सारस न्यूज टीम, किशनगंज।
रविवार को महालया संपन्न होने के साथ ही पूरे भक्तिभाव से मां दुर्गा की अराधना शुरू हो गई। आज सोमवार को पूरे विधि-विधान के साथ वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच कलश स्थापना की जाएगी। पिछले वर्ष 48 सार्वजनिक मंदिरों और पूजा पंडालों में कलश की स्थापना की गई थी। इस बार भी अनुमानत: 50 जगहों पर कलश की स्थापना संपूर्ण विधि विधान के साथ की जाएगी। इसकी सभी तैयारी पूरी कर ली गई है।
पुरोहित सूर्य नारायण मिश्र के अनुसार शारदीय नवरात्र 26 सितंबर से प्रारंभ होकर पांच अक्तूबर को समाप्त होगा। बृहस्पति और चंद्रमा की स्थिति से नवरात्र गजकेसरी योग में प्रारंभ हो रहे हैं। इसलिए सभी देशवासियों के लिए यह बहुत शुभ संकेत है। आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्र का प्रारंभ होता है। उससे एक दिन पहले यानी अमावस्या को सभी पितृगण विदा हो जाते हैं। इसके बाद मां दुर्गा का आगमन होता है।
कलश स्थापना के साथ पूरे 9 दिनों तक मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। उन्होंने बताया कि इस साल मां दुर्गा का आगमन हाथी पर है। माता अपने भक्तों को एक विशेष संकेत भी देती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि में मां दुर्गा धरती पर आती हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाती है। इस दौरान भक्त मां आदि शक्ति को प्रसन्न करने के लिए पूजा-पाठ व व्रत रखते हैं। नवरात्रि में अष्टमी व नवमी तिथि का विशेष महत्व होता है।