के पीछे का उद्देश्य भारत की लड़कियों को समर्थन और अवसर प्रदान करना है। जैसा कि हम भारत में जानते हैं, लैंगिक असमानता उन प्रमुख मुद्दों में से एक है जिन पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है और यह कानूनी अधिकार, शिक्षा, चिकित्सा देखभाल, विवाह आदि सहित कई क्षेत्रों में मौजूद है। कन्या भ्रूण हत्या एक अन्य प्रमुख मुद्दा है जो आगे चलकर प्रभावित करता है। लैंगिक भेदभाव एक बड़ी समस्या बनती जा है जिसका सामना लड़कियों और महिलाओं को जीवन भर करना पड़ता है।

इस मौके पर प्रोजेक्ट के सुपरवाइजर शोएब आलम, ललित नारायण सिंह, नूर अफसर, मोहम्मद संजर आलम, मोहम्मद इरशाद आलम, सोनोफर जहा, जूफिशा खानम, खुशनुमा बेगम एवं प्रोजेक्ट के कई शिक्षक एवं शिक्षिकाएं उपस्थित थे।

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