शुक्रवार को डॉ कलाम कृषि महाविद्यालय अर्राबाड़ी में स्थित मात्स्यिकी महाविद्यालय में आण्विक जीवविज्ञान तकनीकी और उसके अनुप्रयोग की वर्तमान प्रगति विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में देश भर से लगभग दो दर्जन से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया जिसमें देश भर से नामचीन शिक्षाविद, शोधार्थी एवं वैज्ञानिक सम्मिलित हुए। कार्यशाला के मुख्य अतिथि के रुप में हेरिटेज सोसायटी, पटना के प्रबंध निदेशक डॉ अनंत आशुतोष द्विवेदी ने शिरकत किया।
कार्यशाला का शुभारम्भ मात्स्यिकी महाविद्यालय के डीन एवं संयोजक डॉ वी पी सैनी के स्वागत भाषण के साथ हुआ। उन्होंने कार्यशाला के मुख्य अतिथि एवं आगंतुक अन्य गणमान्य वैज्ञानिकों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वल्लित कर कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा की जानकारी दी एवं कार्यशाला के विषय की महत्त्ता को बताया। तत्पश्चात समारोह के मुख्य अतिथि डॉ अनंत आशुतोष द्विवेदी ने अपने भाषण में पुरातात्विक अवशेषों में मछलियों से सम्बंधित साक्ष्यों के मिलने की बात कही एवं मात्स्यिकी महाविद्यालय के साथ मिलकर इस विषय पर शोध करने की मंशा जाहिर की। साथ ही युवा वैज्ञानिकों एवं शोधार्थियों को इस ओर काम करने हेतु प्रोत्साहित किया। इस एक दिवसीय कार्यशाला के दौरान विभिन्न वक्ताओं ने अपने-अपने विचार साझा किये एवं वर्तमान परिदृश्य में आणविक जीवविज्ञान तकनीकी के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी। कार्यक्रम का समापन देर शाम कार्यक्रम की आयोजन सचिव डॉ ममता सिंह के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
वहीं कार्यशाला के गणमान्य व्यक्तियों में केंद्रीय मीठाजल जीवपालन अनुसन्धान संस्थान भुवनेश्वर के प्रधान वैज्ञानिक एवं विभागाध्यक्ष डॉ जे के सून्दराय, स्कूल ऑफ़ साइंसेज, सैम ग्लोबल यूनिवर्सिटी रायसेन के सहायक प्राध्यापक एवं रामालिंगास्वामी फेलो डॉ अनिरुद्ध कुमार सिंह, राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो, लखनऊ के प्रधान वैज्ञानिक एवं विभागाध्यक्ष डॉ विंधिया मोहिंद्रा, एम.पी.यु.ए.टी, उदयपुर के सहायक प्राध्यापक डॉ देवेंद्र जैन, डॉ कलाम कृषि महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डॉ शरीक मुख्य रूप से मौजुद रहे। कार्यक्रम के सफल संचालन में मात्स्यिकी महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक तेंजी पेम भूटीया, डॉ नरेंद्र वर्मा, डॉ संगीता कुमारी, विमल भारतेंदु आदि की महती भूमिका रही।
सारस न्यूज, किशनगंज।
शुक्रवार को डॉ कलाम कृषि महाविद्यालय अर्राबाड़ी में स्थित मात्स्यिकी महाविद्यालय में आण्विक जीवविज्ञान तकनीकी और उसके अनुप्रयोग की वर्तमान प्रगति विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में देश भर से लगभग दो दर्जन से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया जिसमें देश भर से नामचीन शिक्षाविद, शोधार्थी एवं वैज्ञानिक सम्मिलित हुए। कार्यशाला के मुख्य अतिथि के रुप में हेरिटेज सोसायटी, पटना के प्रबंध निदेशक डॉ अनंत आशुतोष द्विवेदी ने शिरकत किया।
कार्यशाला का शुभारम्भ मात्स्यिकी महाविद्यालय के डीन एवं संयोजक डॉ वी पी सैनी के स्वागत भाषण के साथ हुआ। उन्होंने कार्यशाला के मुख्य अतिथि एवं आगंतुक अन्य गणमान्य वैज्ञानिकों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वल्लित कर कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा की जानकारी दी एवं कार्यशाला के विषय की महत्त्ता को बताया। तत्पश्चात समारोह के मुख्य अतिथि डॉ अनंत आशुतोष द्विवेदी ने अपने भाषण में पुरातात्विक अवशेषों में मछलियों से सम्बंधित साक्ष्यों के मिलने की बात कही एवं मात्स्यिकी महाविद्यालय के साथ मिलकर इस विषय पर शोध करने की मंशा जाहिर की। साथ ही युवा वैज्ञानिकों एवं शोधार्थियों को इस ओर काम करने हेतु प्रोत्साहित किया। इस एक दिवसीय कार्यशाला के दौरान विभिन्न वक्ताओं ने अपने-अपने विचार साझा किये एवं वर्तमान परिदृश्य में आणविक जीवविज्ञान तकनीकी के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी। कार्यक्रम का समापन देर शाम कार्यक्रम की आयोजन सचिव डॉ ममता सिंह के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
वहीं कार्यशाला के गणमान्य व्यक्तियों में केंद्रीय मीठाजल जीवपालन अनुसन्धान संस्थान भुवनेश्वर के प्रधान वैज्ञानिक एवं विभागाध्यक्ष डॉ जे के सून्दराय, स्कूल ऑफ़ साइंसेज, सैम ग्लोबल यूनिवर्सिटी रायसेन के सहायक प्राध्यापक एवं रामालिंगास्वामी फेलो डॉ अनिरुद्ध कुमार सिंह, राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो, लखनऊ के प्रधान वैज्ञानिक एवं विभागाध्यक्ष डॉ विंधिया मोहिंद्रा, एम.पी.यु.ए.टी, उदयपुर के सहायक प्राध्यापक डॉ देवेंद्र जैन, डॉ कलाम कृषि महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डॉ शरीक मुख्य रूप से मौजुद रहे। कार्यक्रम के सफल संचालन में मात्स्यिकी महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक तेंजी पेम भूटीया, डॉ नरेंद्र वर्मा, डॉ संगीता कुमारी, विमल भारतेंदु आदि की महती भूमिका रही।
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