शराबबंदी को लेकर टेढ़ागाछ थानाध्यक्ष नीरज कुमार निराला के नेतृत्व में थाना क्षेत्र के विभिन्न आदिवासी टोले में विशेष अभियान चलाया गया। बताते चलें कि शराबंदी अभियान के तहत चिलहानिया पंचायत के कास्ट खर्रा, आदिवासी टोला सहित अन्य स्थानों पर पुलिस द्वारा छापेमारी की गई। पुलिस द्वारा शराब बनाने के उपकरणों एवं समाग्रियों को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया। इस दौरान लोगों को शराबबंदी को लेकर जागरूक करते हुए बताया गया कि बिहार में पूरी तरह से शराब बनाने एवं बेचने पर प्रतिबंध है। इसे बनाना अथवा पीना दोनों गैरकानूनी है। वहीं थानाध्यक्ष ने लोगों से कहा कि सरकार का यह अभियान बेहतर है। शराब पीने वाले अगर शराब छोड़ कर देखें तो उन्हें काफी फायदा होगा। एक तो पैसों की बचत होती है दूसरा पारिवारिक कलह से भी छुटकारा मिलता है। शराब बेवजह विवाद का घर है।
बिहार में शराब पीना अथवा निर्माण करना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। इस दौरान शराब बनाने के बर्तन, टीना, देशी शराब बनाने में उपयुक्त सामग्री को पूरी तरह नष्ट करते हुए लोगों से शराब नहीं पीने की अपील की गई। इसके पश्चात थानाध्यक्ष नीरज कुमार निराला ने आदिवासी समाज के महिलाओं एवं पुरुषों के साथ बैठक कर शराबबंदी अभियान के बारे में जानकारी दिया, वहीं स्थानीय लोगों ने इस कार्यक्रम की जमकर सराहना की है। थानाध्यक्ष ने शराबबंदी अभियान सफल बनाने को लेकर जनप्रतिनिधियों से भी सहयोग की अपील की है। अगर किसी गांव में अवैध तरीके से देशी शराब बनाए जा रहे हैं या बेचे जा रहे हैं तो इसकी सूचना तुरंत पुलिस को देने की बात कही है।
विजय गुप्ता, सारस न्यूज, किशनगंज।
शराबबंदी को लेकर टेढ़ागाछ थानाध्यक्ष नीरज कुमार निराला के नेतृत्व में थाना क्षेत्र के विभिन्न आदिवासी टोले में विशेष अभियान चलाया गया। बताते चलें कि शराबंदी अभियान के तहत चिलहानिया पंचायत के कास्ट खर्रा, आदिवासी टोला सहित अन्य स्थानों पर पुलिस द्वारा छापेमारी की गई। पुलिस द्वारा शराब बनाने के उपकरणों एवं समाग्रियों को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया। इस दौरान लोगों को शराबबंदी को लेकर जागरूक करते हुए बताया गया कि बिहार में पूरी तरह से शराब बनाने एवं बेचने पर प्रतिबंध है। इसे बनाना अथवा पीना दोनों गैरकानूनी है। वहीं थानाध्यक्ष ने लोगों से कहा कि सरकार का यह अभियान बेहतर है। शराब पीने वाले अगर शराब छोड़ कर देखें तो उन्हें काफी फायदा होगा। एक तो पैसों की बचत होती है दूसरा पारिवारिक कलह से भी छुटकारा मिलता है। शराब बेवजह विवाद का घर है।
बिहार में शराब पीना अथवा निर्माण करना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। इस दौरान शराब बनाने के बर्तन, टीना, देशी शराब बनाने में उपयुक्त सामग्री को पूरी तरह नष्ट करते हुए लोगों से शराब नहीं पीने की अपील की गई। इसके पश्चात थानाध्यक्ष नीरज कुमार निराला ने आदिवासी समाज के महिलाओं एवं पुरुषों के साथ बैठक कर शराबबंदी अभियान के बारे में जानकारी दिया, वहीं स्थानीय लोगों ने इस कार्यक्रम की जमकर सराहना की है। थानाध्यक्ष ने शराबबंदी अभियान सफल बनाने को लेकर जनप्रतिनिधियों से भी सहयोग की अपील की है। अगर किसी गांव में अवैध तरीके से देशी शराब बनाए जा रहे हैं या बेचे जा रहे हैं तो इसकी सूचना तुरंत पुलिस को देने की बात कही है।
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