टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र अन्तर्गत विभिन्न स्थानों में बुधवार को गुरु पूर्णिमा का पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर भक्तजन लंबी कतारों में खड़े होकर गुरु पूजन पवित्र हृदय के साथ कर गुरु के अनुयायियों ने गुरु के नाम के जयकारे लगाए। इसके साथ ही पंडित कृष्णा तिवारी ने बताया कि गुरु शिष्य परम्परा प्राचीन भारतीय विधाओं की संरक्षक हैं। भारतीय मनीषियों ने शिष्यों के माध्यम से ज्ञान के धरोहर को जन जन तक पहुंचाने का कार्य किया है। यह विज्ञान आयुर्वेद, योग विज्ञान, ज्योतिष विज्ञान, संगीत, संस्कार परम्परा की विभिन्न उपासना पद्धतियां गुरु शिष्य के माध्यम से ही जनमानस तक पहुंचती हैं। अखंड जाप के अलावा हवन पूजन हुआ और रात्रि जागरण के साथ भजन कीर्तन का आयोजन भी किया गया। भक्तजनों के भजन और जयकारे से धार्मिक स्थलो का माहौल भक्तिमय हो गया।
देवाशीष चटर्जी, सारस न्यूज़, टेढागाछ।
टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र अन्तर्गत विभिन्न स्थानों में बुधवार को गुरु पूर्णिमा का पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर भक्तजन लंबी कतारों में खड़े होकर गुरु पूजन पवित्र हृदय के साथ कर गुरु के अनुयायियों ने गुरु के नाम के जयकारे लगाए। इसके साथ ही पंडित कृष्णा तिवारी ने बताया कि गुरु शिष्य परम्परा प्राचीन भारतीय विधाओं की संरक्षक हैं। भारतीय मनीषियों ने शिष्यों के माध्यम से ज्ञान के धरोहर को जन जन तक पहुंचाने का कार्य किया है। यह विज्ञान आयुर्वेद, योग विज्ञान, ज्योतिष विज्ञान, संगीत, संस्कार परम्परा की विभिन्न उपासना पद्धतियां गुरु शिष्य के माध्यम से ही जनमानस तक पहुंचती हैं। अखंड जाप के अलावा हवन पूजन हुआ और रात्रि जागरण के साथ भजन कीर्तन का आयोजन भी किया गया। भक्तजनों के भजन और जयकारे से धार्मिक स्थलो का माहौल भक्तिमय हो गया।
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