जिलावासियों को स्वास्थ्य सेवाओं का समुचित लाभ दिलाने के लिये विभागीय स्तर से आवश्यक प्रयास जारी हैं। ताकि उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं में सकारात्मक बदलाव संभव हो सके। रोगियों को ससमय चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिये जिलाधिकारी के निदेशानुसार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व कर्मियों के लिये निर्धारित ड्यूटी रोस्टर के अनुपालन के साथ सुनियोजित व सुव्यवस्थित तरीके से उपलब्ध सेवाओं का लाभ आम जन तक पहुंचाने की पहल की जा रही है। वहीं महत्वपूर्ण स्वास्थ्य मानकों में सुधार को लेकर लगातार प्रयास किया जा रहा है।इन्हीं बातों को लेकर स्वास्थ्य संबंधी मामलों की मासिक समीक्षात्मक बैठक समाहरणालय सभागार में आयोजित की गयी। जिलाधिकारी-सह- अध्यक्ष, जिला स्वास्थ्य समिति, श्रीकान्त शास्त्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न योजनाओं की गहन समीक्षा की गयी। स्वास्थ्य संबंधी मामलों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा में मिशन इन्द्रधनुष, परिवार नियोजन, मैटरनल हेल्थ, चाइल्ड हेल्थ, इंफ्रास्ट्रक्चर, इम्युनाइजेशन, टीबी ट्रीटमेन्ट व एफआरयू से जुड़ी सेवाओं में निर्धारित मानकों में जिले का प्रदर्शन बेहतर रहा है। बैठक में सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी, संचारी रोग पदाधिकारी, भीवीडीसीओ, सदर अस्पताल उपाधीक्षक, डीपीएम, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंन्धक सहित अन्य मौजूद थे।
इच्छाशक्ति की बदौलत स्वास्थ्य कार्यक्रमों में गुणात्मक सुधार करने की आवश्यकता
–जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने स्वास्थ्य कार्यक्रमों से संबंधित मासिक समीक्षात्मक बैठक के दौरान कहा कि इच्छाशक्ति की बदौलत जिले में सरकार प्रायोजित विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य कार्यक्रमों में काफी हद तक सुधार किया जा सकता है।क्योंकि जब तक रेफर करने की प्रवृति को बंद नहीं किया जाएगा तब तक अपने कार्यों का निष्ठापूर्वक निर्वहन नहीं किया जा सकता है। इसके लिए विभिन्न अस्पतालों में कार्यरत सभी विभागों के अधिकारियों की ससमय उपस्थिति, सकारात्मक प्रबंधन, स्वास्थ्य संस्थानों में इलाज़ कराने वाले मरीज़ या अभिभावकों के साथ कुशल व्यवहार के साथ ही त्वरित कार्रवाई कर रोगियों के साथ सहयोगात्मक रवैया अपनाते हुए उसका उपचार करना अतिमहत्वपूर्ण है। वहीं सभी एमओआईसी को निर्देश दिया गया कि प्रत्येक महीने बेहतर कार्य कर संबंधित अधिकारियों को सूचित करें। ताकि शीर्ष स्थान प्राप्त करने वाले चिकित्सा पदाधिकारियों को प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया जा सके। इसके लिए सिविल सर्जन को आवश्यक रूप से दिशा- निर्देश दिया गया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में एचडब्लूसी एवं एचएससी को सुदृढ करने का निर्देश
जिलाधिकारी के द्वारा बैठक में कहा गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में आम लोगों तक जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच आसान करने के उद्देश्य से सभी हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर तथा हेल्थ सब सेंटर में लगातार सेवा देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के साथ एचडब्ल्यूसी एवं एचएससी में स्वास्थ्य संबंधी जरूरी परामर्श के साथ महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों पर लोगों के व्यवहार परिवर्तन के लिए जागरूक करने का मंच भी है। इसके साथ-साथ प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा, जैसे टीकाकरण, प्रसव पूर्व देखभाल, पोषण वृद्धि निगरानी तथा प्रारंभिक शिशु विकास संबंधी सेवाएं प्रदान करने का बेहतर जरिया है।साथ ही, मंगलवार को सभी चिकित्सा संस्थानों में आयोजित एएनएम की सप्ताहिक समीक्षात्मक बैठक में जरूरी दिशा निर्देश भी दिये गये। जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में ओपीडी संचालन ससमय करने का निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि अस्पताल के प्रसव कक्ष, अस्पताल परिसर,ओटी, परिसर की पूरी साफ सफाई की जाय। मरीजों को ससमय भोजन,दवा उपलब्ध करने का निर्देश दिया। प्रखंड के स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपलब्ध दवाओं के अलावा बाकी अन्य दवाओं को अविलम्ब क्रय करने का आदेश दिया गया है।
सुव्यवस्थित तरीके से लोगों तक पहुंचायें सेवाओं का लाभ
सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने कहा कि जिलाधिकारी महोदय के दिशा निर्देश के आलोक में उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं को सुनियोजित व सुव्यवस्थित किया जाना जरूरी है। ताकि उपलब्ध सेवाओं का समुचित लाभ आम लोगों तक पहुंच सके। इसके लिये उन्होंने निर्धारित ड्यूटी रोस्टर के अनुपालन को जरूरी बताया। अधिकारी व कर्मियों के बीच सामान्य रूप से कार्य व दायित्वों के निवर्हन की जिम्मेदारी होनी चाहिये। संबंधित विभाग से जुड़े सभी दस्तावेज अद्यतन होनी चाहिये। इसकी उपलब्धता भी बरकरार रहनी चाहिये। ताकि अधिकारियों द्वारा निरीक्षण के क्रम में इसका समुचित ढंग से अवलोकन संभव हो सके। उन्होंने मिशन परिवार विकास अभियान की सफलता को लेकर स्वास्थ्य अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिये।
अगस्त माह में जिले में हुए कुल 2483 संस्थागत प्रसव
गर्भवती महिलाओं की नियमित एएनसी जांच संबंधी मामले की समीक्षा के क्रम में अगस्त माह में बढ़िया प्रदर्शन की सराहना की गई । बीते अगस्त माह में एएनसी जांच मामले में जिले की उपलब्धि 100 फीसदी थी। प्रथम तिमाही में गर्भवती महिलाओं को चिह्नित करते हुए पूरे प्रसव काल के दौरान चार एएनसी जांच सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया। बताया कि जिले में 14 स्थानों पर प्रसव संबंधी सुविधाएं संचालित हैं। माह अगस्त में जिले में कुल 2483 संस्थागत प्रसव हुए। वहीं 20 सी सेक्सन प्रसव भी करवाया गया है। माह अगस्त में गर्भवती माताओं एवं नवजात शिशुओं के लिए चलाये जा रहे कार्यक्रम में प्रसव पूर्व 4 जांच 82 % किया गया।
मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना में दूसरे स्थान पर जिला
समीक्षा के क्रम में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, डॉ देवेन्द्र कुमार ने बताया कि पूरे सूबे में मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना में अपना जिला दूसरे स्थान पर है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना का उद्देश्य कन्या के जन्म को प्रोत्साहित करना एवं कन्या भ्रूण हत्या को रोकना है। योजना की सहायता से लिंग अनुपात में वृद्धि लाना एवं बालिका शिशु मृत्यु दर कम करने की भी है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह पर अंकुश लगाने एवं बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने में भी योजना महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। योजना का बृहद उद्देश्य बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाकर समाज की मुख्यधारा में लाना है। ताकि महिला सशक्तिकरण की राह को आसान बनाया जा सके।
राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।
जिलावासियों को स्वास्थ्य सेवाओं का समुचित लाभ दिलाने के लिये विभागीय स्तर से आवश्यक प्रयास जारी हैं। ताकि उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं में सकारात्मक बदलाव संभव हो सके। रोगियों को ससमय चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिये जिलाधिकारी के निदेशानुसार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व कर्मियों के लिये निर्धारित ड्यूटी रोस्टर के अनुपालन के साथ सुनियोजित व सुव्यवस्थित तरीके से उपलब्ध सेवाओं का लाभ आम जन तक पहुंचाने की पहल की जा रही है। वहीं महत्वपूर्ण स्वास्थ्य मानकों में सुधार को लेकर लगातार प्रयास किया जा रहा है।इन्हीं बातों को लेकर स्वास्थ्य संबंधी मामलों की मासिक समीक्षात्मक बैठक समाहरणालय सभागार में आयोजित की गयी। जिलाधिकारी-सह- अध्यक्ष, जिला स्वास्थ्य समिति, श्रीकान्त शास्त्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न योजनाओं की गहन समीक्षा की गयी। स्वास्थ्य संबंधी मामलों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा में मिशन इन्द्रधनुष, परिवार नियोजन, मैटरनल हेल्थ, चाइल्ड हेल्थ, इंफ्रास्ट्रक्चर, इम्युनाइजेशन, टीबी ट्रीटमेन्ट व एफआरयू से जुड़ी सेवाओं में निर्धारित मानकों में जिले का प्रदर्शन बेहतर रहा है। बैठक में सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी, संचारी रोग पदाधिकारी, भीवीडीसीओ, सदर अस्पताल उपाधीक्षक, डीपीएम, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंन्धक सहित अन्य मौजूद थे।
इच्छाशक्ति की बदौलत स्वास्थ्य कार्यक्रमों में गुणात्मक सुधार करने की आवश्यकता
–जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने स्वास्थ्य कार्यक्रमों से संबंधित मासिक समीक्षात्मक बैठक के दौरान कहा कि इच्छाशक्ति की बदौलत जिले में सरकार प्रायोजित विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य कार्यक्रमों में काफी हद तक सुधार किया जा सकता है।क्योंकि जब तक रेफर करने की प्रवृति को बंद नहीं किया जाएगा तब तक अपने कार्यों का निष्ठापूर्वक निर्वहन नहीं किया जा सकता है। इसके लिए विभिन्न अस्पतालों में कार्यरत सभी विभागों के अधिकारियों की ससमय उपस्थिति, सकारात्मक प्रबंधन, स्वास्थ्य संस्थानों में इलाज़ कराने वाले मरीज़ या अभिभावकों के साथ कुशल व्यवहार के साथ ही त्वरित कार्रवाई कर रोगियों के साथ सहयोगात्मक रवैया अपनाते हुए उसका उपचार करना अतिमहत्वपूर्ण है। वहीं सभी एमओआईसी को निर्देश दिया गया कि प्रत्येक महीने बेहतर कार्य कर संबंधित अधिकारियों को सूचित करें। ताकि शीर्ष स्थान प्राप्त करने वाले चिकित्सा पदाधिकारियों को प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया जा सके। इसके लिए सिविल सर्जन को आवश्यक रूप से दिशा- निर्देश दिया गया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में एचडब्लूसी एवं एचएससी को सुदृढ करने का निर्देश
जिलाधिकारी के द्वारा बैठक में कहा गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में आम लोगों तक जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच आसान करने के उद्देश्य से सभी हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर तथा हेल्थ सब सेंटर में लगातार सेवा देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के साथ एचडब्ल्यूसी एवं एचएससी में स्वास्थ्य संबंधी जरूरी परामर्श के साथ महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों पर लोगों के व्यवहार परिवर्तन के लिए जागरूक करने का मंच भी है। इसके साथ-साथ प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा, जैसे टीकाकरण, प्रसव पूर्व देखभाल, पोषण वृद्धि निगरानी तथा प्रारंभिक शिशु विकास संबंधी सेवाएं प्रदान करने का बेहतर जरिया है।साथ ही, मंगलवार को सभी चिकित्सा संस्थानों में आयोजित एएनएम की सप्ताहिक समीक्षात्मक बैठक में जरूरी दिशा निर्देश भी दिये गये। जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में ओपीडी संचालन ससमय करने का निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि अस्पताल के प्रसव कक्ष, अस्पताल परिसर,ओटी, परिसर की पूरी साफ सफाई की जाय। मरीजों को ससमय भोजन,दवा उपलब्ध करने का निर्देश दिया। प्रखंड के स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपलब्ध दवाओं के अलावा बाकी अन्य दवाओं को अविलम्ब क्रय करने का आदेश दिया गया है।
सुव्यवस्थित तरीके से लोगों तक पहुंचायें सेवाओं का लाभ
सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने कहा कि जिलाधिकारी महोदय के दिशा निर्देश के आलोक में उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं को सुनियोजित व सुव्यवस्थित किया जाना जरूरी है। ताकि उपलब्ध सेवाओं का समुचित लाभ आम लोगों तक पहुंच सके। इसके लिये उन्होंने निर्धारित ड्यूटी रोस्टर के अनुपालन को जरूरी बताया। अधिकारी व कर्मियों के बीच सामान्य रूप से कार्य व दायित्वों के निवर्हन की जिम्मेदारी होनी चाहिये। संबंधित विभाग से जुड़े सभी दस्तावेज अद्यतन होनी चाहिये। इसकी उपलब्धता भी बरकरार रहनी चाहिये। ताकि अधिकारियों द्वारा निरीक्षण के क्रम में इसका समुचित ढंग से अवलोकन संभव हो सके। उन्होंने मिशन परिवार विकास अभियान की सफलता को लेकर स्वास्थ्य अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिये।
अगस्त माह में जिले में हुए कुल 2483 संस्थागत प्रसव
गर्भवती महिलाओं की नियमित एएनसी जांच संबंधी मामले की समीक्षा के क्रम में अगस्त माह में बढ़िया प्रदर्शन की सराहना की गई । बीते अगस्त माह में एएनसी जांच मामले में जिले की उपलब्धि 100 फीसदी थी। प्रथम तिमाही में गर्भवती महिलाओं को चिह्नित करते हुए पूरे प्रसव काल के दौरान चार एएनसी जांच सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया। बताया कि जिले में 14 स्थानों पर प्रसव संबंधी सुविधाएं संचालित हैं। माह अगस्त में जिले में कुल 2483 संस्थागत प्रसव हुए। वहीं 20 सी सेक्सन प्रसव भी करवाया गया है। माह अगस्त में गर्भवती माताओं एवं नवजात शिशुओं के लिए चलाये जा रहे कार्यक्रम में प्रसव पूर्व 4 जांच 82 % किया गया।
मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना में दूसरे स्थान पर जिला
समीक्षा के क्रम में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, डॉ देवेन्द्र कुमार ने बताया कि पूरे सूबे में मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना में अपना जिला दूसरे स्थान पर है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना का उद्देश्य कन्या के जन्म को प्रोत्साहित करना एवं कन्या भ्रूण हत्या को रोकना है। योजना की सहायता से लिंग अनुपात में वृद्धि लाना एवं बालिका शिशु मृत्यु दर कम करने की भी है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह पर अंकुश लगाने एवं बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने में भी योजना महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। योजना का बृहद उद्देश्य बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाकर समाज की मुख्यधारा में लाना है। ताकि महिला सशक्तिकरण की राह को आसान बनाया जा सके।