जिला हब फॉर एंपावरमेंट ऑफ वूमेन का शुभारंभ जिला पदाधिकारी श्रीकांत शास्त्री के द्वारा किया गया। जिला हब फॉर एंपावरमेंट का विमेंस के द्वारा मिशन शक्ति की परिकल्पना दृष्टि तथा उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा 1 अप्रैल 2022 से मिशन शक्ति की शुरुआत की गई। मिशन शक्ति योजना की अवधि 15 वित्त आयोग की अवधि 2021-22 से 2025-26 है। मिशन शक्ति को दो भागों में बांटा गया पहला भाग संभल तथा दूसरा भाग समर्थ। वन स्टॉप सेंटर -इसके अंतर्गत एक ही छत के नीचे किसी भी प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिलाओं को चिकित्सकीय, पुलिस, कानूनी, मनो- समाजिक परामर्श तथा अस्थायी आश्रय की सुविधा उपलब्ध कराना है। वन स्टॉप सेंटर का संचालन राज्य के सभी जिलों में किया जा रहा है। पटना जिला में एक अतिरिक्त वन स्टॉप सेंटर की शुरूआत की जानी है। 181 महिला हेल्पलाईन- इसके अंतर्गत आपातकालीन स्थिति में महिलाओं को आकस्मिक सहायता उपलब्ध कराने हेतु 24×7 टेलीफोनिक हेल्पलाईन सेवा निगम 181 मुख्यालय में कार्यरत है। आपातकालीन स्थिति हेतु 181 महिला हेल्पलाईन द्वारा 112 (आरएसएस) सेवा के माध्यम से पीड़िताओं को सहायता उपलब्ध कराई जाती है। गैर आपातकालीन स्थिति में पीड़िताओं को 181 महिला हेल्पलाईन द्वारा वन स्टॉप सेंटर के माध्यम से कानूनी, मनो-समाजिक परामर्श इत्यादि सहायता उपलब्ध कराई जाती है। 181 महिला हेल्पलाईन द्वारा महिलाओं से संबंधित विभिन्न योजनाओं, कानूनों की जानकारी भी कॉलर को उपलब्ध कराया जाता है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ इसके अंतर्गत एसआरबी में प्रति वर्ष 2 पांईट का सुधार करना माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक स्तर बालिकाओं के ड्रॉप आउट को रोकना । पर माध्यमिक स्तर पर 1% नामांकन दर में प्रति वर्ष वृद्धि करना तथा बालिकाओं को कौशल प्रशिक्षण उपलब्ध कराना। मेंस्ट्रुअल हाइजीन मैनेजमेंट के प्रति आमजनों को जागरूक करना।योजना के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु जमीनी स्तर पर कार्य करने को प्राथमिकता दिया जाना है,ताकि इसका प्रभाव समाज में दिख सके। राज्य के सभी जिलों में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का संचालन किया जा रहा है नारी अदालत इसके अंतर्गत नारी अदालत एक नयी योजना है। जो महिलाओं से संबंधित छोटे-छोटे मामलों को सुलझाने हेतु वैकल्पिक शिकायत निवारण तंत्र उपलब्ध कराना है। नारी अदालत के सदस्य महिला मुद्दों पर सामाजिक रूप से सक्रिय, प्रतिष्ठित महिलाऐं होगी।
प्रारम्भ में राज्य के 13 आकांक्षी जिलों यथा- अररिया, सीतामढ़ी, पुर्णिया, कटिहार, मुजफ्फरपुर, खगड़िया, बेगूसराय, बांका, शेखपुरा, औरंगाबाद, गया, नवादा तथा जमुई में इस योजना की शुरू किया जाना है। शक्ति सदन इस योजना का मुख्य उद्देश्य संकटग्रस्त महिलाओं के लिए सुरक्षित और सक्षम वातावरण बनाना है,जिससे उन्हें अपनी कठिन परिस्थितियों से निकलने की एक नई ऊर्जा मिल सके।
शक्ति सदन में महिलाएं अधिकतम 3 वर्ष तक के लिए रह सकती है। जरूरत के अनुसार जिला पदाधिकारी द्वारा उनके आवासन की अवधि बढ़ाई जा सकती है। 55 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाऐं अधिकतम 5 वर्ष के लिए रह सकती है। 5 वर्ष की अवधि पूर्ण होने पर उन्हें वृद्धाश्रम में स्थानांतरण कर दिया जायेगा.शक्ति सदर के संवासिनों को निम्न सुविधा प्रदान की जानी है। आश्रय, भोजन, वस्त्र, स्वास्थ्य सुविधाऐं, दैन्यदिन की अन्य आवश्यक वस्तुएँ प्रत्येक संवासिनों का एक बैंक एकाउन्ट खोला जायेगा, जिसमें प्रत्येक महीने 500 रूपया जमा किया जायेगा। उक्त राशि का उपयोग संवासिन द्वारा अपनी एक नई जिन्दगी की शुरूआत करने हेतु किया जायेगा। शक्ति सदन में रहते हुए बीच में उक्त राशि का उपयोग उनके द्वारा नही किया जायेगा। शक्ति सदन में रहने वाली सभी संवासिनों, तस्करी की शिकार महिलाओं सहित को निम्न सुविधाऐं प्रदान की जाती है। कानूनी सहायता, चिकित्सकीय सहायता, परामर्श, शिक्षा, व्यवसायिक शिक्षा, सखी निवास योजना का मुख्य उद्देश्य कामकाजी महिलाओं के लिए सुरक्षित तथा सुविधाजनक आवास उपलब्ध कराना है। योजना के तहत प्रत्येक सखी निवास के साथ कामकाजी महिलाओं के बच्चों के लिए डे केयर की सुविधा उपलब्ध होगी। सभी तरह की महिलाऐं- एकल, विधवा, परित्यक्त, तलाकशुदा, विवाहित के लिए सखी निवास की सुविधा उपलब्ध होगी। संवासिनों के चयन के दौरान समाज के हाशियें की समूह की कामकाजी महिलाओं को प्राथमिकता दी जायेगी। शारीरिक चुनौतियों का सामना कर रही कामकाजी महिलाओं को विशेष प्राथमिकता दी जायेगी।
कामकाजी महिलाओं के अतिरिक्त यदि कोई महिला कार्य का प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है, वह भी सखी निवास में रहने के लिए योग्य होगी। कामकाजी महिला के साथ उनके 18 वर्ष तक की पुत्री तथा 12 वर्ष तक के पुत्र रह सकते है। संवासिनों की महानगर में 50,000 तथा छोटे शहरों में 35,000 से अधिक आय नही होनी चाहिए। दिन प्रतिदिन का प्रबंधन तथा अनुश्रवण छात्रावास संचालन समिति द्वारा किया जायेगा। जिनके द्वारा त्रैमासिक रूप से अपनी रिपोर्ट जिला प्राधिकरण को सौंपी जायेगी। हब फॉर एम्पावरमेन्ट ऑफ विमेन स्टेट हब फॉर एम्पावमेन्टऑफ विमेन डीएचईडब्लू डिस्ट्रीक्ट हब फॉर एम्पावमेन्ट ऑफ विमेन डीएचईडब्लू राज्य स्तर पर डीएचईडब्लू मिशन शक्ति के लिए पीएमएयू के रूप में कार्य करेगी। जिला स्तर पर डीएचईडब्लू मिशन शक्ति के लिए पीएमयू के रूप में कार्य करेगी। जिला स्तर पर डीएचईडब्लू मिशन शक्ति के क्रियान्वयन हेतु तकनीकी सहायता तथा श्रमबल उपलब्ध करायेगी।
जिला स्तर पर मिशन शक्ति की विभिन्न योजनओं का क्रियान्वयन जिला स्तर पर मिशन शक्ति के तहत संचालित विभिन्न योजनाओं का संचालन, अनुश्रवण जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जायेगा।जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, (आई०सी०डी०एस०) उक्त समिति की पदेन सचिव होगी। जिलों में मिशन शक्ति के तहत संचालित विभिन्न योजना के सफलतापूर्वक संचालन हेतु नागरिकों की सहभागिता आवश्यक होगी। मिशन शक्ति की विभिन्न योजनाओं के सफलतापूर्वक तथा गुणवत्तापूर्ण संचालन हेतु वित्तीय तथा भौतिक प्रतिवेदन ससमय राज्य को उपलब्ध कराया जाना आवश्यक होगा। मिशन शक्ति के नोडल पदाधिकारी के रूप में जिला प्रोग्राम पदाधिकारी (आई०सी०डी०एस०) की भूमिका जिला प्रोग्राम पदाधिकारी (आई०सी०डी०एस०) जिला स्तर पर मिशन शक्ति के विभिन्न योजनाओं के सफलतापूर्वक संचालन हेतु उत्तरदायी होगी। वन स्टॉप सेंटर के अंकेक्षित उपयोगिता प्रमाण-पत्र तथा व्यय विवरण उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगी। वन स्टॉप सेंटर के रिक्त पदों पर अगस्त 2023 तक नियोजन सुनिश्चित करेंगी।
भारत सरकार द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना हेतु उपलब्ध कराये गये मासिक कार्यक्रम कैलेन्डर के अनुरूप,जिला में कार्यक्रमों का आयोजन सुनिश्चित करेंगी तथा इसकी विस्तृत प्रतिवेदन निगम को उपलब्ध करायेगी। वन स्टॉप सेंटर का 24×7 आधार पर संचालन सुनिश्चित करेंगी। वन स्टॉप सेंटर में सभी आवश्यक फर्नीचर तथा फिचर्स की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगी।
वन स्टॉप सेंटर के लिए पटना, गया, पूर्णिया एवं खगड़िया जिला में यथाशीघ्र भूमि चिन्हित करना सुनिश्चित करेंगी। जिन जिलों में भवन निर्माण हो चुका है या लगभग पूर्ण हो चुका है, उन जिलों में यथाशीघ्र वन स्टॉप सेंटर का संचालन नवनिर्मित भवन में करना सुनिश्चित करेंगी। वन स्टॉप सेंटर के निवर्त्तमान कर्मियों की शैक्षणिक योग्यता, मिशन शक्ति के दिशा-निर्देशिका के अनुसार ही इसे सुनिश्चित करेंगी। वन स्टॉप सेंटर के कर्मियों के वार्षिक कार्य मूल्यांकन जिला पदाधिकारी से कराने तथा निगरानी क्लियरेंस के पश्चात् ही उनकी कार्य अवधि का विस्तार हो यह सुनिश्चित करेंगी। मिशन शक्ति के सफल क्रियान्वयन हेतु जिला परियोजना प्रबंधक (डीपीएम) की भूमिका जिला में मिशन शक्ति के सफल क्रियान्वयन हेतु जिला परियोजना प्रबंधक द्वारा मिशन शक्ति के तहत संचालित विभिन्न योजनाओं का रोज मर्रा के कार्यो को सम्पन्न करेंगे। उक्त से संबंधित प्रतिवेदन जिला प्रोग्राम पदाधिकारी को उपलब्ध करायेंगे। मिशन शक्ति से संबंधित विभिन्न योजनाओं से सफलपूर्वक संचालन हेतु संबंधित जिला प्रोग्राम पदाधिकारी को आवश्यक सहयोग तथा समन्वय करेंगे।
इस अवसर पर उप विकास आयुक्त, सिविल सर्जन कौशल किशोर, सहायक निदेशक जिला अल्पसंख्यक कल्याण, सहायक निदेशक,जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी शशि शर्मा, जिला योजना पदाधिकारी, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, आईसीडीएस एवम सभी विभागों के पदाधिकारी की गरिमामयी उपस्थिति में संपन्न हुआ।
सारस न्यूज, ठाकुरगंज।
जिला हब फॉर एंपावरमेंट ऑफ वूमेन का शुभारंभ जिला पदाधिकारी श्रीकांत शास्त्री के द्वारा किया गया। जिला हब फॉर एंपावरमेंट का विमेंस के द्वारा मिशन शक्ति की परिकल्पना दृष्टि तथा उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा 1 अप्रैल 2022 से मिशन शक्ति की शुरुआत की गई। मिशन शक्ति योजना की अवधि 15 वित्त आयोग की अवधि 2021-22 से 2025-26 है। मिशन शक्ति को दो भागों में बांटा गया पहला भाग संभल तथा दूसरा भाग समर्थ। वन स्टॉप सेंटर -इसके अंतर्गत एक ही छत के नीचे किसी भी प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिलाओं को चिकित्सकीय, पुलिस, कानूनी, मनो- समाजिक परामर्श तथा अस्थायी आश्रय की सुविधा उपलब्ध कराना है। वन स्टॉप सेंटर का संचालन राज्य के सभी जिलों में किया जा रहा है। पटना जिला में एक अतिरिक्त वन स्टॉप सेंटर की शुरूआत की जानी है। 181 महिला हेल्पलाईन- इसके अंतर्गत आपातकालीन स्थिति में महिलाओं को आकस्मिक सहायता उपलब्ध कराने हेतु 24×7 टेलीफोनिक हेल्पलाईन सेवा निगम 181 मुख्यालय में कार्यरत है। आपातकालीन स्थिति हेतु 181 महिला हेल्पलाईन द्वारा 112 (आरएसएस) सेवा के माध्यम से पीड़िताओं को सहायता उपलब्ध कराई जाती है। गैर आपातकालीन स्थिति में पीड़िताओं को 181 महिला हेल्पलाईन द्वारा वन स्टॉप सेंटर के माध्यम से कानूनी, मनो-समाजिक परामर्श इत्यादि सहायता उपलब्ध कराई जाती है। 181 महिला हेल्पलाईन द्वारा महिलाओं से संबंधित विभिन्न योजनाओं, कानूनों की जानकारी भी कॉलर को उपलब्ध कराया जाता है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ इसके अंतर्गत एसआरबी में प्रति वर्ष 2 पांईट का सुधार करना माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक स्तर बालिकाओं के ड्रॉप आउट को रोकना । पर माध्यमिक स्तर पर 1% नामांकन दर में प्रति वर्ष वृद्धि करना तथा बालिकाओं को कौशल प्रशिक्षण उपलब्ध कराना। मेंस्ट्रुअल हाइजीन मैनेजमेंट के प्रति आमजनों को जागरूक करना।योजना के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु जमीनी स्तर पर कार्य करने को प्राथमिकता दिया जाना है,ताकि इसका प्रभाव समाज में दिख सके। राज्य के सभी जिलों में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का संचालन किया जा रहा है नारी अदालत इसके अंतर्गत नारी अदालत एक नयी योजना है। जो महिलाओं से संबंधित छोटे-छोटे मामलों को सुलझाने हेतु वैकल्पिक शिकायत निवारण तंत्र उपलब्ध कराना है। नारी अदालत के सदस्य महिला मुद्दों पर सामाजिक रूप से सक्रिय, प्रतिष्ठित महिलाऐं होगी।
प्रारम्भ में राज्य के 13 आकांक्षी जिलों यथा- अररिया, सीतामढ़ी, पुर्णिया, कटिहार, मुजफ्फरपुर, खगड़िया, बेगूसराय, बांका, शेखपुरा, औरंगाबाद, गया, नवादा तथा जमुई में इस योजना की शुरू किया जाना है। शक्ति सदन इस योजना का मुख्य उद्देश्य संकटग्रस्त महिलाओं के लिए सुरक्षित और सक्षम वातावरण बनाना है,जिससे उन्हें अपनी कठिन परिस्थितियों से निकलने की एक नई ऊर्जा मिल सके।
शक्ति सदन में महिलाएं अधिकतम 3 वर्ष तक के लिए रह सकती है। जरूरत के अनुसार जिला पदाधिकारी द्वारा उनके आवासन की अवधि बढ़ाई जा सकती है। 55 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाऐं अधिकतम 5 वर्ष के लिए रह सकती है। 5 वर्ष की अवधि पूर्ण होने पर उन्हें वृद्धाश्रम में स्थानांतरण कर दिया जायेगा.शक्ति सदर के संवासिनों को निम्न सुविधा प्रदान की जानी है। आश्रय, भोजन, वस्त्र, स्वास्थ्य सुविधाऐं, दैन्यदिन की अन्य आवश्यक वस्तुएँ प्रत्येक संवासिनों का एक बैंक एकाउन्ट खोला जायेगा, जिसमें प्रत्येक महीने 500 रूपया जमा किया जायेगा। उक्त राशि का उपयोग संवासिन द्वारा अपनी एक नई जिन्दगी की शुरूआत करने हेतु किया जायेगा। शक्ति सदन में रहते हुए बीच में उक्त राशि का उपयोग उनके द्वारा नही किया जायेगा। शक्ति सदन में रहने वाली सभी संवासिनों, तस्करी की शिकार महिलाओं सहित को निम्न सुविधाऐं प्रदान की जाती है। कानूनी सहायता, चिकित्सकीय सहायता, परामर्श, शिक्षा, व्यवसायिक शिक्षा, सखी निवास योजना का मुख्य उद्देश्य कामकाजी महिलाओं के लिए सुरक्षित तथा सुविधाजनक आवास उपलब्ध कराना है। योजना के तहत प्रत्येक सखी निवास के साथ कामकाजी महिलाओं के बच्चों के लिए डे केयर की सुविधा उपलब्ध होगी। सभी तरह की महिलाऐं- एकल, विधवा, परित्यक्त, तलाकशुदा, विवाहित के लिए सखी निवास की सुविधा उपलब्ध होगी। संवासिनों के चयन के दौरान समाज के हाशियें की समूह की कामकाजी महिलाओं को प्राथमिकता दी जायेगी। शारीरिक चुनौतियों का सामना कर रही कामकाजी महिलाओं को विशेष प्राथमिकता दी जायेगी।
कामकाजी महिलाओं के अतिरिक्त यदि कोई महिला कार्य का प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है, वह भी सखी निवास में रहने के लिए योग्य होगी। कामकाजी महिला के साथ उनके 18 वर्ष तक की पुत्री तथा 12 वर्ष तक के पुत्र रह सकते है। संवासिनों की महानगर में 50,000 तथा छोटे शहरों में 35,000 से अधिक आय नही होनी चाहिए। दिन प्रतिदिन का प्रबंधन तथा अनुश्रवण छात्रावास संचालन समिति द्वारा किया जायेगा। जिनके द्वारा त्रैमासिक रूप से अपनी रिपोर्ट जिला प्राधिकरण को सौंपी जायेगी। हब फॉर एम्पावरमेन्ट ऑफ विमेन स्टेट हब फॉर एम्पावमेन्टऑफ विमेन डीएचईडब्लू डिस्ट्रीक्ट हब फॉर एम्पावमेन्ट ऑफ विमेन डीएचईडब्लू राज्य स्तर पर डीएचईडब्लू मिशन शक्ति के लिए पीएमएयू के रूप में कार्य करेगी। जिला स्तर पर डीएचईडब्लू मिशन शक्ति के लिए पीएमयू के रूप में कार्य करेगी। जिला स्तर पर डीएचईडब्लू मिशन शक्ति के क्रियान्वयन हेतु तकनीकी सहायता तथा श्रमबल उपलब्ध करायेगी।
जिला स्तर पर मिशन शक्ति की विभिन्न योजनओं का क्रियान्वयन जिला स्तर पर मिशन शक्ति के तहत संचालित विभिन्न योजनाओं का संचालन, अनुश्रवण जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जायेगा।जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, (आई०सी०डी०एस०) उक्त समिति की पदेन सचिव होगी। जिलों में मिशन शक्ति के तहत संचालित विभिन्न योजना के सफलतापूर्वक संचालन हेतु नागरिकों की सहभागिता आवश्यक होगी। मिशन शक्ति की विभिन्न योजनाओं के सफलतापूर्वक तथा गुणवत्तापूर्ण संचालन हेतु वित्तीय तथा भौतिक प्रतिवेदन ससमय राज्य को उपलब्ध कराया जाना आवश्यक होगा। मिशन शक्ति के नोडल पदाधिकारी के रूप में जिला प्रोग्राम पदाधिकारी (आई०सी०डी०एस०) की भूमिका जिला प्रोग्राम पदाधिकारी (आई०सी०डी०एस०) जिला स्तर पर मिशन शक्ति के विभिन्न योजनाओं के सफलतापूर्वक संचालन हेतु उत्तरदायी होगी। वन स्टॉप सेंटर के अंकेक्षित उपयोगिता प्रमाण-पत्र तथा व्यय विवरण उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगी। वन स्टॉप सेंटर के रिक्त पदों पर अगस्त 2023 तक नियोजन सुनिश्चित करेंगी।
भारत सरकार द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना हेतु उपलब्ध कराये गये मासिक कार्यक्रम कैलेन्डर के अनुरूप,जिला में कार्यक्रमों का आयोजन सुनिश्चित करेंगी तथा इसकी विस्तृत प्रतिवेदन निगम को उपलब्ध करायेगी। वन स्टॉप सेंटर का 24×7 आधार पर संचालन सुनिश्चित करेंगी। वन स्टॉप सेंटर में सभी आवश्यक फर्नीचर तथा फिचर्स की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगी।
वन स्टॉप सेंटर के लिए पटना, गया, पूर्णिया एवं खगड़िया जिला में यथाशीघ्र भूमि चिन्हित करना सुनिश्चित करेंगी। जिन जिलों में भवन निर्माण हो चुका है या लगभग पूर्ण हो चुका है, उन जिलों में यथाशीघ्र वन स्टॉप सेंटर का संचालन नवनिर्मित भवन में करना सुनिश्चित करेंगी। वन स्टॉप सेंटर के निवर्त्तमान कर्मियों की शैक्षणिक योग्यता, मिशन शक्ति के दिशा-निर्देशिका के अनुसार ही इसे सुनिश्चित करेंगी। वन स्टॉप सेंटर के कर्मियों के वार्षिक कार्य मूल्यांकन जिला पदाधिकारी से कराने तथा निगरानी क्लियरेंस के पश्चात् ही उनकी कार्य अवधि का विस्तार हो यह सुनिश्चित करेंगी। मिशन शक्ति के सफल क्रियान्वयन हेतु जिला परियोजना प्रबंधक (डीपीएम) की भूमिका जिला में मिशन शक्ति के सफल क्रियान्वयन हेतु जिला परियोजना प्रबंधक द्वारा मिशन शक्ति के तहत संचालित विभिन्न योजनाओं का रोज मर्रा के कार्यो को सम्पन्न करेंगे। उक्त से संबंधित प्रतिवेदन जिला प्रोग्राम पदाधिकारी को उपलब्ध करायेंगे। मिशन शक्ति से संबंधित विभिन्न योजनाओं से सफलपूर्वक संचालन हेतु संबंधित जिला प्रोग्राम पदाधिकारी को आवश्यक सहयोग तथा समन्वय करेंगे।
इस अवसर पर उप विकास आयुक्त, सिविल सर्जन कौशल किशोर, सहायक निदेशक जिला अल्पसंख्यक कल्याण, सहायक निदेशक,जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी शशि शर्मा, जिला योजना पदाधिकारी, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, आईसीडीएस एवम सभी विभागों के पदाधिकारी की गरिमामयी उपस्थिति में संपन्न हुआ।
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