किशनगंज जिले में बुधवार को ग्रामीण स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस मनाया गया। आंगनवाड़ी सेविकाओं ने घर घर जाकर पोषक क्षेत्र में कुपोषण के खिलाफ लोगों को जागरूक किया। इस मौके पर आंगनबाड़ी केंद्रों पर गोदभराई एवं पौधरोपण कर पोषण का संदेश दिया गया। सीडीपीओ जीनत यासमीन ने बताया कि पोषण माह की सफलता को लेकर गांव के सभी घरों में पोषण का संदेश पहुंचाया जाएगा।
लोगों को उचित पोषण की जानकारी और कुपोषण मुक्त समाज निर्माण में भागीदारी निभाने की अपील की जाएगी। गोदभराई ईएसएम की शुरुआत मांगलिक गीतों से आरंभ किया गया। गर्भवती महिला को उपहार स्वरूप पोषण की पोटली एवं थाली दी गयी। जिसमें गुड़, चना, हरी पत्तेदार सब्जियां, आयरन की गोली, पोषाहार व फल थे। गर्भवती महिलाओं को चुनरी ओढ़ाकर और टीका लगाकर गोदभराई रस्म पूरी की गई।
एनीमिया प्रबंधन की दी गई जानकारी: राष्टीय पोषण अभियान के जिला समन्वयक मंजूर आलम ने बताया कि गर्भवती माता, किशोरियों एवं बच्चों में एनीमिया की रोकथाम जरूरी है। गर्भवती महिलाओ को 180 दिनों तक आयरन की एक गोली खाने की सलाह दिया गया। 10 से 19 आयुवर्ग की किशोरियों को भी प्रति सप्ताह आयरन की एक नीली गोली का सेवन करने की अपील किया गया। उन्होंने छह माह से पांच साल तक के बच्चों को सप्ताह में दो बार एक-एक मिलीलीटर आयरन सीरप देने को कहा। उन्होंने कहा कि गर्भवती होने पर महिलाओं को आंगनबाड़ी केंद्रों पर निबन्धन करवाने को कहा।
सारस न्यूज टीम, किशनगंज।
किशनगंज जिले में बुधवार को ग्रामीण स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस मनाया गया। आंगनवाड़ी सेविकाओं ने घर घर जाकर पोषक क्षेत्र में कुपोषण के खिलाफ लोगों को जागरूक किया। इस मौके पर आंगनबाड़ी केंद्रों पर गोदभराई एवं पौधरोपण कर पोषण का संदेश दिया गया। सीडीपीओ जीनत यासमीन ने बताया कि पोषण माह की सफलता को लेकर गांव के सभी घरों में पोषण का संदेश पहुंचाया जाएगा।
लोगों को उचित पोषण की जानकारी और कुपोषण मुक्त समाज निर्माण में भागीदारी निभाने की अपील की जाएगी। गोदभराई ईएसएम की शुरुआत मांगलिक गीतों से आरंभ किया गया। गर्भवती महिला को उपहार स्वरूप पोषण की पोटली एवं थाली दी गयी। जिसमें गुड़, चना, हरी पत्तेदार सब्जियां, आयरन की गोली, पोषाहार व फल थे। गर्भवती महिलाओं को चुनरी ओढ़ाकर और टीका लगाकर गोदभराई रस्म पूरी की गई।
एनीमिया प्रबंधन की दी गई जानकारी: राष्टीय पोषण अभियान के जिला समन्वयक मंजूर आलम ने बताया कि गर्भवती माता, किशोरियों एवं बच्चों में एनीमिया की रोकथाम जरूरी है। गर्भवती महिलाओ को 180 दिनों तक आयरन की एक गोली खाने की सलाह दिया गया। 10 से 19 आयुवर्ग की किशोरियों को भी प्रति सप्ताह आयरन की एक नीली गोली का सेवन करने की अपील किया गया। उन्होंने छह माह से पांच साल तक के बच्चों को सप्ताह में दो बार एक-एक मिलीलीटर आयरन सीरप देने को कहा। उन्होंने कहा कि गर्भवती होने पर महिलाओं को आंगनबाड़ी केंद्रों पर निबन्धन करवाने को कहा।
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