टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत जिला परिषद क्षेत्र संख्या एक की जिला परिषद इमरत आरा ने किसानों को स्टेट बोरिंग से सिचाई की सुविधा उपलब्ध कराने एवं टेढ़ागाछ से बहादुरगंज जाने वाली पीडब्ल्यूडी मुख्य सड़क का चौड़ीकरण को लेकर जिला परिषद अध्यक्ष किशनगंज को ज्ञापन सौंपा। पत्र के माध्यम से बंद पड़े स्टेट बोरिंग को शुरु करवाने का अनुरोध किया।जिसका उपयोग किसान अपने खेतों को सिचने में कर सके । साथ हीं जिला परिषद इमरत आरा ने बताया कि प्रखंड अंतर्गत ज्यादातर लोग अपनी आजीविका के लिये खेती पर निर्भर रहते है। यहां के किसान मौसम के अनुकूल फसल का चयन कर उसकी खेती भी करते है।
यह मौसम धान के लिये अनुकूल माना जाता है, और धान की खेती यहां के किसानों की आजीविका की रीढ मानी जाती है। सभी पंचायत के किसान इस बार धान की फसल लगाकर खुद को ठगा महसूस कर रहे है, क्योंकि यहां के किसान को जितनी बारिश की आवश्यकता थी उतनी हुई नहीं और यहां के ज्यादातर किसान कर्ज लेकर हीं खेती करते है । ऐसी स्थिति में किसानों को यह डर सता रहा है,कि अगर खेतों की सही मात्रा में सिचाई नही हुई तो उनकी सारी पूंजी और मेहनत तथा फसल बर्बाद हो जायेगी। बारिश नहीं होने की वजह से खेतों में धान के पौधे अब सुख रहे है।
अगर जल्द सिचाई की व्यवस्था नहीऊ हुई तो धान के फसल चौपट हो जायेंगी। वहीं जिला परिषद सदस्य इमरत आरा ने नवनिर्मित झुनकी पुल का एप्रोच नहीं बनने से लोगों को जिला मुख्यालय एवं प्रखंड मुख्यालय आवागमन में हो रही परेशानी जल्द पुल का एप्रोच बनाने की मांग की वहीं दूसरी तरफ गोरिया धार के दोनों तरफ मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री सड़क के वर्षों से बनकर तैयार हैं पुल के अभाव में लोगों को आवागमन में हो रही परेशानी को देखते हुए जिला परिषद की बैठक में टेढ़ागाछ की मुद्रा को विस्तार पूर्वक उठाई और जल्द विभागीय पदाधिकारी को निदान करने का आग्रह किया हैं।
देवाशीष चटर्जी, सारस न्यूज टीम, टेढ़ागाछ।
टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत जिला परिषद क्षेत्र संख्या एक की जिला परिषद इमरत आरा ने किसानों को स्टेट बोरिंग से सिचाई की सुविधा उपलब्ध कराने एवं टेढ़ागाछ से बहादुरगंज जाने वाली पीडब्ल्यूडी मुख्य सड़क का चौड़ीकरण को लेकर जिला परिषद अध्यक्ष किशनगंज को ज्ञापन सौंपा। पत्र के माध्यम से बंद पड़े स्टेट बोरिंग को शुरु करवाने का अनुरोध किया।जिसका उपयोग किसान अपने खेतों को सिचने में कर सके । साथ हीं जिला परिषद इमरत आरा ने बताया कि प्रखंड अंतर्गत ज्यादातर लोग अपनी आजीविका के लिये खेती पर निर्भर रहते है। यहां के किसान मौसम के अनुकूल फसल का चयन कर उसकी खेती भी करते है।
यह मौसम धान के लिये अनुकूल माना जाता है, और धान की खेती यहां के किसानों की आजीविका की रीढ मानी जाती है। सभी पंचायत के किसान इस बार धान की फसल लगाकर खुद को ठगा महसूस कर रहे है, क्योंकि यहां के किसान को जितनी बारिश की आवश्यकता थी उतनी हुई नहीं और यहां के ज्यादातर किसान कर्ज लेकर हीं खेती करते है । ऐसी स्थिति में किसानों को यह डर सता रहा है,कि अगर खेतों की सही मात्रा में सिचाई नही हुई तो उनकी सारी पूंजी और मेहनत तथा फसल बर्बाद हो जायेगी। बारिश नहीं होने की वजह से खेतों में धान के पौधे अब सुख रहे है।
अगर जल्द सिचाई की व्यवस्था नहीऊ हुई तो धान के फसल चौपट हो जायेंगी। वहीं जिला परिषद सदस्य इमरत आरा ने नवनिर्मित झुनकी पुल का एप्रोच नहीं बनने से लोगों को जिला मुख्यालय एवं प्रखंड मुख्यालय आवागमन में हो रही परेशानी जल्द पुल का एप्रोच बनाने की मांग की वहीं दूसरी तरफ गोरिया धार के दोनों तरफ मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री सड़क के वर्षों से बनकर तैयार हैं पुल के अभाव में लोगों को आवागमन में हो रही परेशानी को देखते हुए जिला परिषद की बैठक में टेढ़ागाछ की मुद्रा को विस्तार पूर्वक उठाई और जल्द विभागीय पदाधिकारी को निदान करने का आग्रह किया हैं।
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