सारस न्यूज, किशनगंज।
राज्य के कई जिले में मौसम में बदलाव के साथ डेंगू का खतरा मंडराने लगा है। इस मौसम में डेंगू मच्छर पैदा होता है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से डेंगू से बचाव करने के लिए किशनगंज में भी प्रयास शुरू किए गए हैं। डेंगू से बचाव को लेकर राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले को सतर्क करने पर किशनगंज जिला स्वास्थ्य विभाग डेंगू से बचाव एवं उन्मूलन को लेकर पूरी तैयारी में जुटा हुआ है। इस संबंध में डीभीबीडीसी पदाधिकारी डॉ. मंजर आलम ने बताया कि विभाग के निर्देश पर डेंगू मरीजों की संभावना को लेकर सदर अस्पताल में 10 एवं एमजीएम मेडिकल कॉलेज में 15 बेड का अलग डेंगू वार्ड बनाया गया है। उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल में पुराना लेबर रूम वाली भवन में दीदी की रसोई के ऊपर द्वितीय तल्ला में 10 बेड का अलग डेंगू वार्ड बनाया गया है। उन्होंने बताया कि जिले में एक भी डेंगू का मरीज नहीं है लेकिन स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह अलर्ट है। उन्होंने बताया के जिले में सदर अस्पताल सहित एमजीएम मेडिकल कॉलेज, रेफरल अस्पताल एवं सभी पीएचसी-सीएचसी में डेंगू जांच रैपिड डायग्नोस्टिक किट उपलब्ध है हालांकि रैपिड डायग्नोस्टिक किट जांच से संदिग्ध मरीज चिह्नित किये जा सकते हैं लेकिन यह जांच डेंगू रोग को संपुष्ट नहीं कर सकता। मरीज की संपुष्टि के लिए मरीज का सैंपल जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज भागलपुर भेजा जाएगा ,वहां से जांच में डेंगू की पुष्टि की जाएगी।

सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर प्रसाद ने कहा कि जिले के सभी सरकारी अस्पतालों तथा अन्य सरकारी संस्थाओं में डेंगू का फ्री इलाज किया जाता है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसे में किसी को भी डेंगू का थोड़ा सा भी शक होता है या बुखार आता है, सिर दर्द होता है या शरीर टूटता है तो वो अस्पताल में चेक करवाएं। उन्होंने कहा कि डेंगू का इलाज किया जा सकता है इससे घबराने की नहीं बल्कि सावधानी बरतने की जरूरत है।