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किशनगंज शहरी क्षेत्र में कार्यरत अल्ट्रा साउंड केंद्र की गठित त्रिसदस्यीय कमिटी ने औचक निरीक्षण कर की जांच।

सारस न्यूज, किशनगंज।

शनिवार को प्रभारी जिलाधिकारी स्पर्श गुप्ता के आदेशानुसार किशनगंज शहरी क्षेत्र में कार्यरत अल्ट्रा साउंड केंद्र की जांच त्रिसदस्यीय कमिटी गठित के द्वारा की गई। शनिवार को संध्या 5 -6 बजे अपराह्न में हुए औचक निरीक्षण में प्रायः अल्ट्रा साउंड केंद्र बंद पाए गए। अर्श डिग्नॉस्टिक सेंटर, बोर्गस अल्ट्रासाउंड, रक्षा अल्ट्रासाउंड, भरत स्कैन सेंटर पर जांच की गई। सभी केंद्र पर सोनोग्राफी करने वाले चिकित्सकों के उपलब्ध रहने का समय, केंद्र खुलने और बंद रहने का समय, चिकित्सकों की डिग्री, पेय जल उपलब्धता, ओपीडी रजिस्टर संधारण व अन्य कई बिंदुओं पर जांच की गई है। विभागीय निर्देश पर प्रभारी डीएम ने त्रिसदस्यीय कमिटी गठित की है। समिति में दो चिकित्सक और एक प्रशासनिक अधिकारी को रखा गया है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के लिए अलग अलग समिति गठित है।

जांच के क्रम में पदाधिकारियों ने मुख्य रूप से जन्म पूर्व लिंग परीक्षण कानूनन अपराध है, का डिस्प्ले देखा तथा उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध विधि-सम्मत कठोरतम कार्रवाई हेतु बारीकी से जांच किया। प्रभारी डीएम स्पर्श गुप्ता ने समिति के सदस्य को पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीसी-पीएनडीटी) अधिनियम, 1994 का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया था।

बता दें कि प्रभारी डीएम ने डेडिकेटेड टीम गठित कर अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों का जाँच कराने एवं निरीक्षण प्रतिवेदन के आलोक में कार्रवाई करने का निदेश दिया था। जाँच में अवैध रूप से संचालित अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों को सील करने समेत केन्द्रों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। जिला में संचालित अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों का नियमित जाँच होगी। स्वास्थ्य विभाग के दिशा- निदेशों के आलोक में जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर विधि-सम्मत कार्रवाई की जाएगी। जिले में एक भी अवैध रूप से संचालित अल्ट्रासाउण्ड केन्द्र नहीं रहना चाहिए। अपंजीकृत केन्द्र को अल्ट्रासाउण्ड मशीन की बिक्री निषिद्ध है। कानून एवं नियम का उल्लंघन करने वाले क्लिनिक को सील कर, गुणवत्तापूर्ण आरोप-पत्र दाखिल किया जाएगा तथा दोषी चिकित्सकों के विरूद्ध कार्रवाई होगी। जिला कानून तथा नियम का उल्लंघन करने वाले निबंधित, अनिबंधित, वैध एवं अवैध क्लिनिक तथा चिकित्सकों के विरूद्ध विधि-सम्मत कार्रवाई होगी। उक्त जांच में भ्रूण हत्या पर रोक लगाने के उद्देश्य से अवैध रूप से संचालित अल्ट्रासाउण्ड पर प्रतिबंध लगेगा।

विदित हो कि सेक्श-रेशियो तथा चाईल्ड सेक्श-रेशियो को बेहतर रखना हम सबका दायित्व है। पीसी- पीएनडीटी कानून का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने तथा बेहतर लिंग-अनुपात सुनिश्चित करने के लिए सभी हितधारकों को प्रतिबद्ध रहने की आवश्यकता है।

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