पूर्वोत्तर सीमांत (एनएफ) रेलवे जोन के कटिहार डिवीजन अंतर्गत किशनगंज से जलालगढ़ नई बड़ी रेललाइन परियोजना के निर्माण के लिए शुक्रवार को सांसद डॉ. मो. जावेद आजाद ने केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को एक ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन सौंपने के उपरांत इस संबंध में सांसद डॉ मो जावेद आज़ाद ने बताया कि किशनगंज लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत रेल मंत्रालय द्वारा पूर्व में प्रस्तावित महत्वपूर्ण नई बड़ी रेललाइन परियोजना किशनगंज-जलालगढ़ रेलवे लाइन की दूरी 50 किमी है। इस रेल लाइन का सर्वेक्षण और भौतिक सत्यापन के कार्य का शिलान्यास 2005 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के द्वारा किया गया था। तब से लेकर आज तक 17 वर्ष के उपरांत भी इस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य शुरू नहीं हो पाया हैं। जबकि इस रेल लाइन परियोजना के निर्माण के बाद रेलवे परिचालन से पूर्णिया से लेकर सिलीगुड़ी तक के बीच आर्थिक और व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आएगी।
इस दौरान सांसद डॉ मो जावेद आज़ाद ने केन्द्रीय रेल मंत्री से किशनगंज लोकसभा क्षेत्र में रेलवे से संबंधित कई समस्याओं के समाधान के लिए ध्यान आकृष्ट कराया। इसके अंतर्गत मुख्य रूप से किशनगंज-जलालगढ़ रेल लाइन निर्माण और किशनगंज से दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद शहरों से डायरेक्ट ट्रेनों की परिचालन शामिल रहा। इसके अलावा किशनगंज स्टेशन परिसर में मौजूदा रैक प्वाइंट से विभिन्न वस्तुओं की लोडिग-अनलोडिग होने से धूल धक्कड़ और प्रदूषण उत्पन्न होते रहते हैं। इस वजह से यात्रियों को कर्द प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
यात्रियों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए शहरी क्षेत्र के भीतर ही उपलब्ध रेलवे की भूमि पर रैंक प्वायंट शिफ्ट कराए जाएं। वहीं गलगलिया में रेलवे रैक प्वाइंट का निर्माण कराया जाए और किशनगंज स्टेशन में यात्री सुविधाओं का विस्तार किया जाए।
सारस न्यूज, किशनगंज।
पूर्वोत्तर सीमांत (एनएफ) रेलवे जोन के कटिहार डिवीजन अंतर्गत किशनगंज से जलालगढ़ नई बड़ी रेललाइन परियोजना के निर्माण के लिए शुक्रवार को सांसद डॉ. मो. जावेद आजाद ने केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को एक ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन सौंपने के उपरांत इस संबंध में सांसद डॉ मो जावेद आज़ाद ने बताया कि किशनगंज लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत रेल मंत्रालय द्वारा पूर्व में प्रस्तावित महत्वपूर्ण नई बड़ी रेललाइन परियोजना किशनगंज-जलालगढ़ रेलवे लाइन की दूरी 50 किमी है। इस रेल लाइन का सर्वेक्षण और भौतिक सत्यापन के कार्य का शिलान्यास 2005 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के द्वारा किया गया था। तब से लेकर आज तक 17 वर्ष के उपरांत भी इस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य शुरू नहीं हो पाया हैं। जबकि इस रेल लाइन परियोजना के निर्माण के बाद रेलवे परिचालन से पूर्णिया से लेकर सिलीगुड़ी तक के बीच आर्थिक और व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आएगी।
इस दौरान सांसद डॉ मो जावेद आज़ाद ने केन्द्रीय रेल मंत्री से किशनगंज लोकसभा क्षेत्र में रेलवे से संबंधित कई समस्याओं के समाधान के लिए ध्यान आकृष्ट कराया। इसके अंतर्गत मुख्य रूप से किशनगंज-जलालगढ़ रेल लाइन निर्माण और किशनगंज से दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद शहरों से डायरेक्ट ट्रेनों की परिचालन शामिल रहा। इसके अलावा किशनगंज स्टेशन परिसर में मौजूदा रैक प्वाइंट से विभिन्न वस्तुओं की लोडिग-अनलोडिग होने से धूल धक्कड़ और प्रदूषण उत्पन्न होते रहते हैं। इस वजह से यात्रियों को कर्द प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
यात्रियों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए शहरी क्षेत्र के भीतर ही उपलब्ध रेलवे की भूमि पर रैंक प्वायंट शिफ्ट कराए जाएं। वहीं गलगलिया में रेलवे रैक प्वाइंट का निर्माण कराया जाए और किशनगंज स्टेशन में यात्री सुविधाओं का विस्तार किया जाए।
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