राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।
खगड़ा स्थित कृषि विज्ञान केंद्र सभागार में शुक्रवार को मधुमक्खी पालन विषय को लेकर सात दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुरू किया गया। प्रशिक्षण नेशनल बी कीपिंग एंड हनी मिशन योजना के तहत जिला उद्यान विभाग के संयुक्त तत्वाधान में दिया जा रहा है। प्रशिक्षण में 30 प्रगतिशील किसानों को सम्मलित किया गया है।
इस प्रशिक्षण का उदघाटन सहायक निदेशक उद्यान राहुल रंजन, केवीके के वरीय वैज्ञानिक डॉ नीरज प्रकाश ने किया। प्रशिक्षण को संबोधित करते हुए सहायक निदेशक उद्यान राहुल रंजन ने कहा कि प्रशिक्षण में मधुमक्खी पालन के तरीके के साथ साथ मधु से जुड़े उत्पादों के व्यवसायिक प्रयोग के बारे में बताया जाएगा। मधुमक्खी पालन से जुड़े रोजगार जैसे शहद उत्पादन, राज अवलेह उत्पादन, मोम, पराग, मधु – नींबू शर्बत, मधु की टॉफी, जैम आदि बनाकर आर्थिक स्थिति से मजबूत होने में किस तरह मदद मिलेगी, इस विषय में विशेषज्ञ द्वारा जानकारी प्रशिक्षण के दौरान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसान इस सात दिनों में मधुमक्खी पालन से जुड़े सभी तरीको से अवगत होंगे। शहद के खाने से होने वाले फायदे के बारे में भी बताया गया। कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक डॉ नीरज प्रकाश ने किसानों को बताया कि कम पूंजी से मधुमक्खी पालन का काम शुरू कर सकते हैं। उन्होनें मिट्टी हैवज़ बनाने की भी जानकारी सांझा की। उन्होंने सब को उत्साहित व प्रोत्साहित करते हुए बताया कि अपने आपको आत्मनिर्भर बनाने का यह सही समय है। सरकार की योजनाओं का लाभ लेने का समय है। युवा किसानों को स्वेच्छा से आगे आना चाहिए और एक दूसरे को आने वाली समस्याओं का निदान करना चाहिए।
उन्होंने कहा की सब को सरकारी नौकरी नहीं मिल सकती, लेकिन रोजगार मिल सकता है। इसलिए आत्मनिर्भर बनने के लिए मधुमखीपालन एक उत्तम व्यवसाय है। जिसमें आप साल में लाखों रुपया कमा सकते हैं। उन्होंने प्रशिक्षु किसानों को बताया कि अब केवल शहद ही नहीं अपितु आधुनिक विज्ञान व तकनीक ने इसको बहुआयामी बना दिया गया है। प्रशिक्षण में 30 किसानों को विस्तृत प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस मौके पर प्रखंड उद्यान पदाधिकारी अभिनव देव समेत कई विभागीय अधिकारी और किसान उपस्थित थे।