किशनगंज शहर के सौदागर पट्टी रोड स्थित गांधी घाट शिव मंदिर में अज्ञात चोरों ने मंगलवार की रात अष्टधातु निर्मित भोलेनाथ की पंचमुखी प्रतिमा की चोरी कर ली। मुगलकाल में स्थापित डेढ़ सौ साल पुराने शिव मंदिर के दरवाजे में लगे सरिया को तोड़कर चोरों ने मंदिर में प्रवेश किया और करोड़ों की आंकी जा रही अष्टधातु की पंचमुखी शिव की प्रतिमा की चोरी कर ली।
जानकारी के मुताबिक, घटना की भनक बुधवार की सुबह मंदिर के पुजारी श्रीनिवासन तिवारी के पुत्र विश्वजीत तिवारी को लगी। जब उन्होंने बुधवार सुबह पूजा के लिए मंदिर के द्वार खोला तो देखा मंदिर से भगवान शिव की अष्टधातु से निर्मित पंचमुखी मूर्ति गायब है। इसके बाद घर के अन्य सदस्यों को जानकारी दी। इसके बाद मामले की शिकायत सदर थाना में की गई। इसके बाद पुलिस जांच में जुट गई।चोरी को लेकर पुलिस ने मुख्य पुजारी के पुत्र विश्वजीत से पूछताछ की। इसके बाद मंदिर के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाल रही है। घटना की जानकारी देते हुए विश्वजीत तिवारी ने बताया कि यह मंदिर डेढ़ सौ वर्ष पुराना है जहां करोड़ों की लागत से बनी अष्टधातु की प्रतिमा स्थापित थी। चोरों ने मंदिर का पिछला दरवाजा तोड़कर प्रतिमा चुरा लिया।
बताते चलें कि यह मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का बड़ा केंद्र है जहां जिले के कई इलाकों से लोग पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते हैं। चोरी के इस मामले में देर शाम तक पुलिस को कोई सुराग हाथ नहीं लग पाया है। जबकि चोरी की इस घटना को लेकर शहर के विभिन्न हिदू संगठनों और स्थानीय लोगों में आक्रोश है। लोगों को कहना है कि पिछले कुछ माह में कई मंदिरों में लगे दानपेटी चुराने की घटनाएं हुई है। वहीं एक मंदिर में काली की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने का मामला प्रकाश में आया है।
लोगों ने बताया कि यह शहर का सबसे पुराना शिवमंदिर है जिसका इतिहास मुगलकाल से जुड़ा है। मुगलकाल में यहां एक सन्यासी आये थे कितु मुसलमानों के प्रभुत्व का पता लगते ही सन्यासी बैंरग लौटने लगे। तब खगड़ा के नवाब फकीरूद्दीन ने संयासी को प्रसन्न करने के लिए आलमगंज के एक भाग का नामकरण कृष्णागंज कर दिया। जहां यह शिवमंदिर और राधाकृष्ण मंदिर स्थापित है लेकिन रखरखाव व देखरेख के अभाव में जर्जर हालत में है। मंदिर सैकड़ों वर्ष पूर्व निर्माण किया गया था जो आज भी उसी हालत में है। मंदिर का दरवाजा पुराना होने के कारण चोरों ने दरवाजा तोड़कर करोड़ों की लागत से बनी अष्टधातु की पंचमुखी शिव प्रतिमा चुरा लिया।
इस संबंध में एसपी किशनगंज डा. इनामुल हक मेंगनू ने बताया कि शिव मंदिर से मूर्ति चोरी की सूचना मिली है। थानाध्यक्ष को भेजा गया है। सीसीटीवी फूटेज खंगाला जा रहा है। जल्द ही मूर्ति बरामद कर ली जाएगी। किशनगंज पुलिस को सभी धार्मिक स्थलों की सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम का निर्देश दिया गया है।
सारस न्यूज, किशनगंज।
किशनगंज शहर के सौदागर पट्टी रोड स्थित गांधी घाट शिव मंदिर में अज्ञात चोरों ने मंगलवार की रात अष्टधातु निर्मित भोलेनाथ की पंचमुखी प्रतिमा की चोरी कर ली। मुगलकाल में स्थापित डेढ़ सौ साल पुराने शिव मंदिर के दरवाजे में लगे सरिया को तोड़कर चोरों ने मंदिर में प्रवेश किया और करोड़ों की आंकी जा रही अष्टधातु की पंचमुखी शिव की प्रतिमा की चोरी कर ली।
जानकारी के मुताबिक, घटना की भनक बुधवार की सुबह मंदिर के पुजारी श्रीनिवासन तिवारी के पुत्र विश्वजीत तिवारी को लगी। जब उन्होंने बुधवार सुबह पूजा के लिए मंदिर के द्वार खोला तो देखा मंदिर से भगवान शिव की अष्टधातु से निर्मित पंचमुखी मूर्ति गायब है। इसके बाद घर के अन्य सदस्यों को जानकारी दी। इसके बाद मामले की शिकायत सदर थाना में की गई। इसके बाद पुलिस जांच में जुट गई।चोरी को लेकर पुलिस ने मुख्य पुजारी के पुत्र विश्वजीत से पूछताछ की। इसके बाद मंदिर के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाल रही है। घटना की जानकारी देते हुए विश्वजीत तिवारी ने बताया कि यह मंदिर डेढ़ सौ वर्ष पुराना है जहां करोड़ों की लागत से बनी अष्टधातु की प्रतिमा स्थापित थी। चोरों ने मंदिर का पिछला दरवाजा तोड़कर प्रतिमा चुरा लिया।
बताते चलें कि यह मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का बड़ा केंद्र है जहां जिले के कई इलाकों से लोग पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते हैं। चोरी के इस मामले में देर शाम तक पुलिस को कोई सुराग हाथ नहीं लग पाया है। जबकि चोरी की इस घटना को लेकर शहर के विभिन्न हिदू संगठनों और स्थानीय लोगों में आक्रोश है। लोगों को कहना है कि पिछले कुछ माह में कई मंदिरों में लगे दानपेटी चुराने की घटनाएं हुई है। वहीं एक मंदिर में काली की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने का मामला प्रकाश में आया है।
लोगों ने बताया कि यह शहर का सबसे पुराना शिवमंदिर है जिसका इतिहास मुगलकाल से जुड़ा है। मुगलकाल में यहां एक सन्यासी आये थे कितु मुसलमानों के प्रभुत्व का पता लगते ही सन्यासी बैंरग लौटने लगे। तब खगड़ा के नवाब फकीरूद्दीन ने संयासी को प्रसन्न करने के लिए आलमगंज के एक भाग का नामकरण कृष्णागंज कर दिया। जहां यह शिवमंदिर और राधाकृष्ण मंदिर स्थापित है लेकिन रखरखाव व देखरेख के अभाव में जर्जर हालत में है। मंदिर सैकड़ों वर्ष पूर्व निर्माण किया गया था जो आज भी उसी हालत में है। मंदिर का दरवाजा पुराना होने के कारण चोरों ने दरवाजा तोड़कर करोड़ों की लागत से बनी अष्टधातु की पंचमुखी शिव प्रतिमा चुरा लिया।
इस संबंध में एसपी किशनगंज डा. इनामुल हक मेंगनू ने बताया कि शिव मंदिर से मूर्ति चोरी की सूचना मिली है। थानाध्यक्ष को भेजा गया है। सीसीटीवी फूटेज खंगाला जा रहा है। जल्द ही मूर्ति बरामद कर ली जाएगी। किशनगंज पुलिस को सभी धार्मिक स्थलों की सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम का निर्देश दिया गया है।
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