टेढ़ागाछ से बहादुरगंज जाने वाली मुख्य सड़क जो प्रधानमंत्री सड़क है। इन दिनों जर्जर स्थिति में है। इस सड़क पर दर्जनों गड्ढे बने हुए हैं। जिसमें हल्की बारिश होने से जल जमाव हो जाती है और उसपर राहगीरों को आवाजाही करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। ज्ञात हो कि टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र में ओवर लोडिंग ट्रक के परिचालन से सड़क जर्जर हो रही है। जिससे इन दिनों टेढ़ागाछ से बहादुरगंज सड़क पर सफर करना खतरा से खाली नहीं है। विगत दिनों इसी सड़क पर टेढ़ागाछ प्रखंड मुख्यालय में कार्यरत किशनगंज निवासी कम्प्यूटर ऑपरेटर राजीव झा की मौत सड़क दुर्घटना में हो गयी। प्रखंड क्षेत्र में धड़ल्ले से ओवर लोडिंग ट्रकों की परिचालन हो रही है। बालू, बेडमिशाली और गिट्टी लदी ओवरलोडिंग ट्रकों के परिचालन से ग्रामीण सड़क, पुल, पुलिया व कलवर्ट जर्जर हो गयी है। ज्ञात हो कि इस सड़क की स्थित जर्जर है और इस सड़क में कई छोटे-छोटे कलवर्ट पर भारी वाहनों के परिचालन से बढ़ती खतरे की संभावना से स्थानीय ग्रामीणों ने जिला पदाधिकारी से सुधि लेने की मांग की है। फिर भी भारी वाहनों व ओवरलोडिंग रोकने वाले जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता के कारण रोजाना दर्जनों ओवरलोड ट्रकें टेढ़ागाछ-बहादुरगंज पथ पर स्थित जर्जर सड़क व कलवर्ट होकर गुजरती है।
सूत्रों का कहना है कि ओवरलोडिंग के धंधे से जुड़े कुछ लोग इंट्री लेकर जिले से ओवरलोड ट्रकों को पास करा रहे हैं। तमाम पुलिस थानों और चौकियों के सामने से गुजरने वाले इन ओवरलोड ट्रकों पर भी पुलिस की नजर नहीं पड़ रही है। सूत्र बताते हैं कि जिले में प्रति दिन ओवरलोड ट्रकों के खेल से जुड़े लोग एक दिन में लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं। ओवरलोड पर प्रशासन की उदासीनता से शाम को अंधेरा होने के बाद जिला के मुख्य मार्ग से होते हुए टेढ़ागाछ प्रखंड की ओर आने वाले मार्ग पर ओवरलोड बालू के ट्रकों का जो तांता लगता है, वह तड़के सुबह तक जारी रहता है। भारी वाहनों में गिट्टी लदे ट्रक भी शामिल हो जाते हैं। इन ट्रकों पर गिट्टी और बालू की इतनी ज्यादा ओवरलोडिंग रहती है, कि चढ़ाई चढ़ने में भी ट्रक हांफ जाती है। 10 से 15 की स्पीड में रेंगते हुए किसी तरह चढ़ाई चढ़ पाती है। सूत्रों के अनुसार यदि बालू और गिट्टी के लोडिंग स्थलों से ही ओवरलोड पर सख्ती से रोक लगाई जाए तो यह नौबत नहीं आएगी। स्थानीय ग्रामीणों ने जर्जर सड़क व कलवर्ट पर भारी वाहनों का परिचालन पर प्रशासन से रोक लगाने की मांग की है।
देवाशीष चटर्जी, सारस न्यूज़, टेढ़ागाछ।
टेढ़ागाछ से बहादुरगंज जाने वाली मुख्य सड़क जो प्रधानमंत्री सड़क है। इन दिनों जर्जर स्थिति में है। इस सड़क पर दर्जनों गड्ढे बने हुए हैं। जिसमें हल्की बारिश होने से जल जमाव हो जाती है और उसपर राहगीरों को आवाजाही करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। ज्ञात हो कि टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र में ओवर लोडिंग ट्रक के परिचालन से सड़क जर्जर हो रही है। जिससे इन दिनों टेढ़ागाछ से बहादुरगंज सड़क पर सफर करना खतरा से खाली नहीं है। विगत दिनों इसी सड़क पर टेढ़ागाछ प्रखंड मुख्यालय में कार्यरत किशनगंज निवासी कम्प्यूटर ऑपरेटर राजीव झा की मौत सड़क दुर्घटना में हो गयी। प्रखंड क्षेत्र में धड़ल्ले से ओवर लोडिंग ट्रकों की परिचालन हो रही है। बालू, बेडमिशाली और गिट्टी लदी ओवरलोडिंग ट्रकों के परिचालन से ग्रामीण सड़क, पुल, पुलिया व कलवर्ट जर्जर हो गयी है। ज्ञात हो कि इस सड़क की स्थित जर्जर है और इस सड़क में कई छोटे-छोटे कलवर्ट पर भारी वाहनों के परिचालन से बढ़ती खतरे की संभावना से स्थानीय ग्रामीणों ने जिला पदाधिकारी से सुधि लेने की मांग की है। फिर भी भारी वाहनों व ओवरलोडिंग रोकने वाले जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता के कारण रोजाना दर्जनों ओवरलोड ट्रकें टेढ़ागाछ-बहादुरगंज पथ पर स्थित जर्जर सड़क व कलवर्ट होकर गुजरती है।
सूत्रों का कहना है कि ओवरलोडिंग के धंधे से जुड़े कुछ लोग इंट्री लेकर जिले से ओवरलोड ट्रकों को पास करा रहे हैं। तमाम पुलिस थानों और चौकियों के सामने से गुजरने वाले इन ओवरलोड ट्रकों पर भी पुलिस की नजर नहीं पड़ रही है। सूत्र बताते हैं कि जिले में प्रति दिन ओवरलोड ट्रकों के खेल से जुड़े लोग एक दिन में लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं। ओवरलोड पर प्रशासन की उदासीनता से शाम को अंधेरा होने के बाद जिला के मुख्य मार्ग से होते हुए टेढ़ागाछ प्रखंड की ओर आने वाले मार्ग पर ओवरलोड बालू के ट्रकों का जो तांता लगता है, वह तड़के सुबह तक जारी रहता है। भारी वाहनों में गिट्टी लदे ट्रक भी शामिल हो जाते हैं। इन ट्रकों पर गिट्टी और बालू की इतनी ज्यादा ओवरलोडिंग रहती है, कि चढ़ाई चढ़ने में भी ट्रक हांफ जाती है। 10 से 15 की स्पीड में रेंगते हुए किसी तरह चढ़ाई चढ़ पाती है। सूत्रों के अनुसार यदि बालू और गिट्टी के लोडिंग स्थलों से ही ओवरलोड पर सख्ती से रोक लगाई जाए तो यह नौबत नहीं आएगी। स्थानीय ग्रामीणों ने जर्जर सड़क व कलवर्ट पर भारी वाहनों का परिचालन पर प्रशासन से रोक लगाने की मांग की है।
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