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कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण किशनगंज के तत्वावधान में जिला स्तरीय खरीफ कर्मशाला- सह- प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित।

सारस न्यूज, किशनगंज।

प्रभारी जिलाधिकारी स्पर्श गुप्ता के द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र किशनगंज में आयोजित खरीफ महाअभियान 2023 के अंतर्गत जिला स्तरीय खरीफ कर्मशाला – सह – प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर किया गया।इस दौरान कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण (आत्मा) किशनगंज के तत्वावधान में आयोजित इस कर्मशाला में जिले भर के सैकड़ों कृषि विभाग के पदाधिकारी, कर्मी एवं किसान आए थे। जहां उन्हें न केवल खरीफ मौसम में कृषि विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं की जानकारी दी गई। बल्कि, अन्य कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई। जिनमें जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम, मोटे अनाज की खेती, जीरो टिलेज एवं सीड ड्रिल से धान की खेती, पैडी ट्रांसप्लांटर से धान की खेती, मौसम परिवर्तन के परिपेक्ष में धान की सीधी बुवाई, विभिन्न फसलों की जैविक खेती, खरीफ मौसम में उगाई जाने वाली फसलों की खेती एवं कृषि यंत्रीकरण आदि की विस्तृत जानकारी शामिल है। इसके अतिरिक्त फसल वार अनुशंसित सिंचाई पद्धति, ड्रिप सिंचाई से होने वाले लाभ, सूक्ष्म सिंचाई योजना का लाभ लेने हेतु ऑनलाइन प्रक्रिया, साथ ही फसल प्रबंधन में कृषि यंत्रों की उपयोगिता और रखरखाव के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी गई। इस दौरान किसानों को एमबी प्लाऊ, कल्टीवेटर, लेजर लैंड लेवलर, ट्रैक्टर माउंटेड सब स्वैलर, स्वचालित राइस ट्रांसप्लांटर, सीड ड्रिल, स्वचालित शुगर केन प्लांटर, ट्रैक्टर चालित पोटैटो डिगर एलिवेटर, स्वचालित वर्टिकल कन्वेयर रीपर, सुपर सीडर, स्ट्रा रिपर सहित स्वचालित रीपर वायन्डर जैसे आधुनिक कृषि यंत्रों के बारे में विस्तृत जानकारी भी प्रदान की गई।

उक्त अवसर पर उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए प्रभारी जिलाधिकारी स्पर्श गुप्ता ने कहा कि कृषि कार्यों में आधुनिक कृषि यंत्रों के उपयोग से न केवल आमदनी बढ़ाई जा सकती है। बल्कि, पर्यावरण संरक्षण का कार्य भी किया जा सकता है। नई तकनीकों के इस्तेमाल को आज की जरूरत बताते हुए इसे अधिक से अधिक अपनाने पर बल दिया।

उन्होंने कहा कि इन दिनों जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है। जिसके कारण वर्षा समय से नहीं होती और इसका कृषि कार्यों पर दुष्प्रभाव देखा जा सकता है। इससे निपटने के उपायों की चर्चा करते हुए प्रभारी जिलाधिकारी ने कहा कि हमें जल संरक्षण पर ध्यान देना होगा। एक तरफ रेन वॉटर हार्वेस्टिंग पद्धति को अपनाकर भूगर्भीय जल में इजाफा करना होगा। वहीं, खेतों में ही छोटे छोटे जलाशय बनाने होंगे। जिससे वर्षा जल का संचयन हो सके और सिंचाई में पानी का इस्तेमाल किया जा सके। उन्होंने कृषि कार्यों में जैविक खाद और माइक्रो एरिगेशन जैसी पद्धति को अपनाने पर भी बल दिया। कहा कि जिले में उर्वरक की कोई कमी नहीं है।

उपस्थित किसानों को जल्द से जल्द ई केवाईसी करवाने का आह्वान करते हुए प्रभारी डीएम ने कहा कि जो किसान ई केवाईसी नहीं कराएंगे वे सभी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभ लेने से वंचित रह जाएंगे। तदनुसार विभागीय पदाधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए।

इस मौके पर जिला कृषि पदाधिकारी, संयुक्त निदेशक (शष्य) उप निदेशक, पौधा संरक्षण बिहार, रिजेनरेटिव बिहार के राज्य प्रतिनिधि, कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान सहित अन्य अधिकारी एवं बड़ी संख्या में पदाधिकारी, कर्मी एवं किसान उपस्थित थे।

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