विजय गुप्ता, सारस न्यूज,गलगलिया।
भारत-नेपाल की सीमावर्ती क्षेत्र गलगलिया में पैगम्बर मोहम्मद साहब का जन्मदिन ईद-मिलादुन्नबी के रूप में रविवार को मनाया गया। इस मौके पर अमन चैन और भाईचारे का संदेश देते हुए बड़ी संख्या में थारोधाधनी, भकसरभिट्ठा,मस्जिदटोला बांसमनी,नेम्बुगुड़ी,लकड़ी डिपो,नेंगड़ाडूबा सहित सटे बंगाल के ड़ेंगूजोत एवं सिंघीयाजोत के लोग शामिल होकर एक साथ ईद मिलादुन नबी का जुलूस अकीदत के साथ निकाला।

जुलूस में लोगों ने नातिया कलाम के साथ ही पैगंबर-ए-इस्लाम के नारे बुलंद करते हुए गलगलिया के ठिकाटोली मस्जिद से शुरू कर गलगलिया बाजार,भातगाँव,डेंगुजोत,सिंघीयाजोत, बसस्टैंड होता हुआ जामा मस्जिद में जाकर समाप्त हुई।इस दौरान क्षेत्र के सभी जुलूस दल रास्ते में एक साथ होते चले गए।
जुलूस को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस बल तैनात रही गलगलिया थानाध्यक्ष सरोज कुमार एवं स०अ०नि० राकेश कुमार दल-बल के साथ खुद सुरक्षा की कमान संभालते हुए गस्त कर रहे थे।जूलुस में सैकड़ों सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल हुए। जुलूस का गलगलिया बाजार सहित कई स्थानों पर शर्बत पिलाकर स्वागत किया गया। जुलूस के दौरान अन्य हिन्दू समुदाय के लोगों ने भी ईद-मिलादुन्नबी के जूलुस का स्वागत कर इसमें शामिल होते हुए कहा कि हजरत मोहम्मद साहब की शिक्षा और उनके बताए रास्ते का अनुसरण करते हुए सौहार्दपूर्ण वातारण में जीवन व्यतीत करने की कोशिश करनी चाहिए।

वहीं मिनारा जामा मस्जिद गलगलिया के मौलाना मो० मैसुद्दीन साहब ने इस्लाम धर्म के प्रवर्तक हजरत मोहम्मद सल्ल्लाहो अलैही वस्ल्लम के बताए मार्ग पर चलने का आह्वान करते हुए बताया कि हजरत मोहम्मद साहेब किसी जाति विशेष के लिए नहीं आए बल्कि पूरी दुनिया के लिए रहनुमा बनकर तशरीफ लाए और अमन व शांति का पैगाम दिया। उनके आने के बाद दुनिया की बुराइयों पर अंकुश लगा और उन्होंने सभी कौम को नेकी करने का संदेश दिया। इस जुलुस के मौके पर पूर्व पंसस प्रतिनिधि मो० मोइउद्दीन मो.जमशेद आलम,डॉ हफीजुर्रहमान, शाहनवाज आलम,मो.जुनैद मो.ऐनुल, मो.आरिफ,मो.जाबीर सहित हजारों लोग शामिल थे।