जन निर्माण केंद्र के पहल पर कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन-यूएस के सहयोग से किशनगंज में बाल हिंसा रोकथाम हेतु चलाया जाएगा एक्सेस टू जस्टिस जन अभियान।
कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन-यूएस के सहयोग एवं जन निर्माण केंद्र के पहल जिला किशनगंज में बाल हिंसा रोकथाम हेतु एक्सेस टू जस्टिस जन अभियान चलाने हेतु योजना बनाई गई है। इसके लिए संस्था की कार्य समिति गठित कर ली गयी हैं। अब पूरे जिले में बाल विवाह, बाल तस्करी एवं बाल यौन शोषण की रोकथाम हेतु जन अभियान चलाया जायेगा।
उक्त बातों की जानकारी देते हुए जन निर्माण केंद्र के सचिव राकेश कुमार सिंह ने बताया कि कम उम्र में बच्चों की शादी कर देने से उनके स्वास्थ्य और मानसिक विकास के साथ साथ खुशहाल जीवन पर असर पड़ता है। कम उम्र में शादी करने से पूरे समाज में पिछड़ापन आ जाता है। इसलिए हमारे देश के कानून में लड़के और लड़की की शादी के लिए एक निश्चित उम्र तय की गई है। इस उम्र से कम उम्र में शादी को विवाह कहा जाता है।उन्होंने बताया कि जो कोई भी किसी भी तरह से बाल विवाह को बढ़ावा देता है, या जानबूझकर इसे लापरवाही से नहीं रोकता है, जो बाल विवाह में संलग्न है या बाल विवाह की रस्मों में संलग्न है, उसे किसी भी अवधि के कारावास से दंडित किया जाएगा, जिसे दो साल तक की सजा दी ज सकती है। पीड़ितों को ड्रग्स और हथियारों के निर्माण के लिए भर्ती किया जाता है। बड़ी संख्या में बच्चे जबरन श्रम, भीख मांगने और यौन शोषण के शिकार हैं। मासूम बच्चों, लड़कों और लड़कियों को कमजोर स्थितियों, हिंसा और यौन शोषण से अवगत कराया जाता है। यह मानवाधिकारों का उल्लंघन है और बच्चे वंचित हैं। बच्चों के साथ किसी प्रकार का शारीरिक लैंगिक या भावनात्मक दुर्व्यवहार, अत्याचार एवं हिंसा करना बाल उत्पीड़न माना जाता है। बाल उत्पीड़न समाज द्वारा सामना की जाने वाली सामाजिक बुराईयों में से सबसे ज्यादा है। इसकी उपेक्षा के कारण भारत में बाल उत्पीड़न की घटनाएं बहुत तेजी से बढ़ रही है।
जन निर्माण केंद्र के सचिव राकेश कुमार सिंह ने बताया कि समूचे किशनगंज जिले में आम लोगो के सहयोग से जन आन्दोलन कर बाल सुरक्षा पर विशेष बल दिया जायेगा। बच्चों पर होने वाले हिंसा व् शोषण को ख़त्म करने हेतु सामाजिक व प्रशासनिक पहल पर बल दिया जायेगा।
सारस न्यूज, किशनगंज।
कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन-यूएस के सहयोग एवं जन निर्माण केंद्र के पहल जिला किशनगंज में बाल हिंसा रोकथाम हेतु एक्सेस टू जस्टिस जन अभियान चलाने हेतु योजना बनाई गई है। इसके लिए संस्था की कार्य समिति गठित कर ली गयी हैं। अब पूरे जिले में बाल विवाह, बाल तस्करी एवं बाल यौन शोषण की रोकथाम हेतु जन अभियान चलाया जायेगा।
उक्त बातों की जानकारी देते हुए जन निर्माण केंद्र के सचिव राकेश कुमार सिंह ने बताया कि कम उम्र में बच्चों की शादी कर देने से उनके स्वास्थ्य और मानसिक विकास के साथ साथ खुशहाल जीवन पर असर पड़ता है। कम उम्र में शादी करने से पूरे समाज में पिछड़ापन आ जाता है। इसलिए हमारे देश के कानून में लड़के और लड़की की शादी के लिए एक निश्चित उम्र तय की गई है। इस उम्र से कम उम्र में शादी को विवाह कहा जाता है।उन्होंने बताया कि जो कोई भी किसी भी तरह से बाल विवाह को बढ़ावा देता है, या जानबूझकर इसे लापरवाही से नहीं रोकता है, जो बाल विवाह में संलग्न है या बाल विवाह की रस्मों में संलग्न है, उसे किसी भी अवधि के कारावास से दंडित किया जाएगा, जिसे दो साल तक की सजा दी ज सकती है। पीड़ितों को ड्रग्स और हथियारों के निर्माण के लिए भर्ती किया जाता है। बड़ी संख्या में बच्चे जबरन श्रम, भीख मांगने और यौन शोषण के शिकार हैं। मासूम बच्चों, लड़कों और लड़कियों को कमजोर स्थितियों, हिंसा और यौन शोषण से अवगत कराया जाता है। यह मानवाधिकारों का उल्लंघन है और बच्चे वंचित हैं। बच्चों के साथ किसी प्रकार का शारीरिक लैंगिक या भावनात्मक दुर्व्यवहार, अत्याचार एवं हिंसा करना बाल उत्पीड़न माना जाता है। बाल उत्पीड़न समाज द्वारा सामना की जाने वाली सामाजिक बुराईयों में से सबसे ज्यादा है। इसकी उपेक्षा के कारण भारत में बाल उत्पीड़न की घटनाएं बहुत तेजी से बढ़ रही है।
जन निर्माण केंद्र के सचिव राकेश कुमार सिंह ने बताया कि समूचे किशनगंज जिले में आम लोगो के सहयोग से जन आन्दोलन कर बाल सुरक्षा पर विशेष बल दिया जायेगा। बच्चों पर होने वाले हिंसा व् शोषण को ख़त्म करने हेतु सामाजिक व प्रशासनिक पहल पर बल दिया जायेगा।
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