सारस न्यूज, किशनगंज।
किशनगंज जिले में बुधवार को दो लोगों में डेंगू के लक्षण देखने को मिले हैं। दोनों को सदर अस्पताल में आइसोलेट किया गया है। हालांकि जांच के बाद इसकी अधिकारिक पुष्टि की जाएगी।
इस संबंध में सिविल सर्जन कौशल किशोर ने बताया कि सदर अस्पताल में दो लोगों में डेंगू वायरस के लक्षण देखने को मिले हैं, जिसे स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाए गए डेंगू वार्ड में रखा गया है। दोनों व्यक्तियों की जांच की जा रही है। वहीं उन्होंने डेंगू से बचाव के लिए लोगों से अपील करते हुए कहा कि लोग पूरे बदन को ढक कर रखें एवं बाहर निकले के दौरान लोशन लगाकर निकलें। आसपास की गंदगी को साफ करें। साथ ही अगल बगल में फैले कचरे को जला दें ताकि एकत्रित हुए कचरे में कोई ऐसा पदार्थ ना बच जाए जो सड़ने लगे और जिससे किसी अन्य प्रकार की बीमारी उत्पन्न हो।
सीएस डॉ कौशल किशोर प्रसाद ने बताया कि जिले में डेंगू मरीजों की संभावना को लेकर सदर अस्पताल में 10 एवं एमजीएम मेडिकल कॉलेज में 15 बेड का अलग डेंगू वार्ड बनाया गया है। सदर अस्पताल में पुराना लेबर रूम वाली भवन में दीदी की रसोई के ऊपर द्वितीय तल्ला में 10 बेड का अलग डेंगू वार्ड बनाया गया है। स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। जिले में सदर अस्पताल सहित एमजीएम मेडिकल कॉलेज, रेफरल अस्पताल एवं सभी पीएचसी-सीएचसी में डेंगू जांच रैपिड डायग्नोस्टिक किट उपलब्ध है हालांकि रैपिड डायग्नोस्टिक किट जांच से संदिग्ध मरीज चिह्नित किये जा सकते हैं लेकिन यह जांच डेंगू रोग को संपुष्ट नहीं कर सकता। मरीज की संपुष्टि के लिए मरीज का सैंपल जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज भागलपुर भेजा जाएगा, वहां से जांच में डेंगू की पुष्टि की जाएगी।

सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर प्रसाद ने कहा कि जिले के सभी सरकारी अस्पतालों तथा अन्य सरकारी संस्थाओं में डेंगू का फ्री इलाज किया जाता है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसे में किसी को भी डेंगू का थोड़ा सा भी शक होता है या बुखार आता है, सिर दर्द होता है या शरीर टूटता है तो वो अस्पताल में चेक करवाएं। उन्होंने कहा कि डेंगू का इलाज किया जा सकता है, इससे घबराने की नहीं बल्कि सावधानी बरतने की जरूरत है।