सारस न्यूज टीम, किशनगंज।
जिले में फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नियोजित होने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी गई है। गुरुवार को चार नव नियोजित प्रखंड शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने के बाद डीईओ सुभाष गुप्ता ने संबंधित नियोजन इकाई को पत्र लिखकर कार्रवाई करने को कहा है। साथ ही सेवा शर्त नियमावली 2012 के तहत सेवा समाप्ति एवं सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी भी दर्ज करवाने की बात कही। उन्होंने कहा कि नव नियोजित शिक्षकों का शैक्षणिक प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए संबंधित शिक्षण संस्थानों को भेजा गया था। संबंधित शिक्षण संस्थानों से टिप्पणी आने के बाद अब कार्रवाई किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दिघलबैंक प्रखण्ड के धनगढ़ा उत्क्रमित मध्य विद्यालय में मुकेश कुमार जयसवाल वर्ष 2019-20 में शारीरिक शिक्षक के पद पर योगदान दिया था।
इन्होंने संत गड़के बाबा अमरावती विश्वविद्यालय का शैक्षणिक प्रमाण पत्र दिया था। सत्यापन के क्रम में यह बात सामने आया कि इन्होंने प्रमाण पत्र के साथ मैनिपुलेट किया है। साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ करने का शिकायत मिलने के बाद डीईओ ने सेवा समाप्त करने के लिए नियोजन इकाई को पत्र लिखा है। साथ ही प्राथमिकी भी दर्ज करने को कहा है। पोठिया प्रखण्ड के खटिया पिछला उत्क्रमित मध्य विद्यालय में नव नियोजित शिक्षक कृष्ण कुमार एवं कोचाधामन प्रखण्ड के भगाल उत्क्रमित मध्य विद्यालय में नियोजित शिक्षक मोहम्मद पेशकार अली ने सिंघानिया विश्वविद्यालय राजस्थान का प्रमाण पत्र दिया था।
सत्यापन में यह बात सामने आया की एनसीईटी के वेबसाइट पर सिंघानिया विश्वविद्यालय है ही नहीं। दोनों का प्रमाण पत्र फर्जी करार देते हुए कार्रवाई करने के लिए डीईओ ने संबंधित नियोजन इकाई को पत्र लिखा है। इसी विश्वविद्यालय के प्रमाणपत्र पर योगदान करने वाली शिक्षिका बबली कुमारी इस्तीफा दे चुकी है। टेढ़ागाछ प्रखण्ड के कंचनबाड़ी उत्क्रमित मध्य विद्यालय में नियोजित शिक्षक विभास कुमार दास ने छत्रपति साहू महाराज विश्वविद्यालय महाराष्ट्र का शैक्षणिक प्रमाण पत्र दिया था।
सत्यापन के बाद संबंधित विश्वविद्यालय द्वारा इनका नामांकन इस विवि में नहीं रहने का टिप्पणी आया। डीईओ ने इस आधार पर सेवा समाप्त करने के साथ साथ विधि सम्मत कार्रवाई के लिए संबंधित नियोजन इकाई को पत्र लिखा है।