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जान है तो जहान है, जीवनशैली और खान-पान बदल कर हृदय को रखें स्वस्थ– सिविल सर्जन।

राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।

-29 सितंबर से 12 अक्टूबर तक सभी स्वास्थ्य केंद्रों में लोग करा सकते हैं स्वास्थ्य जांच-प्रखंडों पर हुई नि:शुल्क स्क्रीनिंग, मिली हृदय को स्वस्थ रखने की जानकारी -“यूज़ हार्ट, नो हार्ट” है इस वर्ष की थीम।

कार्डियोवैस्कुलर बीमारी एक वैश्विक स्वास्थ्य संकट है, जो सालाना 20.5 मिलियन से अधिक लोगों की जान लेता है। दिल के दौरे, स्ट्रोक और दिल की विफलता जैसी स्थितियां इन मौतों के एक महत्वपूर्ण हिस्से के लिए जिम्मेदार हैं। वास्तव में, कार्डियोवैस्कुलर बीमारियां दुनिया भर में मृत्यु दर का प्रमुख कारण हैं, जो सभी वैश्विक मौतों का लगभग 31% है। दिल का दौरा, स्ट्रोक और कोरोनरी हृदय रोग सबसे आम दोषियों में से हैं।

हर साल की तरह इस बार भी जिला स्वास्थ्य प्रशासन ने 29 सितम्बंर को विश्व हृदय दिवस के रूप में  सदर अस्पताल प्रांगण में  नि:शुल्क स्क्रीनिंग और जागरूकता शिविर का आयोजन किया। शिविर को आरम्भ करते हुए सिविल सर्जन डॉ. कौशल किशोर ने बताया कि जान है तो जहान है। इसलिए हमारी जान को सुरक्षित रखने के लिए हृदय को भी स्वस्थ रखना अनिवार्य है। हृदय शरीर के सबसे अहम अंगों में से एक है। जिसके अस्वस्थ होने या अस्वस्थ होकर काम करना बंद करने से हमारी मृत्यु भी हो सकती है। आज के समय में खान पान और जीवनशैली में होते लगातार बदलाव, धूम्रपान और तनावपूर्ण जीवनचर्या हमारे हृदय को काफी नुकसान पहुंचाता है। रिसर्च बताते हैं जहाँ कम उम्र के लोगों में हृदय संबंधी समस्याओं या सीवीडी (कार्डियोवास्कुलर डिजीज ) और हृदयाघात के मामलों में इजाफा हुआ है। वहीं उनमें असमय मृत्यु की आशंका भी बढ़ गई है। इसलिए हृदय  को निरोग रखने के लिए 40 वर्ष की आयु के बाद हर व्यक्ति साल में एक बार अपने हृदय  की जांच कराएँ।  प्रत्येक दिन कम से कम 30 मिनट की एक्सरसाइज या योगाभ्यास करें। तेल मसाले, फास्टफूड और वसा  युक्त खाद्य पदार्थों से दूरी बनाएं। धूम्रपान का त्याग कर ना सिर्फ हृदय सम्बन्धी समस्याओं बल्कि मधुमेह, रक्तचाप जैसे गंभीर रोगों से भी बचें।

सभी प्रखंडों में मनाया गया विश्व हृदय दिवस:

जिला गैर संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. उर्मिला कुमारी ने बताया सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर के दिशा निर्देश के आलोक में सदर अस्पताल सहित सभी प्राथमिक चिकित्सा केन्द्रों में विश्व हृदय दिवस का आयोजन कर लोगों की निःशुल्क जांच की गई और उन्हें परामर्श दिए गए। साथ ही जिले में विश्व हृदय दिवस के उपलक्ष्य में  29 सितंबर से 12 अक्टूबर के बीच जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में आयोजित शिविर में भाग लेकर स्वास्थ्य जांच करा सकते हैं। जिलेभर में स्वास्थ्य संस्थानों में रंगीन पोस्टर्स, फ्लैक्स लगाकर आमजनों को नि:शुल्क जांच सह चिकित्सकीय परामर्श पखवाड़ा की जानकारी दी जा रही है। उन्होंने आगे बताया विश्व हृदय दिवस की इस वर्ष की थीम “यूज़ हार्ट, नो हार्ट” है। जिसका मकसद लोगों को दिल के महत्व और हृदय ज्ञान के महत्व को व्यक्त करने के लिए इमोजी के उपयोग पर जोर देता है।

लक्षणों को समझें  व  सतर्क रहें:

एसीएम्ओ डॉ सुरेश प्रसाद ने बताया कि ऐसे तो 40 वर्ष से ऊपर आयु वर्ग के व्यक्तियों में हृदय रोग की आशंका ज्यादा होती है लेकिन मौजूदा समय में यह कम आयु वालों को भी अपनी गिरफ्त में ले रही है। इसलिए यदि सीने में दर्द, बेवजह पसीना आना, सांस लेने में दिक्कत, उल्टी या चक्कर आना, गले और जबड़े का दर्द, असामान्य और लगातार खर्राटे जैसे लक्षणों की अनदेखी न करें और सतर्क होकर अपने वजन को नियंत्रित करने की कोशिश करना शुरू कर दें। आहार में फाइबर युक्त आहार या फल का सेवन करें। साल में एक बार जाँच कराएँ। तनाव से दूर रहें और नियमित व्यायाम करें। हृदय रोग से सुरक्षा के लिए संतुलित आहार का सेवन आवश्यक – सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि वर्तमान समय में बहुत से ऐसे लोग हैं जिनका भोजन असमय होता है। आजकल लोग कम समय में पिज़्ज़ा, बर्गर या अन्य फ़ास्ट फूड खाकर अपना पेट भर लेते हैं। लेकिन इस तरह के फ़ास्ट फूड व तैलीय पदार्थों का खाना लोगों के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह है। इसी से लोगों में रक्तचाप, मधुमेह जैसी बीमारी को बढ़ावा मिलता है। जो बाद में हृदय सम्बन्धी रोग में परिवर्तित हो जाता है। इससे बचने के लिए लोगों को पर्याप्त समय में संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए।

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