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एसपी ने किशनगंज जिले डिजिटलाइजेशन लेकर सभी थानाध्यक्षों के साथ की बैठक, तकनीकी रूप से सभी थाना को विकसित करने पर हुई चर्चा।

सारस न्यूज, किशनगंज।

एसपी डा. इनामुल हक मेगनू ने मंगलवार को रचना भवन में जिले के पुलिस पदाधिकारियों के साथ समीक्षात्मक बैठक में डिजिटलाइजेशन पुलिसिंग को लेकर चर्चा किया। बैठक के दौरान एसपी ने जिले के सभी थानाध्यक्षों को कई दिशा निर्देश दिया। बैठक के दौरान सभी थानाध्यक्षों को सात दिन के अंदर अपने-अपने क्षेत्र के ग्राम अपराध पंजी बनाने का निर्देश दिया है। एसपी ने बताया ग्राम अपराध पंजी ग्रामीण क्षेत्रों में घटित होने वाले अपराधों पर नियंत्रण कायम करने के उद्देश्य से अपराधों और अपराधियों के बारे में विस्तृत सूचना के संकलन करने तथा आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इस बही का संधारण किया जाता है।
खासकर थाना क्षेत्रों को उसके अपराधी की स्थिति एवं उस पर प्रभाव डालने वाले कारकों के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। इसमें ए के रूप में चिन्हित क्षेत्रों पर अधिक निगरानी रखने की आवश्यकता होती है। वहीं ग्राम अपराध नहीं को पांच भागों में बांटने का बात बताया गया। बैठक के दौरान एसपी ने सभी – थानाध्यक्षों से अपने-अपने थाना क्षेत्र पर विशेष निगरानी के साथ गश्ती तेज करने का भी निर्देश दिया है। वहीं जिले के थानों को डिजिटलाइजेशन को लेकर भी एसपी ने जिले के थानों में पद स्थापित सभी डाटा आपरेटर पुलिस के साथ भी बैठक कर कई दिशा निर्देश उन्हें भी दिया है। सभी थानों में डाटा सेंटर बनाया गया है इसलिए सभी थानों में डाटा आपरेटर की बहाली की गई है। अब डिजिटल हो जाने से थानों के कामकाज में काफी सुविधा होगा। सभी थानों का ईमेल आईडी जनरेट किया गया है। सभी थानों कार्ड डिजिटलाइजेशन का कंट्रोलिंग पुलिस कार्यालय से रहेगा।

जिला पुलिस का होगा फुल डिजिटलीकरण:- एसपी
किशनगंज पुलिस को तकनीकी रूप से और अधिक सशक्त बनाये जाने की पहल शुरू कर दी गई है। जिले के सभी 22 थानों को डिजिटल बनाये जानेके कार्य किए जा रहे हैं। इसके लिए तकनीकी रूप से सभी थाना को विकसित किया जा रहा है। कुल 22 थाना में 12 से ज्यादा थाना में कंप्यूटर लगाया जा चुका है। जिसमें किशनगंज सदर, ठाकुरंगज, बहादुरगंज, पोठिया, दिघलबैंक सहित अन्य थानों में कम्प्यूटर लगाए जा चुके हैं। वही इन थानों में कम्प्यूटर के साथ कम्प्यूटर ऑपरेटरों को भी प्रतिनियुक्त किया जा चुका है। ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि ज्यादातर आवेदन ऑनलाइन भी लिए जा सके। ऑनलाइन आवेदन लिए जाने की व्यवस्था शीघ्र ही शुरू हो सकती है। इसके अलावे सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट के तहत पिछले 10 वर्षों का डाटा भी कम्प्यूटर में अपलोड किया जा रहा है। डाटा अपलोड किए जाने की प्रक्रिया भी करीब करीब पूरी हो चुकी है। अभी नए नियम के तहत कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन संबंधित वैबसाइट में जिले में हुए एफआईआर को देख सकता है। कोई भी कही से भी एफआईआर को अपलोड कर सकता है। थानों को तकनीकी रूप से विकसित किये जाने को लेकर एसपी ने कम्प्यूटरों ऑपरेटरों के साथ एक बैठक भी आयोजित की थी। बैठक में एसपी ने कम्प्यूटर ऑपरेटरों को प्रशिक्षण भी दिया है ताकि वे बेहतर तरीके से कार्य कर सकें।

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