बदलते समय के साथ लोगों के खानपान और जीवनशैली में भी बहुत से परिवर्तन हो गए हैं। बदलते आहार व्यवहार के कारण लोग बहुत से बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। इन बीमारियों में मधुमेह की बीमारी समान्य हो गई है। जिन्हें लोग डाइबिटीज या शुगर की बीमारी के रूप में भी सम्बोधित करते हैं। असंतुलित आहार का सेवन, नियमित शारीरिक गतिविधियों की कमी से ज्यादातर लोग डाइबिटीज के शिकार हो रहे हैं।
चिकित्सकीय भाषा में इस बीमारी को साइलेंट किलर के रूप में जाना जाता है। लोगों को डायबिटीज के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग द्वारा 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस के रूप में मनाया जाता है। विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर जिले के सदर अस्पताल सहित सभी स्वास्थ्य केंद्रों में 14 से 21 नवंबर तक विशेष कैम्प का आयोजन कर लोगों की निःशुल्क डाइबिटीज जांच व परामर्श कैम्प का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान सदर अस्पताल में सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर की अध्यक्षता में लोगों की विशेष जांच करा उन्हें डाइबिटीज की पहचान और उससे सुरक्षित रहने के लिए जागरूक किया गया। उक्त कार्यक्रम में मुख्य रूप से एसीएमओ डॉ सुरेश प्रसाद, गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ उर्मिला कुमारी एवं स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित रहे।
राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।
बदलते समय के साथ लोगों के खानपान और जीवनशैली में भी बहुत से परिवर्तन हो गए हैं। बदलते आहार व्यवहार के कारण लोग बहुत से बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। इन बीमारियों में मधुमेह की बीमारी समान्य हो गई है। जिन्हें लोग डाइबिटीज या शुगर की बीमारी के रूप में भी सम्बोधित करते हैं। असंतुलित आहार का सेवन, नियमित शारीरिक गतिविधियों की कमी से ज्यादातर लोग डाइबिटीज के शिकार हो रहे हैं।
चिकित्सकीय भाषा में इस बीमारी को साइलेंट किलर के रूप में जाना जाता है। लोगों को डायबिटीज के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग द्वारा 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस के रूप में मनाया जाता है। विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर जिले के सदर अस्पताल सहित सभी स्वास्थ्य केंद्रों में 14 से 21 नवंबर तक विशेष कैम्प का आयोजन कर लोगों की निःशुल्क डाइबिटीज जांच व परामर्श कैम्प का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान सदर अस्पताल में सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर की अध्यक्षता में लोगों की विशेष जांच करा उन्हें डाइबिटीज की पहचान और उससे सुरक्षित रहने के लिए जागरूक किया गया। उक्त कार्यक्रम में मुख्य रूप से एसीएमओ डॉ सुरेश प्रसाद, गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ उर्मिला कुमारी एवं स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित रहे।
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