सारस न्यूज टीम, किशनगंज।
पूरे किशनगंज जिले में सोमवार की देर रात को हर्षोल्लास के साथ मंदिरों व पूजा पंडालों में मां काली की पूजा-अर्चना पूरे विधि-विधान के साथ वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच की गई। इस बीच सूर्य ग्रहण को देखते हुए अहले सुबह ही सभी मंदिरों के पट बंद हो गए। जिस कारण श्रद्धालु मां काली के दर्शन भी नहीं कर पाए। पुरोहित के अनुसार पूजा-पाठ व आरती ग्रहण समाप्त होने के बाद ही की जाएगी। जबकि खिचड़ी, खीर व हलुआ का भोग या खोइंछा वगैरह आज बुधवार को होगा। पुरोहित के अनुसार मंगलवार को सुर्यग्रहण शाम 4 बजकर 22 मिनट पर लगा।
जो शाम 5 बजकर 52 मिनट तक रहा। मंदिर के पट सुबह ही बंद कर दिये गये। उन्हाेंने बताया कि सूतक काल के कारण सुबह 3 बजकर 40 मिनट तक ही सभी पूजन कार्य संपन्न कर लिये गये। इसके बाद अब किसी भी तरह के पूजन कार्य मंदिर में नहीं हुए। मंदिरों के पट बंद कर दिये गये। उन्होंने बताया कि सूतक काल के बाद पानी व गंगाजल से पूरा मंदिर धोया जाएगा। जिसके बाद संध्या आरती व पूजन आदि होगा। पुरोहित बताते हैं कि अगर सुर्यग्रहण रहते ही सूर्य अस्त हो जाते हैं तो अगले दिन ही पूजा-पाठ का कार्य किया जाता है। सूर्योदय का इंतजार किया जाता है। सूर्यास्त के पहले की सूर्यग्रहण समाप्त हाे गया इसलिए संध्या पूजन व आरती मंदिरों में की गई।