राहुल कुमार किशनगंज
परिवार नियोजन से संबंधित उपायों पर दिया गया है विशेष बल।
लाभार्थियों में परिवार नियोजन के प्रति आई जागरूकता।
मंगलवार 26 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा विश्व गर्भनिरोधक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी क्रम में प्रत्येक साल की भांति इस साल 26 सितंबर को जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में विश्व गर्भनिरोधक दिवस (वर्ल्ड कंट्रासेप्शन डे) का आयोजन किया जाएगा । सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि इसका उद्देश्य लोगों को गर्भनिरोधक के बारे में जागरूक करना होता है। भारत के अलावा कई देशों में गर्भनिरोधक के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समय-समय पर विशेष जानकारी दी जाती है। विश्व गर्भनिरोधक दिवस मनाने का उद्देश्य वर्तमान में युवा पीढ़ी को यौन जागरूक बनाने के लिए किया जाता है। लोगों को समय-समय पर कार्यक्रम का आयोजन कर इस विषय में जानकारी दी जाती है।इस कार्यक्रम में लोगों को गर्भधारण के बचाव के बारे में बताया जाता है। गर्भनिरोधक का महत्व व गर्भनिरोधक तरीकों के बारे में विश्वसनीय जानकारी सभी व्यक्तियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। इसलिए डब्ल्यूसीडी का प्रारंभिक लक्ष्य अवांछित गर्भधारण को रोकने में विभिन्न गर्भनिरोधक तरीकों की क्षमता के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। अनपेक्षित गर्भधारण की रोकथाम मातृ स्वास्थ्य और मृत्यु की घटनाओं को कम करने, किशोर और अधिक उम्र के गर्भधारण में देरी करने, बच्चों के बीच अंतर रखने और यहां तक की सिफलिस, गोनोरिया, एड्स या एचआईवी जैसे यौन संचारित रोगों के जोखिम को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके अलावा, अनपेक्षित गर्भधारण की दर को कम करके, गर्भनिरोधक असुरक्षित गर्भपात की आवश्यकता को भी काफी कम कर देता है।
अस्पतालों में स्थापित परिवार नियोजन परामर्श कक्ष के माध्यम से दी जाती है उचित सलाह: सिविल सर्जन
–सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि बेहतर मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य के लिए परिवार नियोजन के विभिन्न तरह के उपायों के संबंध में योग्य दम्पतियों को जानकारी दी जाती है। इच्छानुसार गर्भनिरोधक के उपायों को लेकर जागरूक किया जाता है। परिवार नियोजन सेवाओं की स्वीकार्यता तथा अधिक से अधिक लोगों द्वारा इसे अपनाने के लिए सभी स्वास्थ्य संस्थानों यथा- प्राथमिक, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर परिवार नियोजन दिवस का आयोजन किया जाता है। इसमें अधिक से अधिक महिलाओं, माताओं एवं अभिभावकों को इसकी उपयोगिता को लेकर जागरूक किया जाता है। विभिन्न अस्पतालों में स्थापित परिवार नियोजन परामर्श कक्ष को पूरी तरह से सुसज्जित करने एवं आने वाले योग्य दम्पतियों की मौलिक सुविधाओं यथा- शुद्ध पेयजल, पंखा, बैठने की व्यवस्था, प्रचार-प्रसार की व्यवस्था की जाती है।
लाभार्थियों में परिवार नियोजन के प्रति आई जागरूकता:
जिला योजना समन्वयक विश्वजीत कुमार ने बताया कि अस्पताल में आने वाले सभी योग्य लाभार्थियों एवं परिजनों में परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता आई है। इसके पहले भी उनलोगों को इसकी जानकारी थी, लेकिन समझ नहीं आ रहा था कि किस स्थिति में कौन से उपाय को अपनाया जाए। परिवार नियोजन से संबंधित परामर्श केंद्र के माध्यम से योग्य लाभार्थियों एवं अभिभावकों को इस संबंध में पूरी जानकारी दी जाती है। ताकि जनसंख्या वृद्धि को रोकने में स्वास्थ्य विभाग एवं जिलेवासियों की भूमिका को राज्यस्तर पर लाया जा सके।
