सारस न्यूज टीम, किशनगंज।
किशनगंज जिले में भी डेंगू के मामले आने शुरू हो गए। जिसे लेकर जिला प्रशासन पुरी तरह से अलर्ट मोड में ह। जिसे लेकर किशनगंज जिला पदाधिकारी श्रीकांत शास्त्री की अध्यक्षता में कई बैठक आयोजित की जा रही है। शहर के हर गली में नगर परिषद फॉगिंग करने में जुटी हुई है। वादियों नालियों की स्थिति और आउटफॉल समस्या बनी हुई है। वही स्वास्थ्य का केंद्र सदर अस्पताल खुद मच्छरों के लार्वा को निमंत्रण दे रहा है। किशनगंज जिले के एक मात्र सदर अस्पताल है।
डेंगू के मरीजों के लिए अस्पताल में डेडिकेटेड वार्ड में इलाज के लिए डेंगू मरीजों को भर्ती किया जाता है. आइसोलेट किया जाता है। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर के द्वारा आम लोगो को डेंगू के प्रकोप से बचने को लेकर कई विधियां बताई जा रही। मगर सदर अस्पताल में अगर सफाई की बात करें तो ये बिलकुल फिसड्डी साबित होता हुआ दिखेगा।
सदर अस्पताल के कोविड -19 जांच घर के पीछे गंदगी का अंबार लगा हुआ है। वही बगल में जरनेटर मशीन के समीप एक रूम है जहां कुछ स्वास्थ कर्मी बैठते है। इसी के बीच पल्स पोलियों के डब्बे में ना जाने कितने दिनों से जल का जमाव हुआ पड़ा है। जिसमें लारवा पनप चुके हैं। पनपते मच्छरों के लार्वा सफाई के अभाव में तैरते नजर आ रहे हैं। जो जल्द बीमारी के प्रसार में सहायक की भूमिका में होंगे। बगल में लोहा लक्कड़ के बगल में और भी बहुत सा कचड़ा पड़ा हुआ है। मगर इसपर किसी का ध्यान ही नही जा रहा है। इसी जगह पर कुछ लोगो के द्वारा शौच भी किया जाता है।
जब सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर के पास इन बातों को लेकर पहुंचे तो उन्होंने जवाब देने के बजाय बाहर रुकने की बात कह कर बचते रहे। काफी इन्तेजार के बाद भी उनका बुलावा नहीं आया। पिछले कुछ दिनों से नर्सिंग होम की जांच होने के बाद से सीएस लगातार मीडिया से बचते ही नजर आए हैं। इससे यह साफ जाहिर होता है की डेंगू के साथ साथ कई महामारियों को खुलेआम बुलावा दिया जा रहा है।