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केंद्रीय दल ने सदर अस्पताल किशनगंज का किया निरीक्षण

बीरबल महतो, सारस न्यूज़, किशनगंज।

शनिवार को लक्ष्य योजना के तहत चयनित सदर अस्पताल किशनगंज का केंद्रीयकृत लक्ष्य प्रमाणीकरण के लिए केंद्र स्तरीय सदस्यीय टीम ने दूसरे दिन भी निरीक्षण किया। इस क्रम में टीम ने प्रसव कक्ष और आपरेशन थियेटर का गहन निरीक्षण किया। टीम के सदस्यों ने एक-एक बिदु पर जांच की। मौजूद डाक्टर और कर्मियों से पूछताछ की गई।
राष्ट्रीय गुणवत्ता जांच के सदस्य डा. आइके खोखर ने बताया कि योजना के तहत चयनित अस्पताल की तीन स्तर पर रैंकिग की जाती है। सदर अस्पताल की जांच पहले जिला एवं राज्य स्तरीय टीम करती है। फिर केंद्र स्तरीय टीम जांच करती है। विदित हो की सदर अस्पताल को राज्यस्तरीय लक्ष्य प्रमाणीकरण प्राप्त हो चुका है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के केंद्रीय दल ने सदर अस्पताल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान दल ने भारत सरकार के लक्ष्य योजना के तहत प्रदान की जाने वाली सुविधाओं का जायजा लिया।

राष्ट्रीय गुणवत्ता जांच के सदस्य डा. आई.के. खोखर ने बताया कि संस्थागत प्रसव की दर में पहले की अपेक्षा काफी बढ़ोतरी हुई है। लक्ष्य कार्यक्रम को पूरी तरह से धरातल पर उतारा गया है। लक्ष्य योजना के तहत प्रमाणीकरण के लिए 362 मानकों (इंडिकेटर) की जांच की जाती है। जिसमें मुख्य रूप से सर्विस प्रोविजन, रोगी का अधिकार, इनयूट्रस, सपोर्ट सर्विसेज, क्लिनिकल सर्विसेज, इंफेक्शन कट्रोल, क्वालिटी मैनेजमेंट और आउटकम शामिल हैं। इन सभी आठों इंडिकेटर्स का कुल 362 उपमानकों पर अस्पताल के प्रसव कक्ष एवं शल्य कक्ष का लगभग छह से नौ महीने तक लगातार क्वालिटी सर्किल (संस्थान स्तर पर), जिला कोचिग दल (जिले स्तर पर) एवं क्षेत्रीय कोचिग दल द्वारा लगातार पर्यवेक्षण एवं निरीक्षण कर आवश्यकता अनुसार सभी स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाता है।

प्रसूति कक्ष और मैटरनिटी आपरेशन थियेटर में गुणवत्ता सुधार का मूल्यांकन राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) के माध्यम से किया जा रहा है। उसके बाद ही एनक्यूएएस पर 70 फीसद अंक प्राप्त करने वाली प्रत्येक सुविधा को लक्ष्य प्रमाणित सुविधा के रूप में प्रमाणित किया जाएगा। इसके अलावा एनक्यूएएस स्कोर के अनुसार लक्ष्य प्रमाणित सुविधाओं की ब्रांडिग की जाएगी। 70 से 80 तक स्कोर पाने वाले अस्पताल को सिल्वर की श्रेणी में रखा जाता है। जबकि 81 से 90 तक स्कोर पाने वाले अस्पताल को गोल्ड की श्रेणी में रखा जाता है। वहीं 91 से 100 तक स्कोर पाने वाले अस्पताल को प्लेटिनम की श्रेणी में रखा जाता है। इन सभी श्रेणियों के अस्पताल को प्रशस्ति पत्र व प्रोत्साहन के रूप में नकद राशि दी जाती है।

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