देवाशीष चटर्जी, सारस न्यूज़, किशनगंज।
टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र के मुख्य नदी रतुवा एवं कनकई में बाढ़ आने से जो तबाही हुई हैं उनमें कई लोगों के आशियाने छिन गये। अत्यधिक तबाही होने के पश्चात प्रशासन नींद से अब जगी है। नदियों के जलस्तर घटने के बाद प्रशासन द्वारा नदी कटाव से बचाव के लिये तीन टंगा पिलर का इस्तेमाल नदी किनारे किया जा रहा है, यह पहली बार नहीं है इस से पहले भी तीन टंगा का इस्तेमाल किया गया था किन्तु नदी की तेज बहाव में वह बह गया। उसपर भी फुलबरिया बाजार में कुछ ही दुरी पर बाढ़रोधी कार्य कर प्रशासन खानापुर्ती करना चाह रही है, जबकि बाढरोधी कार्य अधिक दूरी तक करने कि अत्यधिक आवश्यकता है।
रतुवा नदी टेढ़ागाछ के मुख्य बाजार फुलबरिया का कटाव लगभग 1 किलोमीटर तक कर रही है लेकिन प्रशासन द्वारा अबतक 100 मिटर के लगभग तीन टंगा पिलर बिछाया गया है। युवा जदयू नेता गोविंदा तिवारी ने बताया कि रतुवा नदी की बहाव इतनी तेज होती है, कि बड़े-बड़े भवन, विशाल वृक्ष, आसानी से नदी के गर्त में समा जाते है। पहले भी कई बार बाढ़रोधी कार्य किए गए थे, जो कि नदी की तेज बहाव के कारण नदी में बह गए। बाढ़ से होने वाली तबाही से प्रखंड क्षेत्र के मुख्य बाजार फुलवरिया को बचाने हेतु बाढ के मौसम आने से पूर्व भी प्रशासन द्वारा इस प्रकार के खानापूर्ति राहत कार्य किए जा सकते थे। स्थानीय निवासी बिनोद साह, विशाल साह, जगमोहन तिवारी, रवि महतो, गुड्डू पैकड़ा, चंदेश्वार साह, बृजमोहन जैन आदि लोगों ने बताया कि बाजार की सबसे बड़ी समस्या बांध का कटा हुआ भाग है, जो कि कई वर्ष पूर्व ही कट गई थी। किन्तु बांध के कटे हुए भाग के लिए प्रशासन द्वारा आज तक कोई कदम नहीं उठाया गया। बाढ़रोधी कार्य को अधिक दूरी तक आवश्यकता के अनुरूप और पूरे मजबूती के साथ कार्य करने की मांग की जा रही हैं।
